हरिहर काका Class 10 Hindi Chapter 1 Sanchayan Ncert Solutions
📚 हरिहर काका | कक्षा 10 हिंदी - संचयन भाग 2 | अध्याय 1 | NCERT Solutions नमस्कार साथियों! इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे संचयन भाग 2 के पहले अध्याय "हरिहर काका" के NCERT प्रश्नों के उत्तर सरल और स्पष्ट भाषा में। यह अध्याय एक वृद्ध व्यक्ति हरिहर काका की कहानी है, जो ज़मीन और संपत्ति के लालच में अपने ही परिवार द्वारा उपेक्षित किए जाते हैं। यह पाठ परिवार, रिश्तों और आत्मसम्मान की जटिलताओं को उजागर करता है। आइए, इस अध्याय को गहराई से समझते हैं और सभी प्रश्नों के उत्तर तैयार करते हैं।
1.कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?
Ans-हरिहर काका और कथावाचक के बीच आत्मीय और गहरा संबंध था। बचपन में हरिहर काका ने कथावाचक को बहुत स्नेह दिया था। दोनों पड़ोसी थे और समय के साथ उनका संबंध मित्रता में बदल गया। इसी कारण वे एक-दूसरे से खुलकर बातें किया करते थे।
2. हरिहर काका को मंहत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?
Ans-हरिहर काका नि:संतान थे और उनके पास पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और उनके भाई की नजर उसी जमीन पर थी। पहले उन्होंने काका को मीठी बातों से मनाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो दबाव डालना शुरू कर दिया। जमीन पाने की चाह में दोनों किसी भी हद तक जा सकते थे, इसलिए हरिहर काका को मंहत और भाई एक जैसे लगने लगे।
3. ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?
Ans-गाँववालों के मन में ठाकुरबारी के प्रति गहरी श्रद्धा थी। वे अपनी हर सफलता का श्रेय ठाकुरजी को देते थे। इससे उनकी ईश्वर में आस्था, भक्ति-भावना और कहीं-कहीं अंधश्रद्धा जैसी सोच का भी पता चलता है।
4. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
Ans-हरिहर काका भले ही अनपढ़ थे, लेकिन उन्हें दुनियादारी की अच्छी समझ थी। वे जानते थे कि जब तक जमीन उनके पास है, लोग उनका आदर करेंगे। भाई जब जबरन जमीन लेने की कोशिश करते, तो उन्हें उन लोगों की याद आती जो दिखावे में फंसकर अपनी जमीन गँवा चुके थे और नारकीय जीवन जी रहे थे। इसीलिए काका ने तय कर लिया था कि न मंहत की बातों में आएंगे, न भाई के दिखावे में—जमीन किसी को नहीं देंगे। इससे साफ होता है कि वे अनपढ़ होकर भी समझदार थे।
5. हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
Ans-महंत के आदमी रात में हथियारों के साथ आए और जबरन हरिहर काका को उठाकर ठाकुरबारी ले गए। वहाँ उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश की गई, लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्हें डराकर सादे कागज़ों पर अंगूठा लगवाया गया। फिर उनके मुँह में कपड़ा ठूँसकर अनाज के गोदाम में बंद कर दिया गया।
6. हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?
Ans-हरिहर काका के मामले में गाँव दो पक्षों में बँट गया था। एक पक्ष मंहत के साथ था, जो चाहता था कि काका अपनी जमीन ठाकुरबारी को दे दें ताकि उन्हें मोक्ष और यश मिले। यह सोच उनकी धार्मिक प्रवृत्ति और प्रसाद के मोह से जुड़ी थी। दूसरा पक्ष प्रगतिशील था, जो मानता था कि जमीन परिवार को मिलनी चाहिए ताकि उनका जीवन सुधरे। दोनों पक्ष अपने-अपने नजरिए से सोच रहे थे, लेकिन कोई भी वास्तव में हरिहर काका की इच्छा और भलाई के बारे में नहीं सोच रहा था। काका विधुर और नि:संतान थे, यही बात सबकी सोच को और भी प्रभावित कर रही थी।
7. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।
Ans-जब हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत की सच्चाई पता चली, तो उन्हें अहसास हुआ कि सब उनकी जमीन के लालच में हैं। उन्होंने ठान लिया कि ऐसे जीवन से अच्छा है एक बार मरना। अब वे न महंत के बहकावे में आए, न भाइयों से डरे। उन्होंने जमीन न देने का फैसला कर लिया। इसी लिए लेखक ने कहा है कि अज्ञान में इंसान मृत्यु से डरता है, पर ज्ञान होने पर उसे स्वीकार कर लेता है।
8. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
Ans-समाज में रिश्तों का अहम स्थान होता है, लेकिन आजकल स्वार्थ के कारण इनका महत्व घटता जा रहा है। लोग अब रिश्ते भी लालच के आधार पर निभाते हैं। जमीन-जायदाद के लिए हत्या तक कर देते हैं। यही कारण है कि हरिहर काका जैसे लोगों को अपनों से बचने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। जब रिश्तों में स्वार्थ आ जाए, तो वे सिर्फ दिखावा बनकर रह जाते हैं।
9. यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?
Ans-अगर हमारे आस-पास कोई व्यक्ति हरिहर काका जैसी स्थिति में हो, तो हमारा फर्ज है कि हम उसकी हर संभव मदद करें। सबसे पहले हम बुज़ुर्गों और समझदार लोगों को साथ लेकर उसे भरोसा दिलाएँगे कि वह अकेला नहीं है—समाज उसके साथ है। फिर उसके परिवार को समझाने की कोशिश करेंगे। जरूरत पड़ी तो किसी सामाजिक संस्था से जुड़कर समाधान का रास्ता तलाशेंगे। और अगर समस्या फिर भी बनी रहे, तो हम पुलिस और मीडिया की मदद लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
10. हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।
Ans-अगर हरिहर काका की बात मीडिया तक पहुँचती, तो उन्हें अकेलेपन और अत्याचार का सामना नहीं करना पड़ता। वे अपनी बात खुलकर कह पाते और दोषियों का पर्दाफाश हो जाता। मंहत और भाइयों पर कार्रवाई होती और काका को सुरक्षित जीवन मिल पाता। मीडिया उनके लिए न्याय और सुरक्षा का माध्यम बन सकती थी।
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