मीराबाई पर निबंध Essay on Mirabai in Hindi
मीराबाई पर निबंध Essay on Mirabai in Hindi
मीराबाई का जन्म 1498 में राजस्थान के कुड़की गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनका बचपन से ही भगवान कृष्ण के प्रति गहरा प्रेम था। बचपन में ही उन्होंने कृष्ण की मूर्ति को अपना पति मान लिया था। उनका विवाह मेवाड़ के राजकुमार भोजराज से हुआ, लेकिन विवाह के बाद भी उनका मन सांसारिक जीवन में नहीं लगा और वे कृष्ण-भक्ति में लीन रहीं।
पति की मृत्यु के बाद मीराबाई ने सामाजिक बंधनों और राजसी जीवन का त्याग कर दिया। परिवार ने उन्हें कई बार रोका, लेकिन उन्होंने अपने भक्ति मार्ग को नहीं छोड़ा। उन्होंने राजस्थान, गुजरात और वृंदावन के कई तीर्थों की यात्रा की और अपनी भक्ति के भजनों से लोगों को प्रेरित किया।
मीराबाई के भजन कृष्ण के प्रति उनके प्रेम, समर्पण और सामाजिक बंधनों के प्रति विद्रोह को व्यक्त करते हैं। वे संत रविदास से भी प्रभावित थीं। अंत में, मीराबाई ने द्वारका में कृष्ण की भक्ति में अपने जीवन का समर्पण किया और कहा जाता है कि 1546 में वे श्रीकृष्ण में लीन हो गईं।
मीराबाई पर निबंध Essay on Mirabai in Hindi
निष्कर्ष :
मीराबाई का जीवन भक्ति, प्रेम, और सामाजिक बंधनों के प्रति विद्रोह का प्रतीक है। उनका संपूर्ण जीवन भगवान कृष्ण के प्रति समर्पित रहा, जिसे उन्होंने अपना आराध्य, पति और मित्र माना। मीराबाई ने राजसी जीवन, सामाजिक मान्यताओं और पारिवारिक विरोधों को त्यागकर भक्ति के मार्ग को चुना, जिसमें प्रेम, समर्पण और भक्ति की गहन अनुभूति थी। उनके भजन न केवल उनकी आध्यात्मिकता को प्रकट करते हैं, बल्कि समाज में स्त्रियों के अधिकार और स्वतंत्रता की प्रेरणा भी देते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर के प्रति अनन्य प्रेम और विश्वास के सामने कोई भी बाधा टिक नहीं सकती।
मीराबाई भारतीय भक्तिकाल की महान संत और कृष्ण भक्त थीं, जिनका जीवन और काव्य अद्वितीय भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। 16वीं शताब्दी की इस राजपूत राजकुमारी ने सांसारिक जीवन, समाज और रुढ़िवादी परंपराओं को त्यागकर, अपने आराध्य भगवान कृष्ण को ही अपना सर्वस्व मान लिया। उनके जीवन की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने समाज के बंधनों को चुनौती दी और अपने आराध्य के प्रति अनन्य प्रेम और विश्वास के मार्ग पर चल पड़ी। मीराबाई के भजनों में प्रेम, विरह, समर्पण और भक्ति का सजीव चित्रण मिलता है, जो आज भी जनमानस के हृदय में गूंजता है।
मीराबाई पर निबंध Essay on Mirabai in Hindi
प्रस्तावना :
मीराबाई ने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया, परंतु उनके मन की अडिग आस्था ने उन्हें कभी विचलित नहीं होने दिया। उनकी कविताओं में कृष्ण के प्रति गहन प्रेम, सामाजिक बंधनों के प्रति विद्रोह, और सांसारिक मोह-माया से विमुक्ति की भावना प्रकट होती है। उनकी रचनाओं ने न केवल साहित्यिक धरोहर को समृद्ध किया, बल्कि संत साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। मीराबाई का जीवन भक्ति, त्याग और आत्मसमर्पण का प्रेरणादायक उदाहरण है, जो आज भी भक्ति मार्ग पर चलने वाले लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
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