Jharkhand Board Class 8 Social Science History Chapter 1 आधुनिक काल में भारत का इतिहास

Jharkhand Board Class 8 Social Science History Chapter 1 आधुनिक काल में भारत का इतिहास 

Jharkhand Board Class 8 Social Science History Chapter 1

Jharkhand Board Class 8 Social Science History Chapter 1 आधुनिक काल में भारत का इतिहास 

सही विकल्प का चयन करें—

1.अलग-अलग समय पर होने वाले परिवर्तनों के संबंध में बताता है—
(a)इतिहास
(b)भूगोल
(c)समाजशास्त्र
(d)विज्ञान

2.इतिहास में किसका महत्व होता है ? 
(a)राजाओं 
(b)देशों
(c)तिथियों
(d)इनमें से कोई नहीं 

3.भारत के पहले गवर्नर जनरल थे—
(a)जेम्स रेनेल 
(b)वारेन हेस्टिंग
(c)लॉर्ड माउंटबेटन 
(d)रॉबर्ट क्लाइव 

4.भारत के अंतिम वायसराय कौन थे ? 
(a)वॉरेन हेस्टिंग 
(b)लॉर्ड माउंटबेटन
(c)रॉबर्ट क्लाइव
(d)जेम्स मिल

5.कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का विस्तार कितना है ? 
(a)3000 किमी 
(b)3200 किमी
(c)4260 किमी
(d)2000 किमी

6.लोग इतिहास को किससे जोड़कर देखने की कोशिश करते हैं ? 
(a)कहानी 
(b)तारीखों
(c)महीनों
(d)इनमें कोई नहीं

7.इतिहास को सामान्यत: कितने कालखण्डों में बाँटा गया है ? 
(a)एक 
(b)दो
(c)तीन
(d)चार

8.अंग्रेजों द्वारा स्थापित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागर स्थित है—
(a)कोलकाता 
(b)चेन्नई
(c)नई दिल्ली
(d)मुंबई 

9."ब्रिटिश शासन के माध्यम से ही भारत सभ्यता के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है।" यह कथन है—
(a)जेम्स मिल का
(b)लॉर्ड क्लाइव का 
(c)जेम्स रेनेल का 
(d)इनमें कोई नहीं

10.सरकारी दस्तावेज (रिकॉर्डस) कहाँ रखे जाते हैं ? 
(a)कार्यालय 
(b)अभिलेखागर
(c)पुस्तकालय
(d)इनमे से कोई नहीं

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रिक्त स्थान की पूर्ति करें—

(a)जेम्स मिल स्कॉटलैंड का निवास था। 
(b)लॉर्ड क्लाईव ने भारत का नक्शा तैयार करने की जिम्मेदारी जेम्स रेनेल को सौंपी थी। 
(c)अभिलेख को सुंदर ढंग से लिखनेवाले  खुशनवीश कहलाते हैं। 
(d)भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंट बेटन थे। 
(e)भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार 1920 के दशक (ब्रिटिश काल) में बनाया गया। 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्ननोत्तर

1.औपनिवेशक युग किसे कहा जाता है ? 
Ans-अंग्रेज के शासनकाल में लोगों के पास समानता, स्वतंत्रत या मुक्ति नहीं थी और न ही आर्थिक विकास और प्रगति का दौर था। इसे औपनिवेशिक युग कहा जाता था।

2.रॉबर्ट क्लाइव ने रेनेल को किस काम को सौंपा था? 
Ans-रॉबर्ट क्लाइव ने रेनेल को हिंदुस्तान का नक्शा तैयार करने का काम सौंपा था। 

3.लिप्टन चाय के लिए तैयार किया गया विज्ञानपन कब प्रकाशित किया गया था? 
Ans-1922 में लिप्टन चाय के लिए तैयार किया गया विज्ञानपन कब प्रकाशित किया गसया। 

4.लिप्टन चाय विज्ञापन से क्या संकेत मिलता है ? 
Ans-लिप्टन चाय विज्ञापन से इस बात का संकेत मिलता है कि दुनिया भर के शाही लोग यही चाय पीते हैं। 

5.भारतीय इतिहास को इतिहासकारों ने किस प्रकार वर्गीयकरण किया है ? 
Ans-इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को 'प्राचीन', 'मध्यकालीन' तथा ' आध निककाल' में विभाजित किया है। 

6.भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार कब और कहाँ बनाया गया था ? 
Ans-भारत राष्ट्रीय अभिलेखागार 1920 के दशक में दिल्ली में बनाया गया था। 

7.भारत में प्रथम अंग्रेज गवर्नर-जनरल तथा अंतिम वायसराय का नाम लिखें। 
Ans-भारत में प्रथम अंग्रेज गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग था। भारत में अंतिम अंग्रेज वायसराय लाॅर्ड माउंटबेटन था। 

8.औपनिवेशीकरण किसे कहते हैं ? 
Ans-जब एक देश में दूसरे देश के प्रभाव से राजनेतिक, आर्थिक, सामाजिक और संस्कृतिक परिवर्तन होते हैं, तो इस प्रक्रिया को औपनिवेशीकरण कहा जाता है। 

9.जेम्स मिल कहाँ के रहने वाले थे ? 
Ans-जेम्स मिल स्कॉटलैंड के रहने वाले थे। 

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लघु उत्तरीय प्रश्ननोत्तर

1.इतिहास में तारीखों का महत्व है ? 
Ans-इतिहास अलग-अलग समय पर होनेवाले पपरिर्तणों के संबंध में बताता है। अतीत में चीजें किस तरह की थीं और अब उनमें क्या बदलाव आये हैं। अतीत और वर्तमान की तुलना के क्रम में हम तिथिवार घटनाओं का विवरण ढूँढ़ते हैं। इसलिए इतिहास में तारीखों का महत्व है। 

2.जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास का किन-किन कालखंड में विभाजित किया है ? 
Ans-1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में "ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया" (ब्रिटिश भारत का इतिहास) नामक एक किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश, इन तीन कालखंडों में बाँटा था। 

3.अभिलेखागार की आवश्यक क्यों है ? 
Ans-अंग्रेजी की मान्यता थी कि चीजों का लिखना महत्वपूर्ण होता है। उनके लिए हर निर्देश, हर योजना, नीतिगत फैसले, सहमति चाज को साफ-साफ लिखना जरूरी था। ऐसा करने के बाद चीजों के अच्छी तरह से अध्ययन किया जा सकता था और उनपर वाद-विवाद किया जा सकता है। इस समझदारी के चलते ज्ञापन, टिप्पणी और प्रतिवेदन पर आधारित शासन की संस्कृति पैदा होती है। अंग्रेजों ने दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष बनवाए। तहसील के दफ्तर, कलेक्टर, कमिश्नर के दफ्तर, प्रांतीय सचिवालय, कचहरी सबके अपने रिकार्ड रूम होते थे। इस प्रकार महत्वपूर्ण दस्तावेजों का बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार की आवश्यकता होती है। 

4.आधुनिक भारत में ऐतिहासिक स्रोत कौन-कौन से हैं ? 
Ans-आधुनिक भारत के ऐतिहासिक स्रोतों में किले, मकबरे, शिलालेखों, विदेश यात्रियों की कृतियाँ, पांडुलिपियाँ, मूर्तियों बड़ी संख्या में मौजूद है। इसके अतिरिक्त अंग्रेजों ने अपने शासन के दौरान सरकारी रिकॉर्ड रखने की परंपरा की शुरुआत की। इतिहासकारों के लिए यह सरकारी रिकॉर्ड उस युग की जानकारी प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। 

5.आधुनिक भारत के भौगोलिक भू-भाग का वर्णन करें। 
Ans-भारत एक विशाल भौगोलिक विस्तार वाला देश है। उत्तर में यह हिमालय के ऊँचे शिखरों से घिरा है। पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिंद महासागर भारतीय प्रायद्वीप को घेरे हुए हैं। 

भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है। उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक इसका विस्तार लगभग 3200 किमी है। पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में कच्छ तक यह विस्तार लगभग 2900 किमी का है। भारत आज चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। 

6.अंग्रेजी ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा ? 
Ans-अंग्रेजों की मान्यता थी कि चीजों का लिखना महत्वपूर्ण होता है। उनके लिए हर निर्देश, हर योजन, नितिगत फैसले, सहमति जाँच की साफ-साफ लिखना जरूरी था। ऐसा करने के बाद चीजों को अच्छी तरह से अध्ययन किया जा सकता था और उनपर वाद-विवाद किया जा सकता है। इस समझदारी के चलते ज्ञापन, टिप्पणी और प्रतिवेदन पर आधारित शासन की संस्कृति पैदा होती है। अंग्रेजी ने दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष बनवा दिए। तहसील के दफ्तर, कलेक्टर, कमिश्नर के दफ्तर, प्रान्तीय सचिवालय, कचहरी सबके अपने रिकॉर्ड रूम होते थे। महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बनाकर रखने के लिए अभिलेखागार और संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनाए गए। 

7.क्या भारतीय इतिहास के मध्यकाल को एक ही धर्म का दौर कहना उचित होगा ? 
Ans-भारतीय इतिहास के मध्य काल को एक धर्म का दौर कहना उचित होगा क्योंकि मध्यकाल में सल्तनत काल एवं मुगल काल आते हैं। दोनों का एक ही धर्म इस्लाम था। वे इस्लाम धर्म के समर्थक एवं पोषक थे। 

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1.सर्वेक्षण से हमें क्या जानकारी मिल सकती है ? 
Ans-ब्रिटिश शासन के दौरान सर्वेक्षण को काफी अहम माना गया। अंग्रेजों की सोच थी कि देश पर सही ढंग से शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण के माध्यम से हर प्रकार की जानकारी एकत्र करना आवश्यक है। 19 वीं सदी के प्रारंभ में भारत का नक्शा तैयार करने के लिए बड़े स्तर पर सर्वेक्षण कराये गये। ग्रामीण स्तर पर राजस्व सर्वेक्षण किये। 

2.अगर इतिहास में अवधियाँ तय नहीं होती, तो हमें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता ? 
Ans-अगर इतिहास में अवधियाँ तय नहीं होती, तो हमें निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ता— 
(a)हमें एक अवधी से दूसरी अवधि के बीच आए परिवर्तन के बारे में जानकारी नहीं मिलती। 
(b)हमें इस बात की जानकारी नहीं मिलती कि अब किस राजा की ताजपोशी हुई, कब कौन-सा युध्द हुआ। 
(c)हमें इस बात की जानकारी नहीं मिलती कि अतीत में चीजें किस तरह की थी और अब उनमें क्या बदलाव आए हैं तथा अतीत और वर्तमान की तुलना हम नहीं कर पाते। 
(d)यदि इतिहास में अवधियाँ तय नहीं होती तो आम जन के बारे में सामाजिक परिवर्तन, संस्कृतिक परिवर्तन की सही जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाता है। 

3.इतिहास में तारीखों का महत्व अहम होता है। क्या आप इससे सहमत हैं ? 
Ans-भारत पर कई सदियों तक अंग्रेजी का शासन रहा। ब्रिटिश शासन की स्थापना का कोई एक दिन निश्चित नहीं है। इसी तरह अगर हम राष्ट्रीय आंदोलन की बात करते हैं, तो यह बताना कठिन है कि राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत किस तारीख से हुई थी। वास्तव में ये चीजें लंबे समय तक चलीं। इसे एक निश्चित तिथि में नहीं बताया जा सकता। इन परिवर्तनों को स्पष्ट करने के लिए हम अवधी का जिक्र कर सकते हैं। अवधी में एक कालखंड को शामिल किया जाता है, जब बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। 

इन तथ्यों के बावजूद हम देखते हैं कि लोग इतिहास को तारीखों से जोड़कर देखने की कोशिश करते हैं। इसका कारण यह है कि पहले युध्द और बड़ी घटनाओं के विवरण को ही इतिहास समझा जाता था। इस इतिहास में शासकों और उनकी नीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाती थी। जैसे-राजा का राज्यभिषेक, उसका वैहाविक जीवन युध्द एवं सीमा विस्तार, उपलब्धियाँ, उसकी मृत्यु और उत्तराधिकारी को इतिहास का विषय माना जाता था। इस स्थिति में इन घटनाओं की निश्चित तारीख बताने में कोई परेशानी नहीं हैं इस प्रकार मैं इस बात से सहमत हूँ कि इतिहास में तिथियों का महत्व अहम होता है। 

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