भूमिगत ईंधन Underground Fule Class 8th Science chapter-18
C.कोयला
D.कोलतार
(ii)कोयला को बनाने में कितना समय लगता है।
A.सौ वर्ष
B.हजारों वर्ष
C.लाखों वर्ष√
D.इनमें कोई नहीं
(iii)पेट्रोलियम का कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है-
A.कोक
B.कोक गैस
C.बिटुमिन√
D.पेट्रोल
(iv)निम्न में कौन-सा प्रदार्थ जीवाश्म ईधन है-
A.सौर ऊर्जा
B.परमाणु ऊर्जा
C.जल ऊर्जा
D.कोयला√
(v)प्राकृतिक गैस में मुख्यत: कौन-सी गैस होती है-
A.मिथेन√
B.ईथेन
C.कार्बन-डाईऑक्साइड
D.ऑक्सीन
2.अक्षय संसाधन प्राकृतिक क्या है?
Ans-वे संसाधन जो प्राकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं और मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त होने नहीं हैं। अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते है। जैसे-सूर्य का प्रकाश वायु।
3.जीवाश्म ईधन किसे कहते हैं?
Ans-ऐसे ईधन जो मृत वंसस्पति अथवा मृत जंतुओं के अपघटन से बनते हैं जीवाश्म ईधन कहलाते हैं। कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईधन है।
4.कार्बनीकरण क्या है?
Ans-मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते है।
5.प्राकृतिक गैस एक स्वच्छ ईधन क्यों है?
Ans-क्योंकि यह कम प्रदूषणकारी है तथा इसके जलने पर न कोई धुआ निकलता है और न नहीं कोई अवशिष्ट प्रदार्थ बचता है।
6.समझाएं 'जीवाश्म ईधन', समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों है?
Ans-हम जानते है कि जीवाश्म ईधन पृथ्वी पर एक लम्बी समयावधि के पश्चात् बने है। पृथ्वी पर इनके कुछ सीमित भंडार ही हैं। इन ईंधनों को बनाने के लिए दोबारा उन्हीं परिस्थियों को पैदा करना असंभव है। अत: इनके भंडारों के एक बार खत्म होने के बाद इन्हें दोबारा उत्पन्न नहीं किया जा सकता।
7.कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन करें।
Ans-कोक के अभिलक्षण-यह एक कठोर, सरंध्र और काले रंग का प्रदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुध्द रूप है।
कोक का उपयोग-कोक का इस्तेमाल इस्पात के बड़े पैमाने पर औधोगिक निर्माण और बहुत-से धातुओं के निष्कर्षणमें किया जाता हैं।
8.पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइएं।
Ans-पेट्रोलियम-निर्माण को प्रक्रम पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले प्राचीन जीवों से हुआ। जब ये जीव मर गए तो इनके शरीर समुद्र के पेंदे में जाकर जम गए और फिर रेत तथा मिट्टी की तहों द्वारा ढ़क गए। लाखों वर्षों में, वायु की अनुउपस्थित, उच्च दाब और उच्च ताप ने मृत जीवों को प्राकृतिक गैस और पैट्रोलियम में बदल दिया।
9.वर्णन करें मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है। यह प्रक्रम क्या कहलाता है।
Ans-कोयले का निर्माण मृत वनस्पति के अवशेषों से हुआ है। लगभग 300 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर निचले जलीय क्षेत्रों में बने वन थे। बाढ़ जैसे प्राकृतिक प्रक्रमों के कारण ये वन मिट्टी के नीचे दब गए। उनके ऊपर अधिक मिट्टी जम जाने के कारण वे संपीड़ित हो गए उनका ताप भी बढ़ता गया। उच्च ताप और उच्च दाब पर पृथ्वी के अंदर मृत पेड़-पौधें धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कोयले का निर्माण मृत वनस्पति के अवशेषों से हुआ है। मृत वनस्पतियों का धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होना कार्बनिक कहलाता है।
10.बड़े-बड़े शहरों में गाड़ियाँ, गैस से चलाई जाती है क्यों?
Ans-इसलिए क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कमी है और इनसे प्रदूषण भी बहुत अधिक होता है। गैस जैसे CNG के उपयोग से प्रदूषक प्रदार्थ भी कम उत्पन्न होता है।
11.अगर जीवाश्म ईधन समाप्त हो जायेगा तो हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ेगा?
Ans-जीवाश्म ईधन के समाप्त हो जाने पर ऊर्जा संकट उत्पन्न हो जाएगा और पूरी अर्थव्यस्था रुक जाएगी। उदाहरण के लिए पेट्रोल के अभाव में यातायात व्यस्था प्रभावित होगी। प्राकृतिक गैस के अभाव में भोजन बनाने के लिए निर्भर रहना पड़ेगा। लड़की का संकट पहले से विधमान है। कोयले का संकट आ जाने पर न केवल घर का चूल्हा भी बंद हो जाऐंगे। विधुत उत्पन्न भी बंद हो जायेगा। इस प्रकार सम्पूर्ण जीवन संकट में पड़ जायेगा।
12.जीवाश्म ईंधन की किस प्रकार बचा कर रख सकते है।
Ans-कोयला पेट्रोल और प्राकृतिक गैस हमारे जीवाश्म ईंधन हैं। इनपर विश्व का आर्थिक विकास आधारित है। इनका उपयोग कम और किफायत से किया जाना चाहिए अन्यथा समाप्त हो जाने पर ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता है। तीनों जीवाश्म ईंधनों का अलग-अलग प्रकार से संरक्षण किया जाना चाहिए। जीवाश्म ईंधनों को बचाने के लिए वैकल्पिक साधनों की खोज की जानी चाहिए सौर ऊर्जा,बायो, गैस, भुतापीय ऊर्जा आदि कुछ विकल्प हो सकते हैं।
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