हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय Harivansh Rai Bachchan Biography in Hindi
नाम–डॉ० हरिवंश राय बच्चन
जन्म–27 नवम्बर 1907
जन्म स्थान–गाँव बापूपट्टी, जिला प्रताप, उत्तर प्रदेश
पिता–प्रताप नारायण श्रीवास्तव
माता–सरस्वती देवी
पहली पत्नी का नाम–श्यामा देवी
दूसरी पत्नी का नाम–तेजी बच्चन
पेशा–लेखक, कवि, साहित्यकार
शैली–हिन्दी, छायावाद
मृत्यु–18 जनवरी सन् 2003
मृत्यु स्थान–मुंबई
हरिवंश राय बच्चन जीवन परिचय-
डॉ० हरिवंश राय 'बच्चन' का जन्म 27 नवम्बर 1907 ई० में प्रयोग (इलाहाबाद) में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। उनके माता-पिता दोनों ही बड़े संस्कारी थे। पिताजी अपने संस्कारों से निष्ठावान् सनातनी थे। जिसके घर में रामायण की पोथी नहीं होती थी, उसके घर का वे पानी भी नहीं पीते थे। माता सरस्वती देवी नित्य रामायण पढ़ा करती थी। रामायण के अतिरिक्त 'सूरसागर', 'सुखसागर' तथा 'प्रेमसागर' जैसे आध्यात्मिक ग्रन्थों के पठन–पाठन से वे अपनी आध्यात्मिक भूख शांत किया करती थीं। कहने की आवश्यकता नहीं कि कवि बच्चन पर उनके माता-पिता के ऊँचे संस्कारों का बड़ा प्रभाव पड़ा।
हरिवंश राय बच्चन का शिक्षा-
हरिवंश राय बच्चन जी ने प्रयाग विश्वविद्यालय से एम० ए० (अंग्रेजी) तक की शिक्षा प्राप्त की और पी० एच० डी० की उपाधि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। वे एक लम्बे अरसे तक प्रयाग विश्वविद्यालय में ही अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक रहे। बाद में एक 'हिन्दी अधिकार' के रूप में विदेश-मंत्रालय में कार्यरत रहकर हिन्दी के समुचित विकास तथा उसकी स्मृध्दि में बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान दिया। कविता की प्रेरणा कवि बच्चन को उन्हीं दिनों मिली थी, जिन दिनों वे प्रयाग की कायस्थ पाठशाला में पढ़ा करते थे। उस स्कूल में एक हिन्दी-समिति थी, जिसके अन्तर्गत कविताएँ, कहानियाँ आदि पढ़ी जाती थीं। कवि बच्चन ने अपनी सबसे पहली रचना उसी स्कूल की सातवीं कक्षा में किसी अध्यापक की विदा-बेला के अवसर पर लिखी थी,
"दीन जनों के पास नहीं है,
मणि-मुक्ता के सुंदर हार।"
इसीलिए हम इनमें अपना
ह्रदय बाँधकर देते हैं।
इनमें-बनी फूल-मालाओं।"
नवीं तथा दसवीं कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते कवि बच्चन ने कविताओं से एक पूरी-की-पूरी कॉपी तो भर ही डाली थी, साथ ही उनका परिचय मैथलीशरण गुप्त सुमित्रानंदन पंत और निराला आदि की रचनाओं से हो चुका था, जिसका प्रभाव उनके कवि-व्यक्ति पर पड़ा।
हरिवंश राय बच्चन का विवाह-
हरिवंश राय बच्चन का विवाह सन् 1926 में श्यामा देवी नाम की महिला से हुआ।तब इनकी आयु मात्र 19 वर्ष की थी तथा उनकी पत्नी की आयु 14 वर्ष थी। दुर्भाग्यवंश बच्चन सहाब की पत्नी श्यामा हरिवंश राय बच्चन की शादी के कुछ सालो के बाद ही टीबी की बीमारी के कारण 24 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
हरिवंश राय बच्चन का दूसरा विवाह-
इनकी पहली पत्नी का निधन होने के पाँच साल बाद 1941 में, हरवंश राय बच्चन ने दूसरा विवाह किया, इस बार इन्होंने विवाह एक पंजाबन तेजी सूरी नाम की महिला से की।तेजी सूरी जो की एक रंगमंच से जुड़ी महिला थी जो गायन में काफी रूचि रखती थी। इस शादी से दंपत्ति को दो संताने हुई, जिसमे एक का नाम अजिताभ तथा तथा दूसरे का नाम अमिताभ बच्चन था। बच्चन साहब के बड़े बेटे जो की बिजनेसमैन वही छोटा बेटा अमिताभ बच्चन स्टार हैं।
हरिवंश राय बच्चन का काव्य ग्रंथ-
कवि बच्चन की कृतियाँ संख्या में कुछ अधिक ही हैं। उन्होनें गद्य-रचनाओं के अतिरिक्त लगभग 35-40 काव्य-ग्रंथ का प्रणयन किया है, जिसमें तरा हार मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा-निमंत्रण, सतरंगिणी, प्रणय, मिलन-यामिनी बुध्द और नाचघर, एकांत संगीत, आकुल अंतर, त्रिभंगिमा, खादी के फूल, जनगीत नागर, गीता, दो चट्टानों, बहुत दिन बीते, काटती प्रतिमाओं की आवाज, उभरते प्रतिमा के रूप, आरती और अंगारे, जाल समेंटा आदि प्रमुख काव्य-ग्रंथ हैं। उन्होंने अंग्रेजी के सुप्रसिध्द कवि शेक्सपियर और डब्लू० वी० ईट्स की काव्य-रचनाओं का भी बड़ी सफलतापूर्वक के साथ अनुवाद किया हैं।
हरिवंश राय बच्चन की एक सबसे लोकप्रिय कविता
लहरों से डरकर नौका कभी पार नहीं होती,
कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,मन का विश्वास रगों में साहस भरते जाता है,
चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु-
महाकवि हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी सन् 2003 को मुम्बई में हुआ था।
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