सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय Subhadra Kumari Chauhan Bioraphy in Hindi
जन्म स्थान-निहालपुर गाँव, इलाहाबाद
पिता-ठाकुर रामनाथ सिंह
माता-ज्ञात नहीं
पति-ठाकुर लक्ष्मण सिंह
मृत्यु-15 फरवरी 1948
मृत्यु स्थान-सड़क दुर्घटना (नागपुर-जबलपुर के मध्य)
शिक्षा-क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज, इलाहाबाद
भाषा-हिंदी
व्यवसाय-कवयित्री
राष्ट्रीयता-भारतीय
जीवन परिचय:-
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म नागपंचमी के दिन 16 अगस्त 1904 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के निहालपुर नामक गाँव में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। वह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती थी।और इनके पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था। सुभद्रा कुमारी चौहान की चार बहने और दो भाई थे।
शिक्षा:-
सुभद्रा कुमारी ने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज, स्कूल में पढ़ाई की और उसके पश्चात 1919 में मिडिल स्कूल की परीक्षा उत्तरण की।
सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह:-
सुभद्रा कुमारी का विवाह बहुत ही का उम्र में कर दी गई थी जब सुभद्रा 1919 में मात्र सोलह वर्ष की थी तब ही उनकी शादी मध्यप्रदेश राज्य में खंडवा जिले के रहने वाले ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से कर दी गई। विवाह के पश्चात सुभद्रा कुमारी मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में रहने लगी।
सुभद्रा कुमारी चौहान के संतान:-
सुभद्रा कुमारी के पाँच संतान थे जिनका नाम सुधा चौहान, अजय चौहान, विजय चौहान, अशोक चौहान और ममता चौहान था।इनकी पुत्री सुधा चौहान का विवाह प्रेमचंद के बेटे अमृतराय से हुई, सुभद्रा कुमारी की पुत्री सुधा चौहान ने अपनी माँ की जीवनी लिखी जिसका नाम था मिले तेज से तेज।
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु:-
16 अगस्त 1904 को जन्मी सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु 15 फरवरी 1948 को 44 वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना में नागपुर-जबलपुर के मध्य हुई थी।
सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी संग्रह:-
- बिखरे मोती(1932) में प्रकाशित हुई।
- उन्मादिनी (1934) में प्रकाशित हुई।
- सीधे-साधे चित्र (1947) में प्रकाशित हुई।
सुभद्रा कुमारी चौहान की बाल साहित्य:-
- झाँसी की रानी,यह इनकी बहुचर्चित रचना है।
- कदम्ब का पेड़,यह इनकी बाल कविता है।
- सभा का खेल, यह इनकी बाल कविता है।
सुभद्रा कुमारी चौहान की साहित्य कृतियाँ:-
सुभद्रा कुमारी चौहान का पहला काव्य-संग्रह 'मुकुल' है और यह काव्य-संग्रह 1930 में प्रकाशित हुआ।सुभद्रा कुमारी को उनके काव्य के लिए जाना जाता है लेकिन उन्होंने काव्य के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन में भी अपनी साझेदारी की और उन्होंने जेल यात्रा के दोरान भी अपनी तीन कहानी संग्रह को प्रकाशित किया जो निम्नलिखित है:-
बिखरे मोती (1932)
उन्मादिनी (1934)
सीधे-सादे चित्र (1947)
सम्मान और पुरस्कार:-
सुभद्रा कुमारी को 'मुकुल' कविता-संग्रह के लिए सेकसरिया पारितोषिक साहित्यिक पुरस्कार से 1931 को सम्मानित किया गया।
बिखरे मोती (कहानी संग्रह) के लिए 1932 को सेकसरिया पारितोषिक साहित्यिक पुरस्कार से इन्हें दूसरी बार सम्मानित किया गया।
28 अप्रैल 2006 को सुभद्रा कुमारी चौहान को भारतीय तटरक्षक सेना ने सम्मानित करते हुए नवीन नियुक्त तटरक्षक जहाज को उनका नाम दिया।
6 अगस्त 1976 को भारतीय डाक तार विभाग ने सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में 25 पैसे का एक डाक-टिकट जारी किया था।
सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कवितायें:-
- मेरा नया बचपन
- झाँसी की रानी
- खिलौनेवाला
- कविता
- मुरझाया फूल
- अनोखा दान
- आराधाना
- इसका रोना
- यह कदंब का पेड़
- उपेक्षा उल्लास
- कलह-कारण
- कोयल
- चलते समय
- चिंता
- जीवन-फूल
- झिलमिल तारे
- ठुकरा दो या प्यार करों
- नीम
- परिचय
- पानी और धूप
- पूछो
- प्रतिक्षा
- प्रथम
- मेरा गीत
- मेरा जीवन
- मेरा नया बचपन
- मेरी टेक
- मेरे पथिक
- विजयी मयूर
- विदा
- वीरों का हो केसा वसंत
- वेदना
- व्याकुल
- चाह
- समपर्ण
- साध
- स्वदेश के प्रति
- जलियाँवाला बाग में बसंत
- दर्शन
- प्रभु तुम मेरे मन की जानों
- झाँसी की रानी की समाधि पर
- प्रियतम से
- फूल के प्रति
- बिदाई
- भ्रम
- मधुमय प्याली
अन्य रचनाकरों का जीवन परिचय:
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