Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण Class 9 Science Chapter 10 Question Answer
1.एक वस्तु का द्रव्यमान 10 kg है। पृथ्वी पर इसका भार कितना होगा?
द्रव्यमान m = 10 kg
गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m s-2
W = m × g
W = 10 kg × 9.8 m s-2 = 98 N
अतः वस्तु का भार 98 N है।
2.द्रव्यमान किसे कहते है?
Ans-किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होता है जितना अधिक वस्तु का द्रव्यमान होगा उतना ही अधिक उसका जड़त्व भी होगा। किसी वस्तु का द्रव्यमान उतना ही रहता है चाहे वस्तु पृथ्वी पर हो, चंद्रमा पर हो या फिर बाह्य अंतरिक्ष में हो। इस प्रकार वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहता है तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं बदलता है।
3.भार क्या है?
Ans-जब पृथ्वी प्रत्येक को एक निश्चित बल से आकर्षित करती है और यह बल वस्तु के द्रव्यमान (m) तथा पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण (g) पर निर्भर है। किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है।
4.गुरुत्वकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व बताइए?
Ans-गुरुत्वकर्षण का सार्वत्रिक नियम ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असंबध्द मानी जाती थी:
(i)हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल;
(ii)पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति;
(iii)सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति; तथा
(iv)चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।
5.किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार का वर्णन करें?
Ans-पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उस वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी प्रकार, चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चंद्रमा उस वस्तु को आकर्षित करता है। चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की कम है। इस कारण चंद्रमा वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगता है। मान लीजिए किसी वस्तु का द्रव्यमान m है तथा चंद्रमा पर इसका भार wm है। मान लीजिए चंद्रमा का द्रव्यमान Mm है तथा इसकी त्रिज्या Rm है। गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लगाने पर चंद्रमा पर वस्तु का भार होगा।
6.यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती है?
Ans-चंद्रमा और पृथ्वी एक दूसरे को समान बल आकर्षित करते है, अर्थात जितने बल से चंद्रमा पृथ्वी की अपनी ओर आकर्षित करता है उतने ही बल से पृथ्वी भी चंद्रमा को अपनी ओर आकर्षित करती है। न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से F = ma अथवा a = F/m चूँकि पृथ्वी का द्रवमान बहुत अधिक है अत: पृथ्वी में चंद्रमा के आकर्षण बल के कारण उत्पन्न त्वरण नगण्य होता है, इसी कारण पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती है।
7.पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चन्द्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
Ans-पृथ्वी जिस गुरुत्वीय बल से चन्द्रमा को अपनी ओर आकर्षित करती है, चन्द्रमा भी उतने ही गुरुत्वीय बल से पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है क्योंकि गति के तीसरे नियम से क्रिया के बराबर होते है।
8.गुरुतवाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
Ans-गुरुतवाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व निम्नलिखित है-
(i)गुरुतवाकर्षण बल ही सभी जंतुओं को पृथ्वी पर स्थित रखता है।
(ii)गुरुतवाकर्षण बल के कारण ही चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
(iii)गुरुतवाकर्षण बल के कारण ही विभिन्न ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है।
(v)गुरुतवाकर्षण बल के कारण ही ब्रहमाण्ड में स्थित विभिन्न ग्रहों के उपग्रह उनकी परिक्रमा करते है।
9.मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
Ans-पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु में उत्पन्न त्वरण को मुक्त पतन का त्वरण कहते है। इस त्वरण को g से प्रदर्शित करते है। जिसका मान पृथ्वी के तल के समीप नियत रहता है। g = 9.8 m/s2 होता है।
10.पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
Ans-पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम उस वस्तु का भार कहेंगे।
Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Notes in Hindi
11.एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है।क्या उसका मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीद हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
Ans-व्यक्ति A का मित्र खरीद गए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि किसी वस्तु का भार w=mg द्वारा ज्ञात किया जाता है। जहाँ m वस्तु का द्रवमान जबकि g गुरुत्वीय त्वरण है। m का मान सभी स्थानों पर एक समान रहता है जबकि g का मान भिन्न-भिन्न होता है। g का मान ध्रुवों पर अधिक तथा विषुवत वृत्त पर कम होता है। अर्थात हम कह सकते है कि जो सोना ध्रुवों पर खरीदा गया उसका भार विषुवत वृत्त पर कम हो जायेगा। इसी कारण A का मित्र सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा।
12.एक कागज की शिट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
Ans-जब किसी कागज के शिट को गिराया जाता है तो वायु के सम्पर्क में उसका अधिक पृष्ठ क्षेत्रफल आता है, जिसके कारण वायु का प्रतिरोधक उस पर अधिक लगता है और वह धीमी गति से नीचे गिरती है। जबकि उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद का पृष्ठीय क्षेत्रफल कम हो जाता है। जिसके कारण वायु का प्रतिरोधक और वह तेजी से नीचे गिरती है।
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