NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 7 नेताजी का चश्मा
इस पोस्ट में हमने कक्षा 10 हिंदी क्षितिज भाग-2 के अध्याय 7 "नेताजी का चश्मा" की सरल भाषा में व्याख्या, सारांश और महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत किए हैं। यह पाठ देशभक्ति, त्याग और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों पर आधारित है, जो विद्यार्थियों को प्रेरणा देता है।यह पोस्ट आपकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। इसमें दिए गए उत्तर और सारांश पाठ को समझने में आपकी मदद करेंगे और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में सहायक होंगे।
1.सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर:
वह कोई सेनानी नहीं था, लेकिन उसकी देशभक्ति देखकर लोग उसे 'कैप्टन' कहकर बुलाते थे। उसमें देश के लिए गहरा प्रेम था और वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का दिल से सम्मान करता था।
2.हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
उत्तर:
हालदार साहब पहले इसलिए उदास हो गए थे क्योंकि उन्हें लगा कि चौराहे पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति तो जरूर होगी, लेकिन उनकी आँखों पर चश्मा नहीं होगा। चश्मा पहनने वाला वह देशभक्त 'कैप्टन' अब नहीं रहा, और शायद अब वैसा देशप्रेम किसी में नहीं बचा।
(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
उत्तर:
लेकिन मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा देखकर उम्मीद जागी कि देशभक्ति की भावना अभी मरी नहीं है। नई पीढ़ी इस विरासत को सहेज रही है। बच्चों में देश के लिए प्रेम है, इसलिए देश का भविष्य सुरक्षित है।
(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?
उत्तर:
जब उन्होंने नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा देखा, तो हालदार साहब की निराशा आशा में बदल गई। उनका हृदय खुशी से भर आया और आँखों से आँसू बह निकले। उन्हें भरोसा हो गया कि भावी पीढ़ी के दिलों में भी देशभक्ति गहराई से बसी है।
NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 7 नेताजी का चश्मा
आशय स्पष्ट कीजिए-
"बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जि़ंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।"
उत्तर:
हालदार साहब बार-बार सोचते रहे कि उस समाज का क्या भविष्य होगा, जो उन देशभक्तों का मज़ाक उड़ाता है जिन्होंने देश के लिए अपनी ज़िंदगी, परिवार और सुख-चैन तक त्याग दिया। आज लोग ऐसे मौके ढूंढते हैं जहाँ उनका स्वार्थ पूरा हो जाए, भले ही इसके लिए उन्हें अपने सिद्धांत और नैतिकता को छोड़ना पड़े। अब तो हाल यह है कि लोग ईमान तक बेचने को तैयार हैं, और देशभक्ति को मूर्खता समझा जाता है।
4.पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
पानवाला एक काला, मोटा और हँसमुख आदमी था। उसके सिर पर बस थोड़े-से बाल बचे थे। ज्यादा पान खाने से उसके दाँत काले और लाल हो गए थे। वह हमेशा मुँह में पान भरे रहता था।
5."वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!"
उत्तर:
यह टिप्पणी पानवाले ने कैप्टन के बारे में हालदार साहब के पूछने पर की थी, जो बिल्कुल अनुचित थी। कैप्टन शारीरिक रूप से फौज में जाने योग्य नहीं था, लेकिन उसके भीतर देशभक्ति की भावना किसी सैनिक से कम नहीं थी। वह अपने कार्यों से अपने देशप्रेम को साबित करता था, और इसी को देखकर पानवाला उसे 'पागल' कहता था। दरअसल, यह पानवाले की स्वार्थी सोच को दिखाता है। ऐसा कहना न केवल गलत है, बल्कि उन लोगों का अपमान भी है जो देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। सच्चाई यह है कि जो व्यक्ति पागलपन की हद तक देश से प्रेम करता है, वह सम्मान का पात्र है, मज़ाक का नहीं।
6.कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
कैप्टन के बारे में पानवाले की बात गलत और गैरजिम्मेदाराना थी। उसने कैप्टन की देशभक्ति और मेहनत का मजाक उड़ाया, जो बिल्कुल ठीक नहीं है। कैप्टन भले ही शारीरिक रूप से कमजोर हो, लेकिन उसके मन में देश के लिए सच्चा प्रेम है। यही भावना उसे दूसरों से अलग और महान बनाती है। ऐसे देशभक्त का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, बल्कि उसका सम्मान करना चाहिए।
NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 7 नेताजी का चश्मा
रचना और अभिव्यक्ति
7.निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।
उत्तर:
हालदार साहब का रोज़ चौराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारना यह दिखाता है कि उनके दिल में गहरी देशभक्ति थी। वे स्वतंत्रता सेनानियों का सच्चे मन से सम्मान करते थे। जब उन्होंने नेताजी की मूर्ति पर चश्मा देखा, तो उन्हें कैप्टन की देशभक्ति याद आई, जिससे उनके मन में खुशी और श्रद्धा की भावना जागी।
(ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।
उत्तर:
जब पानवाले ने कैप्टन की मौत की बात की और उसका चेहरा उदास हो गया, आँखें नम हो गईं, तो यह साफ़ हुआ कि वह कैप्टन से भावनात्मक रूप से जुड़ा था। उसके दिल में भी कहीं न कहीं कैप्टन के देशप्रेम के लिए सम्मान था। यह घटना दिखाती है कि वह केवल हँसमुख नहीं था, बल्कि संवेदनशील और देशभक्त इंसान भी था।
(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।
उत्तर:
कैप्टन का बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगाना यह दिखाता है कि वह देश के लिए बलिदान देने वाले महापुरुषों के प्रति गहरी श्रद्धा रखता था। उसके दिल में देशभक्ति और त्याग की भावना भरपूर थी।
8.जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर:
जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को खुद नहीं देखा था, तब तक उनके मन में उसकी एक मजबूत, ताकतवर और रौबदार छवि बनी हुई थी। उन्हें लगता था कि वह फौज में रहा होगा, इसलिए लोग उसे 'कैप्टन' कहते हैं।
9.कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
उत्तर:
किसी महान व्यक्ति की मूर्ति लगाने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि उसकी याद हमारे दिलों में सदैव बनी रहे। हमें यह याद दिलाना कि उस महापुरुष ने देश और समाज की भलाई के लिए कितने महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम भी अच्छे कर्म करें, जिससे हमारा समाज और देश प्रगति करे।
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर:
हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गांधी की मूर्ति लगवाना चाहते हैं। आज की दुनिया में जहाँ हिंसा, झूठ, स्वार्थ, वैमनस्य, साम्प्रदायिकता और भ्रष्टाचार बढ़ रहे हैं, वहाँ गांधीजी के आदर्श और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं। उनकी मूर्ति से लोगों के मन में सत्य, अहिंसा, नैतिकता और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना जागेगी, जिससे समाज और देश का माहौल बेहतर होगा।
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
उत्तर:
हमारा यह कर्तव्य है कि हम मूर्ति की गरिमा का ध्यान रखें। न तो हम खुद उस मूर्ति का अपमान करें और न ही किसी को ऐसा करने दें। हमें उस मूर्ति के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए और उस महान व्यक्ति के आदर्शों पर चलना चाहिए। साथ ही, दूसरों को भी सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
10.सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।
उत्तर:
देशभक्ति केवल सीमा पर तैनात सैनिकों तक सीमित नहीं है। हम सभी अपने रोज़मर्रा के जीवन में भी देश के प्रति प्रेम दिखा सकते हैं। जैसे – सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना और भ्रष्टाचार का विरोध करना भी देशभक्ति के रूप हैं। इसके अलावा, अपने समुदाय की मदद करना, शिक्षा को बढ़ावा देना और अपने देश की संस्कृति व विरासत को सहेजना भी सच्चे देशप्रेम की पहचान है।
11.निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए-
कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
उत्तर:
यदि कोई ग्राहक आता है और उसे चौड़े चौखट चाहिए, तो कैप्टन कहाँ से लाएगा? इसलिए वह मूर्तिवाले की चौखट दे देता है और उसकी जगह दूसरी चौखट लगा देता है।
12.‘भई खूब! क्या आइडिया है।’ इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
जब एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्द शामिल होते हैं, तो उस भाषा की अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ जाती है। भाषा का भंडार बढ़ता है, उसका स्वरूप और भी सुंदर बन जाता है और भाषा में प्रवाहमयता आती है।
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