तंतु से वस्त्र तक Class 6 Science chapter 3 Notes in Hindi Ncert solution for class 6 Science Chapter-3 तंतु से वस्त्र तक
(क) तंतुओं से तागा ंबनता है।(√)
(ख) कताई वस्त्र निर्माण की एक प्रक्रिया है।(√)
(ग) जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है।(×)
(घ) रुई से बिनौले (बीज) हटाने की प्रक्रिया को ओटना कहते हैं।(√)
(ङ) तागों की बुनाई से वस्त्र का एक टुकड़ा बनता है।(√)
(च) रेशम-तंतु किसी पादप के तने से प्राप्त होता है।(×)
(छ) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक तंतु है।(×)
3.रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) ------------------ और ------------------ से पादप तंतु प्राप्त किए जाते हैं।
(ख) ------------------ और ------------------ जांतव तंतु हैं।
Ans-(क)कपास , पटसन (ख)ऊन , रेशम
रुई (सिल्क) तथा जूट (पटसन) तंतु का उत्पादन पादपों से होता है:
(i).रुई (सिल्क): रुई एक प्राकृतिक तंतु है जो बोम्बैक्स मोरी (Bombyx mori) नामक सिल्क मोथ के कीट से प्राप्त होती है। सिल्क मोथ अपने कोकोन में सिल्क नामक धागे बनाती है जो विशेष जंगली पौधों जैसे मुलबेरी के पत्तों से आते हैं। इसे उत्पादित करने के लिए, सिल्क मोथ के कोकोन को उधारी जाती है और इसके बाद धागे विकसित किए जाते हैं जिन्हें रुई कहा जाता है।
(ii).जूट (पटसन): जूट एक प्राकृतिक तंतु है जो जूट पौधे (Flax plant) की बांस के स्तंभों से प्राप्त होती है। इसके लिए, जूट पौधे की बांस को धौलाकर उसे उतारा जाता है, फिर उसे सिकोटेक्स्टाइल तक ढलाने के लिए कड़ाई के तारों में स्पिनिंग किया जाता है। इस स्पिनिंग प्रक्रिया के बाद, जूट धागे बन जाते हैं, जिन्हें पटसन कहा जाता है।
इस प्रकार, रुई (सिल्क) प्राप्त करने के लिए सिल्क मोथ के कीटों द्वारा बनाए गए को कोन से रुई निकाली जाती है, जबकि जूट (पटसन) प्राप्त करने के लिए जूट पौधे के बांस से धागे तैयार किए जाते हैं।
6.तंतुओं से तागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
(i).प्रारंभिक तैयारी: तागे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले, आवश्यक सामग्री को तैयार किया जाता है। इसमें नारियल की फाइबर, चारखाना या तकती, नारियल का तार या डोरा, कटने वाली ताली, धागा और इच्छित सजावटी आभूषण शामिल हो सकते हैं।
(ii).नारियल की फाइबर को तैयार करना: नारियल की फाइबर को संशोधित और उचित रूप में तैयार किया जाता है। इसमें नारियल की सबुत या तार को साफ करने, धोने और सुखाने की प्रक्रिया शामिल होती है। इससे फाइबर संपीड़ित, मजबूत और उपयुक्त बनती है।
(iii).तागे का निर्माण: नारियल की फाइबर को तागे के रूप में तैयार किया जाता है। इसके लिए, एकाधिक प्रकार की तांबे, चारखाना या तकती, और तागे बनाने के उपकरणों का उपयोग किया जाता है। धागा या नारियल का तार तागे के चारों कोनों के आसपास पसारा जाता है और सुचारू रूप से बांधा जाता है।
(iv).सजावटी आभूषण: तागा को आकर्षक और सजावटी बनाने के लिए, उसे विभिन्न तरीकों से सजाया जा सकता है। इसमें रंगीन धागा, मोती, सिक्के, धातु संगठन, आभूषण या अन्य सजावटी सामग्री का उपयोग शामिल हो सकता है। यह तागे को और आकर्षक और विशेष बनाता है।
इस प्रक्रिया के द्वारा, तागे बनाने के लिए नारियल की फाइबर को उपयोग करके आकर्षक और सामरिक वस्त्र या आभूषण बनाए जा सकते हैं।