दिल्ली के सुल्तान Social Science Class 7th Chapter-3 Ncert

दिल्ली के सुल्तान Social Science Class 7th Chapter-3 Ncert

दिल्ली के सुल्तान Social Science Class 7th Chapter-3 Ncert

1.रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:-
(i) दिल्ली के सुल्तान  के अंतर्गत   5  वंशों ने 320 वर्षों तक शासन किया। 
(ii)दिल्ली सल्तनत की पहली शासिका  रजिया सुल्तान थी।(iii)अलाउद्दीन खिलजी के दक्षिण विजय का श्रेय  मालिक काफूर  को जाता है। 
(iv)घोड़े दागने की प्रथा  उलाउद्दीन खिलजी ने शुरू किया। 
(v)आगरा शहर की स्थापना सिकंदर लोदी ने की थी। 

2.निम्नलिखित शासकों का उसके वंश के साथ मिलान कीजिए? 
   शासक                         राजवंश
   बलबन                          खिलजी
   अलाउद्दीन                     ममलूक
   खिज्र खाँ                       लोदी 
   इब्राहिम                         तुगलक
   मुहम्मद बिन                    सैय्यद  

उत्तर यहाँ देखें-
बलबन-ममलूक
अलाउद्दीन-खिलजी
खिज्र खाँ-सैय्यद
इब्राहिम-लोदी
मुहम्मद बिन-तुगलक  

3.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए? 

(i)दिल्ली को राजधानी बनाने वाला पहला सुल्तान कौन था? 
Ans-दिल्ली को राजधानी बनाने वाला पहला सुल्तान इल्तुतमिश था। 

(ii)तुर्क-ए-चहलगानी क्या था? इसका दमन किसने किया
Ans-सुदृढ़ शासक स्थापित करने के लिए इल्तुतमिश के सामने अनेक चुनौतियाँ थी। इन चुनौतियों से निबटने के लिए उसने चालीस दासों का एक संगठन तुर्क-ए-चहलगानी बनाया जिसे "चालीसा"-दल कहा जाता था। इसका दमन बलबन ने किया। 

(iii)रजिया ने शासिका बनने के बाद कौन-सा पोशाक धारण किया। 
Ans-महिला वस्त्र त्याग कर परषों द्वारा धारण किये जानेवाला कबा (कुरता) और कुलाह (एक प्रकार की पगड़ी) को अपनाया। 

(iv)बलबन ने राज दरबार में किस ईरानी प्रथा की शुरुआत की? 
Ans-बलबन ने राज दरबार में सिजदा एवं पैबोस नामक ईरानी प्रथा की शुरुआत की। 

(vi)सल्तनत काल में जमीन को कितने वर्गो में विभाजित किया गया था। उसके नाम लिखिए। 
Ans-सल्तनत काल में सामान्यत:जमीन को तीन वर्गो में विभाजित किया गया था। इत्का जमीन, खालसा जमीन तथा इनाम जमीन (मदद-ए-माश या वक्फ जमीन)। 

(vii)मुहम्मद बिन तुगलक ने राजधानी परिवर्तन क्यों किया था? 
Ans-मुहम्मद बिन तुगलक  कुशल और साम्राज्यवादी शासक था। इसमें लगभग ढाई दशक तक शासन किया। उसमने दक्षिण के राज्यों पर अधिकार जमाये रखने के लिए। 326 ई० में दिल्ली से राजधानी दौलताबाद परिवर्तन कर दिया। 

(viii)तुगलक व लोदी वंश के शासकों को झारखंड के किस राजवंश ने कड़ी टक्कर दी? 
Ans-तुगलक व लोदी वंश के शासकों को झारखंड के नागवंशी राजवंश ने कड़ी टक्कर दी। 

4.अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बाजार नियंत्रण के लिए किये गये प्रयास  के पीछे क्या उद्देश्य था? 
Ans-अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण पर विशेष जोर दिया। इसकी विस्तृत जानकारी जियाउद्दीन बरनी की तारीख-ए-फिरोजशाही से मिलती है। अलाउद्दीन ने इसके तहत कई नये पदों का सृजन किया। दिवाने-ए-रियासत-यह व्यापारियों एवं बाजार पर पूर्णतः नियंत्रण रखता।शहना-ए-मंडी-यह बाजार का अधिक्षक होती था। जहाँ सभी व्यापारियों को इनके दफ्तर में अपने को पंजीकृत कराना पड़ता था।बरीद-प्रत्येक बाजार का निरीक्षण करता था।उसने व्यापारियों में बेईमानी रोकने के लिए कम तौलनेवाले वक्ति के शरीर से उतना ही मांस काटने का आदेश दिया था। इन प्रयासों के तहत बाजार में वस्तुओं की कीमतों पर अंकुश लगा। अमीर खुसरो के अनुसार अलाउद्दीन के बाजार नियंत्रण का उद्देश्य आम लोगों को राहत पहुँचाना था। 

5.सल्तनत काल में न्याय के लिए क्या व्यवस्था थी? 
Ans-सल्तनत काल में न्याय प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी सुल्तान था। उसका कर्तव्य शरीयत (इस्लामी कानून) के अनुसार न्यान का संपादन करना था। उसकी सहायता के लिए दीवान-ए-कजा (मुख्य न्यायधीश)होता था। सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतों पर सुनवाई के लिए वह दीवान-ए-मजालिम के न्यायालय में बैठता था। यह अदालत सप्ताह में दो बार लगती थी और मुख्य काजी उसकी सहायता करता था। साधारण रूप से दीवान तथा फौजदारी मुकदमों का निर्णय काजी-ए-मुमालिक या मुख्य काजी करता था। प्रांतों तथा नगरों में काजी नियुक्ति किये जाते थे। काजी व मुफ्ती का पद वंशानुगत होता था। न्यायालयों में कानून की व्यवस्था करने के लिए विधि विशेषज्ञ व मुफ्ती होते थे। दंड विधान कठोर था। प्राय: अंगविच्छेद या मृत्यु दंड तक दिया जाता था। 

6.इल्तुतमिश ने अपने शासनकाल में कौन-कौन से नये कार्य किये? 
Ans-दिल्ली सल्तनत के आरंभिक इतिहास में जो शासक सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, वह इल्तुतमिश के सामने अनेक चुनौतियाँ थी। इन चुनौतियों से निबटने के लिए उसने चालीस दासों का एक संगठन तुर्कान-ए-चहलगानी बनाया। जिसे "चालीस-दल" कहा जाता था। इसने इक्तादारी व्यवस्था चलाई। इक्ता राज्य की सबसे छोटी इकाई होती थी। सल्तनत काल में न्याय के लिए क्या व्यवस्था थी। 

हमारें इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर आपको इससे कोई मदत मिली हो तो कमेंट जरूर करें और साथ ही अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें। 
                

Post a Comment

Previous Post Next Post

Offered

Offered