कृषि Class 10th Chapter-4 Ncert
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i)निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?(क) स्थानांतरी कृषि (ग) बागवानी(ख) रोपण कृषि√ (घ) गहन कृषि
(ii) इनमें से कौन-सी रबी फसल है?
(क) चावल (ग) चना√
(ख) मोटे अनाज (घ) कपास
(iii) इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है?
(क) दालें√ (ग) ज्वार तिल
(ख) मोटे अनाज (घ) तिल
2.शास्य गहनता के आधार पर भारतीय कृषि को कौन-कौन से वर्गो में बांटा गया है। उदाहरण सहित लिखें। Ans-शास्य गहनता के आधार पर भारतीय कृषि को मुख्य रूप से तीन वर्गों में बांटा गया है:-
(i)खरीफ फसल-वैसे फसल जो मानसून के साथ ही जून से लेकर सितंबर अक्टुबर तक बोया और कांटा जाता है उसे ही खरीफ फसल कहा जाता है।
(ii)जायद फसल-वैसे फसल को जो मार्च अप्रैल से लेकर जून तक उगाए जाते है उसे जायदा फसल कहा जाता है इसमें मुख्य रूप से खीरा, ककड़ी, तरबूज, करेली,भिंडी आदि सब्जियों की खेती की जाती है।
(iii)रवि फसल-वैसे फसल जो मुख्य रूप से अक्टुबर-नवंबर में बाई जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती हैं इसके तहत मुख्य रूप से चना,गेंहू ,मटर,सरसों आदि की खेती की जाती है।
3.रोपन कृषि क्या है? Ans-जब एक बार पौधों को उगाकर उससे 20-25 वर्षों तक फसल या फल प्राप्त किया जाता है तो कृषि के ऐसे रूप को ही रोपन कृषि कहा जाता है। जैसे-चाय के बगान, रबड़ का बगान, कॉफी का बगान।
4.कर्तन दहन प्रणाली क्या है? Ans-कर्तन दहन प्रणाली कृषि की एक पारंपरिक पद्धति है जिसके तहत किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज व अन्य खाद फसलें उगाते है जब मृदा की उर्वता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करके खेती करना शुरू कर देते हैं।
2.निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दिजीए। 1.एक पेय फसल का नाम बताएं तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दे। Ans-चाय एक पेय फसल है जिसे उगाने के लिए निम्नलिखित भौगोलिक दशाओं की आवश्यकता होती है:-
(i)या फसल लेटराइट मृदा में उगाई जाती है।
(ii)इसके लिए तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होनी चाहिए।
(iii)इस फसल के लिए 200-250 cm के बीच वर्षा होनी चाहिए।
(iv)इसकी खेती मुख्य रूप से असम की पहाड़ी डालो और दार्जिलिंग के पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है।
2.भारत के एक खाद्य फसल का नाम बताएं और यहा पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरन दें। Ans-भारत के एक प्रमुख खाद्य फसल का नाम चावल है और यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु बिहार झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों में पैदा की जाती है।
3.सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रम की सूची बनाएं। Ans-किसानों और कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार ने कुछ संस्थागत सुधार कार्यक्रम लागू किए ताकि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि हो सके जैसे-
(i)भूमि सबंधित सुधार के लिए सरकार ने जोतों की चकबंदी को लागू किया।
(ii)वित्तीय सुलभता के लिए सरकार ने सहकारिता को लागू किया।
4.दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही क्या आप इसके परिणामों को कल्पना कर सकते है? Ans-तिव्र जनसंख्या वृद्धि तथा औद्योगिकीकरण तथा शहरीकरण के कारण कृषि योग्य भूमि की प्रतिशत में दिन-प्रतिदिन कमी हो रही है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते है:-
(i)विशाल जनसंख्या के भरण-पोषण के लिए अनाजों की कमी हो सकती है।
(ii)कृषि क्षेत्र में विस्तार के लिए जंगलों का सफाया किया जा रहा है जिसमें पर्यावरण को नुकसान हो सकता है।
(iii)हमें अनाजों की आपूर्ति के लिए दूसरे देशों पर आश्रित रहना पड़ेगा।
(iv)हमारी अर्थव्यस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
3.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए। 1.कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाइए। Ans-कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कारगर प्रयास किए हैं जिसका उल्लेख निम्नांकित है:-- भूमि संबंधित सुधार-इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार ने जोतों की चकबंदी को लागू किया और किसानों की भूमि पर निजी स्वामित्व प्रदान करने के लिए जमींदार प्रथा का उन्मूलन किया है।
- किसानों को वित्तय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने सहकारिता समिति को बढ़ावा दिया और फसल बीमा योजना को लागू किया है ताकि किसानों को आर्थिक निकासन न उठाना पड़े बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता मिले।
- वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य को बढ़ावा-इसके लिए सरकार ने विभिन्न कृषि यंत्रों, उन्नत किस्म के बीजों रासायनिक खादो और किटनाशक दवाओं को किसानों को मुहैया कराने का व्यवस्था किया है।
- खेती की सिंचाई की व्यवस्था-इसके तहत सरकार ने नाहरों का निर्माण कराया तालाबों और डेमो को बनवाया तथा बड़े पैमाने पर कुओ की खुदाई और ट्यूबवेल को लगवाया ताकि भारत का कृषि उत्पाद बढ़ सके।
2.भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें। Ans-भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का कुछ सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है तो कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है जिसका वर्णन निम्नांकित है-
सकारात्मक प्रभाव-वैश्वीकरण का भारतीय कृषि पर सकारात्मक प्रभाव यह बड़ा है कि आज हम विभिन्न देशों के कृषि यंत्रों और कर रहें है। दूसरे देशों से हमें रासायनिक खादों की आपूर्ति हो रही है। और हम विभिन्न देशों को कृषि उत्पाद निर्यात कर विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहे हैं वैश्वीकरण के कारण ही हम विदेशी तकनीकों का उपयोग कृषि क्षेत्र में कर रहे हैं जिसका हमें बहुत लाभ होता है।
नाकारात्मक प्रभाव-वैश्वीकरण का भारतीय कृषि पर नाकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है आज हम विदेशी कृषि उत्पादों से प्रतिस्पर्धा की जंग लड़ रहे हैं जिसमें छोटे किसानों का भविष्य संकट में घिर गया है आज हम विदेशी अनाजों और विदेशी बीजों पर आश्रित हो चुके हैं जो भारतीय अर्थव्यस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है अंतराष्ट्रीय बाजारो में हम अपने कृषि उत्पादों की पहचान स्थापित करने में सफल नहीं हो पाए हैं जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
3.चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थियों का वर्णन करें। Ans-चावल भारत का एक प्रमुख खाद्य फसल है जिसे उन क्षेत्र में उगाया जाता है जहां वर्षा 100-150 cm होती है और तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होती है हालांकि सिंचाई के साधनों का विकास करके कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी चावल की खेती की जा रही है चावल की कृषि के लिए जलोढ़ मृदा सर्वोत्तम मृदा मान जाती है और इस मृदा का विस्तार गंगा के मैदानी क्षेत्रों और समुद्री तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है और मुख्य रूप से भारत में इन्हीं क्षेत्रों में चावल की खेती होती है क्योंकि इन क्षेत्रों में चावल की खेती के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएं पाए जाते हैं। हमारें इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर आपको इससे कोई मदत मिली हो तो कमेंट जरूर करें और साथ ही अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें।
(क) चावल (ग) चना√
(ख) मोटे अनाज (घ) कपास
(क) दालें√ (ग) ज्वार तिल
(ख) मोटे अनाज (घ) तिल
- भूमि संबंधित सुधार-इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार ने जोतों की चकबंदी को लागू किया और किसानों की भूमि पर निजी स्वामित्व प्रदान करने के लिए जमींदार प्रथा का उन्मूलन किया है।
- किसानों को वित्तय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने सहकारिता समिति को बढ़ावा दिया और फसल बीमा योजना को लागू किया है ताकि किसानों को आर्थिक निकासन न उठाना पड़े बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता मिले।
- वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य को बढ़ावा-इसके लिए सरकार ने विभिन्न कृषि यंत्रों, उन्नत किस्म के बीजों रासायनिक खादो और किटनाशक दवाओं को किसानों को मुहैया कराने का व्यवस्था किया है।
- खेती की सिंचाई की व्यवस्था-इसके तहत सरकार ने नाहरों का निर्माण कराया तालाबों और डेमो को बनवाया तथा बड़े पैमाने पर कुओ की खुदाई और ट्यूबवेल को लगवाया ताकि भारत का कृषि उत्पाद बढ़ सके।
2.भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें।
Ans-भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का कुछ सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है तो कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है जिसका वर्णन निम्नांकित है-
सकारात्मक प्रभाव-वैश्वीकरण का भारतीय कृषि पर सकारात्मक प्रभाव यह बड़ा है कि आज हम विभिन्न देशों के कृषि यंत्रों और कर रहें है। दूसरे देशों से हमें रासायनिक खादों की आपूर्ति हो रही है। और हम विभिन्न देशों को कृषि उत्पाद निर्यात कर विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहे हैं वैश्वीकरण के कारण ही हम विदेशी तकनीकों का उपयोग कृषि क्षेत्र में कर रहे हैं जिसका हमें बहुत लाभ होता है।
नाकारात्मक प्रभाव-वैश्वीकरण का भारतीय कृषि पर नाकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है आज हम विदेशी कृषि उत्पादों से प्रतिस्पर्धा की जंग लड़ रहे हैं जिसमें छोटे किसानों का भविष्य संकट में घिर गया है आज हम विदेशी अनाजों और विदेशी बीजों पर आश्रित हो चुके हैं जो भारतीय अर्थव्यस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है अंतराष्ट्रीय बाजारो में हम अपने कृषि उत्पादों की पहचान स्थापित करने में सफल नहीं हो पाए हैं जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
3.चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थियों का वर्णन करें।
Ans-चावल भारत का एक प्रमुख खाद्य फसल है जिसे उन क्षेत्र में उगाया जाता है जहां वर्षा 100-150 cm होती है और तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होती है हालांकि सिंचाई के साधनों का विकास करके कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी चावल की खेती की जा रही है चावल की कृषि के लिए जलोढ़ मृदा सर्वोत्तम मृदा मान जाती है और इस मृदा का विस्तार गंगा के मैदानी क्षेत्रों और समुद्री तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है और मुख्य रूप से भारत में इन्हीं क्षेत्रों में चावल की खेती होती है क्योंकि इन क्षेत्रों में चावल की खेती के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएं पाए जाते हैं।
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Geography 10
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