योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय Biography of Yogi Adityanath
पूरा नाम: अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ)
जन्म: 5 जून 1972
जन्म स्थान: पंचूर गाँव, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
पिता: आनंद सिंह बिष्ट (वन विभाग में अधिकारी)
माता: सावित्री देवी
जीवनी:
योगी आदित्यनाथ (जन्म 5 जून 1972, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड) एक प्रमुख भारतीय साधु और राजनीतिज्ञ हैं। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दो कार्यकाल पूरे करने वाले पहले नेता हैं। योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हुए हैं और पार्टी के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं। वे गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मठ के महंत (मुख्य पुजारी) भी हैं और सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। राजनीति में वे हिंदुत्व की विचारधारा को मजबूती देने के लिए जाने जाते हैं और 2017 के बाद से भाजपा के चुनाव अभियानों में उनकी सक्रियता उल्लेखनीय रही है। उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार कानून व्यवस्था और अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए चर्चा में रही है। इसी कारण आम जनता और मीडिया ने उन्हें “बुलडोजर बाबा” की उपाधि दी।
शिक्षा:
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह नेगी था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई टिहरी जिले के गजा गांव के स्थानीय स्कूल से शुरू की थी। वर्ष 1987 में उन्होंने टिहरी के गजा स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पूरी की।
1990 में स्नातक की पढ़ाई के दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। फिर 1992 में कोटद्वार स्थित गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री प्राप्त की।
योगी आदित्यनाथ ने 1993 में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए गोरखपुर का रुख किया। वहाँ गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद 1994 में उन्होंने सांसारिक जीवन छोड़कर सन्यास लिया और उनका नाम अजय सिंह नेगी से बदलकर योगी आदित्यनाथ रख दिया।
इस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाया और समाज सेवा की दिशा में अग्रसर हो गए।
साधु बनने की यात्रा:
युवावस्था में ही वे धार्मिक और सामाजिक कार्यों की ओर आकर्षित हो गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गृहस्थ जीवन से दूरी बनाकर सन्यास मार्ग अपनाया। 1990 के दशक में वे राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश और देशभर में सक्रिय राजनीति और धर्म से जोड़ दिया। इस दौरान उनकी मुलाकात गोरखनाथ मठ के महंत योगी अवैद्यनाथ से हुई। वे उनके शिष्य बने और आगे चलकर मठ की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
आध्यात्मिक जीवन
1990 में गोरखपुर के गोरखनाथ मठ से जुड़े।
महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बने और संन्यास लेने के बाद उन्हें “योगी आदित्यनाथ” नाम मिला।
बाद में वे गोरखनाथ मठ के महंत बने।
1990 में गोरखपुर के गोरखनाथ मठ से जुड़े।
महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बने और संन्यास लेने के बाद उन्हें “योगी आदित्यनाथ” नाम मिला।
बाद में वे गोरखनाथ मठ के महंत बने।
राजनीतिक जीवन
1998 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लोकसभा चुनाव जीतकर गोरखपुर से सबसे कम उम्र के सांसद बने।
लगातार पाँच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण प्रभाव रहा।
19 मार्च 2017 को वे उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री बने।
2022 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
विशेष कार्य और छवि
कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दों पर कड़े फैसले लिए।
गौ-सेवा, हिन्दुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जुड़ी छवि।
विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका।
उपाधि
“महंत योगी आदित्यनाथ”
वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं।
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