विश्व रेडियो दिवस पर निबंध

विश्व रेडियो दिवस पर निबंध

विश्व रेडियो दिवस पर निबंध


1.परिचय
रेडियों आधुनिक विज्ञान का एक आश्चर्यजनक उपयोगी आविष्कार है। इसने सारे संसार को एक कर दिया है। इससे हम सारी दुनिया के समाचार सुना करते हैं, संगीत और नाटक का आनंद लेते हैं और हर तरह के ज्ञान-विज्ञान की बातें सीखते हैं। रेडियो को 'आकाशवाणी' भी कहते हैं, क्योंकि प्राचीन ग्रन्थों में 'आकाशवाणी' का उल्लेख हुआ है। 

2.प्रचार
रेडियो का प्रचार हर घर में है। अगर हम चाहें, तो सारी रात और सारे दिन रेडियो खोले रह सकते हैं और सारे संसार की विविध बातें घर बैठे बिस्तर पर लेटे सुन सकते हैं। सुबह होते सुनने को मिलता है, 'यह आकाशवाणी पटना है', 'यह दिल्ली हम', 'यह आकाशवाणी का लखनऊ केंद्र है', 'अब थोड़ी देर में समाचार होंगे, पहले हिंदी में, फिर अंग्रेजी में'। शाम को बहार टहलने जाइए, तो पानवाले की दुकान से आवाज आती है—'अभी आपने लता मंगेशकर को सुना; अब सुनिए, मन्ना डे को।' ऐसा कोई स्थान नहीं, जहाँ रेडियो न पाया जाता हो। इसका कारण यह है कि रेडियो का दाम बहुत अधिक नहीं है, कम-से-कम 150 रु० में एक 'रेडियो सेट मिल जाता है। 

3.आविष्कार
जब आँधी और तूफान में टेलीफोन के तार टूटने लगे या कभी-कभी उपद्रवी तार काटने लगे, तब लोगों की असुविधा बढ़ने लगी। समाचार भेजने में कठिनाई होने  लगी। इस कठिनाई को दूर करने के लिए भारतीय वैज्ञानिक श्री जगदीशचन्द्र बसु ने सबसे पहले अनेक परीक्षण किये, किंतु सफलता मिली इटली के वैज्ञानिक मार्कोनी को। मार्कोनी ने यह सिध्द किया कि मनुष्य जो कुछ बोलता है, वह ध्वनि-तरंग बनकर हवा में घूमता रहता है; हमारी आवाज कभी मारती नहीं। आकाशवाणी हवा की तरंगों में फैली ध्वनि को बिजली की शक्ति से ग्रहन कर उन्हें सुना देती है। जिस स्थान से ध्वनि का प्रसारण होता है, उसे 'आकाशवाणी केंद्र' अथवा ' ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन' कहते हैं। इस प्रकार, मार्कोनी ने सन् 1919 में रेडियो का आविष्कार कर संसार की बड़ी सेवा की। 

4.महत्व
रेडियो ने सिनेमा, ग्रामफोन और समाचार पत्र—तीनों को मिलाकर एक कर दिया। रेडियो से हम संगीत, नृत्य और नाटक का आनंद प्राप्त करते हैं। अत:, इनके लिए अब सिनेमा देखना बहुत जरूरी नहीं रहा। पहले गीतों के लिए हमें ग्रामोफोन का सहारा लेना पड़ता था या काफी खर्च पर गवैये बुलाने पड़ते थे। अब हम घर बैठे ही सभी प्रकार के गीत और संगीत का आनंद उठाते हैं। बड़े-बड़े गायक हमारे सामने आते हैं और हम उनका गाना सुनते हैं। अब तो समाचारपत्र भी खरीदने की जरूरत नहीं रही। रेडियो से हम हर दिन देश-विदेश के ताजा-से-ताजा समाचार 10-15 मिनटों से सुन लेते हैं। इतना ही नहीं रेडियो ने अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत कर विश्वबंधुत्व को बढ़ाव दिया है। आधुनिक युद्धों में भी रेडियो का उपयोग होता है। रेडियो ने ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा के विस्तार में काफी योग दिया है। हर दिन सभी तरह के लोगों की रुचि और आवश्यकता के अनुसार नयी-नयी बातों का प्रसार करता है। गाँववालों के लिए 'पंचायत' या 'चौपाल', महिलाओं के लिए 'आँगन', बच्चों के लिए 'बाल मंडली' इत्यादि कार्यक्रमों का प्रसार हर दिन होता रहता है। इसी तरह, स्कूल और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए भी कार्यक्रम अलग-अलग व्यवस्था रहती है। इसमें कोई संदेह नहीं कि रेडियो आधुनिक जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी और आवश्यक है। 

5.उपसंहार
रेडियो का उपयोग अनंत है। यह दुनिया को एक करने में, शिक्षाप्रसार में, विविध मनोरंजन के प्रसार में और अंतरराष्ट्रीय नागरिक जीवन को मजबूत बनाने में बड़ी सहायता कर रहा है। वस्तुत:, यह आधुनिक विज्ञान का एक बड़ा उपयोगी वरदान है। 

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