काली पूजा पर निबंध Essay On Kali Puja
काली पूजा हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध और पवित्र त्यौहार है। यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और बिहार में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। काली पूजा दीपावली की रात को ही मनाई जाती है।
इस दिन भक्त माँ काली की पूजा करते हैं, जो शक्ति और निडरता की देवी मानी जाती हैं। माँ काली को अंधकार और बुराई का नाश करने वाली देवी कहा गया है। भक्तगण देवी की मूर्ति बनवाकर दीप, अगरबत्ती, फूल और मिठाइयों से पूजा करते हैं। कई स्थानों पर पूरी रात भजन, कीर्तन और आरती होती है।
माँ काली की पूजा से मनुष्य के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और साहस, शक्ति तथा आत्मविश्वास बढ़ता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत और शक्ति की उपासना का प्रतीक है।
निष्कर्ष:
काली पूजा हमें यह सिखाती है कि हमें अपने अंदर की बुराइयों को दूर कर सच्चाई और साहस के मार्ग पर चलना चाहिए।
काली पूजा पर 10 पंक्तियों का निबंध Essay On Kali Puja 10 Words
1. काली पूजा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है।
2. यह दीपावली की रात को मनाया जाता है।
3. इस दिन माँ काली की पूजा की जाती है।
4. माँ काली शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं।
5. भक्त दीप, फूल, मिठाई और धूप से पूजा करते हैं।
6. कई जगह पूरी रात भजन और आरती होती है।
7. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
8. माँ काली की पूजा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
9. लोग अपने जीवन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
10. काली पूजा हमें सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलना सिखाती है।
काली पूजा पर निबंध 300 शब्दों में Essay On Kali Puja 300 Words
काली पूजा हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और बिहार में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व दीपावली की रात को मनाया जाता है। जिस समय उत्तर भारत में लोग लक्ष्मी पूजा करते हैं, उसी समय बंगाल में भक्त माँ काली की आराधना करते हैं।
माँ काली को शक्ति, साहस और विनाश की देवी माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब असुरों ने धरती पर अत्याचार बढ़ा दिए थे, तब माँ काली ने उनका नाश किया। उनके इस रूप से यह संदेश मिलता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई और सत्य की शक्ति हमेशा उस पर विजय प्राप्त करती है।
काली पूजा के दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, दीपों से सजावट करते हैं और माँ काली की मूर्तियों को स्थापित करते हैं। पूजा में दीप, धूप, पुष्प, फल और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। भक्त पूरी रात जागरण करते हैं, भजन और आरती करते हैं। कई स्थानों पर विशेष अनुष्ठान और यज्ञ भी आयोजित किए जाते हैं।
माँ काली की पूजा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास, शक्ति और साहस का संचार होता है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर की बुराइयों, जैसे क्रोध, अहंकार और लोभ को समाप्त करके सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
निष्कर्ष:
काली पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत और शक्ति की आराधना का प्रतीक है। यह त्यौहार हमें निडर बनकर सत्य और न्याय की रक्षा करने की प्रेरणा देता है।
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