भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस पर निबंध Indian Armed Forces Flag Day
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस भारतीय इतिहास में गर्व और शौर्य का प्रतीक है। हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिन सेना के बलिदान, समर्पण, और वीरता को याद करने का अवसर प्रदान करता है। भारतीय सशस्त्र सेना अपने अदम्य साहस और देश की सुरक्षा में अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्ध है।
सेना के जवानों और उनके परिवारों का बलिदान, उनकी निष्ठा और समर्पण देशवासियों के लिए नम्रता और आभार का प्रतीक है। झण्डा दिवस हर भारतीय के लिए सेना के प्रति सम्मान और समर्थन का प्रकटीकरण करता है।
इस दिन को मनाने से हम यह संदेश देते हैं कि हम सभी सेना के सदस्यों के साहस, बलिदान, और समर्पण को सराहते हैं, और उनकी सेवा का सम्मान करते हैं। झण्डा दिवस हर भारतीय को अपने सेना के प्रति गर्व और सम्मान का अभिवादन करता है।
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस हर भारतीय को एक संकल्प और एकजुटता की भावना देता है कि हम सभी मिलकर देश की सुरक्षा और समृद्धि में योगदान करेंगे।
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस पर निबंध Indian Armed Forces Flag Day
भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास :
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस का इतिहास उसके वीरता और समर्पण को याद करने का अवसर प्रदान करता है। भारत देश की आजादी के बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवार के कल्याण के लिए एक समिति द्वारा गठन किया गया। इस समिति द्वारा ही 7 दिसंबर के दिन को यानि भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में चुना गया। तब से भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस 7 दिसंबर को मनाया जाने लगा।
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस क्यों मनाया जाता हैं:
झण्डा दिवस उस समय की स्मृति में मनाया जाता है जब संविधान की स्वीकृति के बाद सेना के सदस्यों ने अपनी वीरता और बलिदान का प्रदर्शन किया था। इस दिन को सेना के बलिदान और समर्पण को याद करने के लिए समर्पित किया गया है। झण्डा दिवस हर भारतीय को देश की सुरक्षा में सेना के सदस्यों के योगदान का गर्व महसूस कराता है।
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस का महत्व:
भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस देश के वीर जवानों और उनके समर्पण को सम्मानित करने का अवसर होता है। यह दिन सशस्त्र बलों के साहस, पराक्रम, और त्याग को याद करते हैं। सेना झण्डा दिवस देशवासियों को एक संदेश देता है कि हमें सेना के समर्पण और बलिदान को समझना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। इस दिन को सेना के वीर जवानों के साहस और समर्पण का अभिवादन करने का भी महत्व है।
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