गुरु गोविंद सिंह जयंती पर हिंदी निबंध लिखें Guru Govind Jayanti Essay in Hindi
गुरु गोविंद सिंह जयंती सिख समुदाय का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। यह दिन ख़ालसा पंथ के संस्थापक, दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जन्म 1666 में पटना साहिब (बिहार) में हुआ था। बचपन से ही उनमें साहस, धर्मसमर्पण और न्याय के प्रति अद्भुत भावना थी। उनका पूरा जीवन सच और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित रहा।
गुरु गोविंद सिंह जी न सिर्फ़ महान आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि वे एक वीर योद्धा, कवि, दार्शनिक और समाज-सुधारक भी थे। उन्होंने अपने समय में समाज को जोड़ने, भेदभाव मिटाने और लोगों को आत्मसम्मान के साथ जीने का मार्ग दिखाया। उन्होंने सिख समुदाय को संगठित कर उसे नई पहचान और शक्ति प्रदान की। 1699 में वैसाखी के अवसर पर उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जो साहस, समानता, त्याग और सच्चाई का प्रतीक है।
गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। उन्होंने अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी को धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देते देखा। इसके बाद भी उन्होंने पीछे हटने के बजाय अन्याय और क्रूरता के खिलाफ संघर्ष जारी रखा। अपने चारों पुत्रों—साहिबजादों—का बलिदान देने के बावजूद उनकी आस्था और संकल्प कभी डगमगाया नहीं। वे हमेशा कहते थे कि “सच्चाई के लिए दिया गया बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता"
गुरु गोविंद सिंह जयंती के दिन देश और दुनिया भर में गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास, लंगर और नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और गुरु जी की शिक्षाओं को याद करते हैं। इस दिन विशेष रूप से निस्वार्थ सेवा, एकता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है।
गुरु गोविंद सिंह जी ने हमें सिखाया कि धर्म का मतलब केवल पूजा नहीं, बल्कि हर इंसान के अधिकार की रक्षा करना भी है। उनकी शिक्षाएँ आज भी हमें साहस, मानवीय मूल्य, समानता और सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती हैं। इसलिए गुरु गोविंद सिंह जयंती सिर्फ़ एक पर्व नहीं, बल्कि एक पवित्र अवसर है जब हम अपने जीवन में अच्छाई, साहस और मानवता को अपनाने का संकल्प लेते हैं।
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