बल तथा गति के नियम Class 9th Science Chapter-9 Ncert Question Answer
इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण बहुविकल्पी प्रश्न-उत्तर का हल दिया गया है। वार्षिक परीक्षा में शामिल होने से पहले इन प्रश्नों की तैयारी अवश्य कर लें। हमारा वेबसाइट नॉट एनo सीo ईo आरo टी में कक्षा नौ के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर उपलब्ध है तथा इन सब को तैयार करते समय बहुत सावधानी बरती गई है फिर भी पुस्तक का सहारा अवश्य लें क्योंकि यहां पर उपलब्ध जानकारी से किसी भी प्रकार की हनी के लिए इस वेबसाइट के कर्ता-धर्ता जिम्मेदार नहीं होंगे।
प्रश्न 1.कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ तो वस्तु के वेग के परिमान एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर-हाँ, यह सम्भव है कि कोई वस्तु अशून्य वेग से गति कर सकती है, जब उस पर शून्य बाह्य असंतुलित बल लगता है।वस्तु के वेग के परिणाम एवं दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होगा अर्थात-वस्तु एक समान वेग से जिस दिशा में चल रही है उसी दिशा में चलती रहेगी। क्योंकि गति का प्रथम नियम के अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल कार्य न करें।
प्रश्न 2.जब किसी से एक दूरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर-जब दूरी को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी (कार्पेट) गति की अवस्था में आ जाती है, जबकि धूल के कण अपने जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही रहना चाहते है, इस कारण ही धूल के कण दूरी से बाहर आ जाते है।
प्रश्न 3.बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता हैं?
उत्तर-बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से इसलिए बाँधा जाता है कि अचानक बस के चलने, रुकने अथवा मुड़ने की दशा में छत पर रखा सामान खिसक कर नीचे गिर सकता है। जैसे यदि बस आचानक चलने लगती है तो बस गति की अवस्था में आ जाती है जबकि छत पर रखा समान अपने जड़त्व के कारण स्थिर रहना चाहता है और इस कारण पीछे खिसक कर गिर सकता है।इसी प्रकार अचानक बस के रुकने पर बस स्थिर हो जाती है जबकि सामान गति के जड़त्व के कारण गति खिसक कर गिर सकता है।
प्रश्न 4.किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात गेंद रुक जाती है गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
उत्तर-(a)बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हित नहीं किया है।
(b)वेग गेंद पर लगाए गये बल के समानपाती है।
(c)गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d)गेंद पर कीई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अत: गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है अत: गेंद विरामावस्था में आने के लिए है।
प्रश्न 5.गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते है।यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है, संभवत: हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पायेगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर है जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते है। इस तर्क पर अपने विचार दे और बताएं कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता है?
उत्तर-विद्यार्थी द्वारा यह साबित करना कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निश्चित कर देते है, एकदम तर्क हीन है। यह सत्य है कि क्रिया का प्रतिक्रिया बल विपरीत तथा बराबर होता है किंतु बल दो अलग-अलग अस्तुओं पर कार्य करते है। प्रश्न में हमारे द्वारा आरोपित अस्तुओं पर कार्य करते है। प्रश्न में हमारे द्वारा आरोपित बल ट्रक पर लगेगा जबकि ट्रक द्वारा आरोपित प्रतिक्रिया बल हम पर लगेगा। अत: क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल एक-दूसरे को निरस्त नहीं कर सकते है। जहाँ तक ट्रक के गतिशील होने की बात है ट्रक का द्रव्यमान अधिक है तो इस कारण उसका जड़त्व भी अधिक होगा। अत: ट्रक को गतिशील करने लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी। हमारे द्वारा ट्रक पर आरोपित बल तुलना में बहुत कम है। इस कारण ट्रक गतिशील नहीं हो पाता है।
प्रश्न 6.एक कार 108 km/h की गति से चल रही है और ब्रेक लगाने के बाद यह रुकने में 4 s का समय लेती है। कार पर ब्रेक लगाए जाने के बाद लगने वाले बल की गणना करें। कार का यात्रियों सहित कुल द्रव्यमान 1000 kg है।
हल:
कार का प्रारंभिक वेग
u = 108 km/h
= 108 × 1000 m/(60 × 60 s)
= 30 m s–1
तथा कार का अंतिम वेग, v = 0 m s–1
कार का कुल द्रव्यमान = 1000 kg तथा कार को रोकने में लगा समय t = 4 s तथा समीकरण (9.5) से ब्रेक लगाने वाले बल F का परिमाण m(v – u)/t है।
मान रखने पर,
F = 1000 kg × (0 – 30) m s–1/4 s
= –7500 kg m s–2 या –7500 N
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि ब्रेक के द्वारा लगाया गया बल गाड़ी कीे गति के विपरीत दिशा में आरोपित है।
प्रश्न 7.एक 5 kg द्रव्यमान वाली वस्तु पर 2s के लिए एक नियत बल कार्यरता होता है। यह वस्तु के वेग को 3 m/s से बढ़ा कर 7 m/s कर देता है। लगाए गए बल की मात्रा ज्ञात करें। यदि इस बल को 5 s के लिए आरोपित किया जाए, तो वस्तु का अंतिम वेग क्या होगा?
7 m/s कर देता है। लगाए गए बल की मात्रा ज्ञात करें। यदि इस बल को 5 s के लिए आरोपित किया जाए, तो वस्तु का अंतिम वेग क्या होगा?
हलः
हमें ज्ञात हैः u = 3 m s–1 और v = 7 m s–1,
t = 2 s और m = 5 kg
समीकरण (9.5) से F
मान रखने पर
F = 5 kg (7 m s–1 – 3 m s–1)/2 s = 10N
अब अगर 5 s (t = 5 s) तक बल लगाया जाता है तो समीकरण (9.5) को पुनः लिखकर अंतिम वेग प्राप्त किया जा सकता है
u, F, m और t का मान रखने पर अंतिम वेग
v = 13 m s–1
समीकरण (9.4) से, F = ma
यहाँ m1 = 2 kg; a1 = 5 m s–2 तथा
m2 = 4 kg; a2 = 2 m s–2.
इस प्रकार,
F1 = m1a1 = 2 kg × 5 m s–2 = 10 N; तथा
F2 = m2a2 = 4 kg × 2 m s–2 = 8 N
⇒ F1 > F2
अतः 2 kg द्रव्यमान की वस्तु को 5 m s–2 की दर से त्वरित करने में अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 8.5 छ का एक बल किसी द्रव्यमान m1 को 10 m s–2 का त्वरण देता है तथा द्रव्यमान m2 को 20 m s–2 का त्वरण देता है। अगर दोनों द्रव्यमानों को एक साथ मिला दिया जाए, तो इस बल के द्वारा क्या त्वरण उत्पन्न होगा
हल:
समीकरण (9.4) से m1 = F/a1; तथा
m2 = F/a2
यहाँ a1 = 10 m s–2;
a2 = 20 m s–2 तथा F = 5 N
इस प्रकार, m1 = 5 N/10 m s–2 = 0.50 kg; तथा
m2 = 5 N/20 m s–2 = 0.25 kg
जब दोनों द्रव्यमानों को एक साथ मिलाया जाता है,
पूरा द्रव्यमान m = 0.50 kg + 0.25 kg
= 0.75 kg
अब पूरे द्रव्यमान m पर 5 N बल द्वारा उत्पन्न किया गया त्वरण,
a = F/m = 5 N/0.75 kg = 6.67 m s–2
प्रश्न 9.एक लंबी मेज पर सीधी रेखा में जा रही 20 g द्रव्यमान की गेंद का वेग-समय ग्राप़फ़ में दिया गया है। गेंद को विरामावस्था में लाने के लिए मेज द्वारा कितना बल लगेगा?
हल:
गेंद का प्रारंभिक वेग 20 cm s–1 है। मेज़ के द्वारा गेंद पर घर्षण बल लगने के कारण गेंद का वेग 10 s में शून्य हो जाता है। चूँकि वेग-समय ग्राफ़ एक सीधी रेखा है इससे स्पष्ट है कि गेंद एक नियत त्वरित बल के साथ चलती है।
त्वरण,
= (0 cm s–1 – 20 cm s–1)/10 s
= –2 cm s–2 = –0.02 m s–2
गेंद पर लगा घर्षण बल,
F = ma = (20/1000) kg × (– 0.02 m s–2)
= – 0.0004 N
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि गेंद की गति की दिशा के विपरीत मेज़ द्वारा घर्षण बल आरोपित किया जाता है।
प्रश्न 10.40 kg द्रव्यमान वाली एक लड़की, 5 m s–1 के क्षैतिज वेग से एक 3 kg द्रव्यमान वाली स्थिर गाड़ी पर कूदती है। गाड़ी के पहिए घर्षणरहित हैं। गाड़ी की गति प्रारंभ करने की अवस्था में लड़की का वेग क्या होगा? मान लें कि क्षैतिज दिशा में कोई असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है।
लड़की तथा गाड़ी का लड़की के कूदने से पहले कुल संवेग
= 40 kg × 5 m s–1 + 3 kg × 0 m s–1
= 200 kg m s–1
माना कि लड़की के गाड़ी पर कूदने के पश्चात गाड़ी तथा लड़की का वेग v है। इस अवस्था में गाड़ी तथा लड़की का कुल संवेग
= (40 + 3) kg × v m s–1
= 43 v kg m s–1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार दोनों स्थितियों में कुल संवेग समान होंगे।
अर्थात्,
43 v = 200
⇒ v = 200/43 = +4.65 m s–1.
गाड़ी पर सवार लड़की 4.65 m s–1 के वेग से छलाँग लगाने की दिशा में चलेगी।
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Science 9