Class 6 chapter 5 Science Notes कक्षा 6 प्रश्नोत्तर विज्ञान पाठ 5 पदार्थों का पृथक्करण

Class 6 Science chapter 5 question answer Ncert solution for class 6 Science Chapter-5 पदार्थों का पृथक्करण

Ncert solution for class 6 Science Chapter-1 पदार्थों का पृथक्करण

Class 6 Science chapter 5 question answer पदार्थों का पृथक्करण

1.हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवाें को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।

Ans-हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता कई कारणों से हो सकती है। यहां दो उदाहरण हैं:

(i).प्रयोगशाला विज्ञान: विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता अक्सर प्रयोगशाला विज्ञान में होती है। यदि हमें किसी मिश्रण में मौजूद अवयवों की पहचान करनी हो तो हमें इन्हें पृथक करना आवश्यक होता है। इससे हम विशेष परीक्षण और विश्लेषण कर सकते हैं, और परिणामस्वरूप उनके गुणवत्ता, प्रतिष्ठिति, योग्यता और प्रभाव को माप सकते हैं। यह विभिन्न विज्ञान और प्रयोगशालाओं में उपयोगी होता है, जैसे रसायनशास्त्र, भौतिकी, जैविक विज्ञान, और फार्मास्यूटिकल अनुसंधान।

(ii).उद्योग: मिश्रण के अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता उद्योग में भी होती है। धातुओं, खनिजों, आपूर्ति चेन में उपयोग होने वाले पदार्थों जैसे रासायनिक तत्वों, मिश्रित सामग्रियों या औषधीय दवाओं में विभिन्न अवयवों को पृथक करना आवश्यक होता है। इससे उद्योग में उपयोग होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता, प्रभाव, संरचना और प्रतिष्ठिति का आकलन किया जा सकता है। इसके अलावा, इससे उत्पादन प्रक्रियाओं की अधिक सुगमता, अधिक योग्यता और उच्चतम उत्पादकता की भी प्राप्ति की जा सकती है।

यथासाध्य रूप से, इन उदाहरणों में मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने से हमें अवयवों की विशेषताओं और प्रभाव का अध्ययन करने में सहायता मिलती है, जो हमारे वैज्ञानिक और उद्योगिक अभियांत्रिकी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं।

2.निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?

Ans-निष्पावन(Disinfection)से अभिप्राय होता है संक्रमण को नष्ट करना या कम करना। यह एक प्रक्रिया है जिसमें किसी वस्तु, सतह या परिसर को ऐसे तत्वों या प्रयोग के माध्यम से शुद्ध किया जाता है जो जीवाणु, विषाणु, कीटाणु या अन्य कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए तैयार किए गए होते हैं।

निष्पावन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जहां संक्रमण के आसार हो सकते हैं और स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए साफ-सफाई आवश्यक होती है। कुछ प्रमुख उपयोग स्थानों में शामिल हैं:

(i).चिकित्सा:अस्पतालों,नर्सिंगहोम्स,क्लिनिक्स,औषधालयों,और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में निष्पावन का उपयोग संक्रमण के प्रसार को रोकने और संक्रमण के स्रोतों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इससे रोगाणुओं, बैक्टीरिया, फंगस और अन्य पथोजनों को मारा जाता है, जिससे रोग प्रबंधन और संक्रमण की रोकथाम होती है।

(ii).सार्वजनिक स्थान: निष्पावन सार्वजनिक स्थानों में जैसे स्कूल, कार्यालय, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, अंतरराष्ट्रीय विमानताल, बस स्टेशन आदि में उपयोग होता है। यहां निष्पावन से संक्रमण का प्रसार रोका जा सकता है और सामान्य स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

(iii).जलयान: निष्पावन जलयान में भी उपयोगी होता है। जलयानों में पानी के संक्रमण के खतरों को कम करने के लिए निष्पावन प्रयोग किया जाता है। इससे जलयानों की सफाई में सुधार होता है और लोगों को सुरक्षित पीने का पानी प्रदान किया जा सकता है।

निष्पावन कई अन्य क्षेत्रों में भी उपयोग होता है जैसे कि खाद्य उद्योग, पशुपालन, नगरीय और औद्योगिक जल संसाधनों की सफाई, विमानन इत्यादि।

3.पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक करेंगे?

Ans-दालों के भूसे और धूल के कणों को पृथक करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग किया जा सकता है:

(i).स्वच्छ और सूखे करें: दालों को एक स्वच्छ स्थान पर रखें और इन्हें धूप में या एक ठंडी और सूखी जगह पर रखें ताकि वे पूरी तरह से सूख सकें। सूखने के बाद, आप दालों को हाथों या एक चलनी के माध्यम से हिला सकते हैं ताकि भूसे और धूल के कण अलग हो जाएं।

(ii).छानना: एक छाननी का उपयोग करके आप दालों को छान सकते हैं। एक छाननी लें और उसे दाल के ऊपर रखें। धीरे-धीरे छाननी को हिलाएं ताकि भूसे और धूल कणों का अलगाव हो सके और शुद्ध दाल नीचे जमा हो सके। इसके बाद, आप नीचे जमा हुई धूल और भूसे को हटा सकते हैं और शुद्ध दाल को उपयोग कर सकते हैं।

(iii).पानी के साथ धोना: आप दालों को पानी में धो सकते हैं ताकि भूसे और धूल कण अलग हो जाएं। इसके लिए, दालों को पानी में डालें और उन्हें हल्का-सा मसलें या हिलाएं। धूल और भूसे के कण पानी में सुस्त तरल में तैरेंगे और दाल के बाद आप पानी को छान सकते हैं। छानने के बाद, शुद्ध दाल नीचे रह जाएगी और ऊपर छाने गए भूसे और धूल कण निकलेंगे।

ये तरीके आपको दालों के भूसे और धूल कणों को पृथक करने में मदद करेंगे और शुद्ध दाल को तैयार करेंगे।

4.छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?

Ans-छानन (Sieving) एक प्रक्रिया है जिसमें एक छाननी (Sieve) का उपयोग करके विभिन्न खद्य पदार्थों को या योग्यता प्राप्त करने के लिए या खाद्य पदार्थों में मौजूद अपयश्चित तत्वों को अलग करने के लिए किया जाता है। छानन के माध्यम से छोटे या अपयश्चित कणों को छान दिया जाता है ताकि उपयोग की गुणवत्ता बढ़ जाए और नमूने को शुद्ध बनाया जा सके।

छानन का उपयोग खाद्य पदार्थों के विभिन्न तत्वों को अलग करने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित क्षेत्रों में छानन का उपयोग होता है:

(i).खाद्य उद्योग: छानन खाद्य उद्योग में व्यापक रूप से उपयोग होता है। दाल, आटा, चीनी, मैदा, मसाले, चावल, धान, और अन्य खाद्य पदार्थों को शुद्ध करने के लिए छानन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। यह उद्योग उत्पादन में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

(ii).रसोई घर: घरेलू रसोई में भी छानन का उपयोग होता है। उदाहरण के लिए, आटा को छानकर या मैदा को छानकर उसमें मूंगफली के दाने, भाप में पके हुए धनिये के बीज या दूसरे अपयश्चित तत्वों को अलग किया जा सकता है। छानन से रसोई में प्रयुक्त खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ती है और उन्हें शुद्धता दी जाती है।

(iii).फार्मास्यूटिकल उद्योग: फार्मास्यूटिकल उद्योग में भी छानन का उपयोग होता है। दवाओं, पथ्यपदार्थों, और औषधियों को बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री को छानन से शुद्ध किया जाता है। इससे दवाओं की सामग्री में संश्लेषणों को रोका जा सकता है और गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता को सुनिश्चित किया जा सकता है।

छानन का उपयोग अन्य क्षेत्रों में भी किया जाता है, जैसे निर्माण उद्योग, रंग उद्योग, खनन उद्योग, और जलयान निर्माण में इत्यादि।

5.रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक करेंगे?

Ans-रेत और जल के मिश्रण को पृथक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

(i).सिल्टेशन (संतर्णन): इस प्रक्रिया में, आप रेत और जल के मिश्रण को एक जलयान (संतर्णक यंत्र) में डालते हैं। जलयान में धक्के या झूले के माध्यम से मिश्रण को हिलाते हुए, जल ऊपरी स्तर पर ऊष्मायुक्त और रेत नीचे स्थित होती है। इसके बाद, जल को धीरे-धीरे बाहर निकाला जाता है, जबकि रेत वास्तविक जलयान में रह जाती है। इस तरीके से, आप रेत और जल को पृथक कर सकते हैं।

(ii).अवसादन (सेटलमेंट): इस प्रक्रिया में, आप रेत और जल के मिश्रण को एक वास्तविक या प्रयोगशाला में रखते हैं और उन्हें अवसादित होने के लिए छोड़ते हैं। जल का ऊपरी स्तर समय के साथ कम होगा और रेत नीचे बैठेगी। इस प्रक्रिया के बाद, जल को सतह पर सुरंग के माध्यम से हटा सकते हैं, जबकि रेत वहीं रहेगी। इस तरीके से भी, आप रेत और जल को पृथक कर सकते हैं।

ये तरीके आपको रेत और जल के मिश्रण को अलग करने में मदद करेंगे और पानी को अलगाव करके पवन अथवा सौर ऊर्जा का उपयोग करके इसे सुखा सकते हैं। रेत को बारिशी इलाकों में फिर से उपयोग किया जा सकता है, जबकि जल को उपयोग में लिया जा सकता है या पुनर्चक्रण के लिए शोधित किया जा सकता है।

6.आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक करना संभव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?
जी हां, आटे और चीनी के मिश्रण को पृथक करना संभव है। आप निम्नलिखित तरीके का उपयोग करके चीनी को पृथक कर सकते हैं:

(i).छानन: आप आटे और चीनी के मिश्रण को छानकर चीनी को पृथक कर सकते हैं। इसके लिए, आप एक छाननी (सिव) का उपयोग करेंगे। आटे और चीनी के मिश्रण को छाननी में डालें और धीरे-धीरे छानें। इस प्रक्रिया से, आटे के धनिये या अन्य बादामी या अपयश्चित कणों को छाना जा सकेगा, जबकि चीनी का पृथक हो जाएगा। यह तरीका चीनी को अलग करने के लिए सबसे साधारण और प्रभावी है।

(ii).पानी का उपयोग: आप आटे और चीनी के मिश्रण को पानी में भिगो दें सकते हैं। इसके बाद, चीनी पानी में घुलकर विलीन हो जाएगी, जबकि आटा अस्पष्ट कणों के रूप में बना रहेगा। इसके बाद, आप चीनी को पानी से छानकर पृथक कर सकते हैं। यह तरीका भी चीनी को पृथक करने के लिए उपयोगी है।

इन तरीकों का उपयोग करके आप आटे और चीनी के मिश्रण को पृथक कर सकते हैं और चीनी को अस्पष्ट कणों या अनचाहे पदार्थों से छान सकते हैं।

7.पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?

Ans-पंकिल जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

(i).जल को उचित रूप से शोधें: पंकिल जल को शोधन के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करें। जल शोधन प्रणालियाँ आमतौर पर फिल्टर, रिजर्वॉयर या जल शोधन के प्रत्येक संभावित तत्वों के लिए विशेष कार्बन या यूनिट का उपयोग करती हैं।

(ii).स्वच्छ जल की गुणवत्ता की जांच करें: शोधित जल की गुणवत्ता की जांच करें, जैसे कि जल में किटाणु, विषाक्त पदार्थ, या अन्य विषाणुओं की मौजूदगी के लिए जल परीक्षण करें। यह आपको शुद्धता स्तर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और आपको स्वच्छ जल की उपयोगिता का अंदाजा देगा।

(iii).जल को उचित रूप से संग्रहित करें: साफ जल को सुरक्षित रखने के लिए अच्छी तरह संग्रहित करें। एक अच्छा विकल्प है उचित आपूर्ति के लिए जल संग्रहण और जल उपयोग के लिए स्टोरेज टैंक का उपयोग करना।

(iv).जल को शुद्ध रखने के लिए जल व्यवहार के नियमों का पालन करें: जल की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए, उचित जल व्यवहार के नियमों का पालन करें। जल संरक्षण, उचित उपयोग, और संग्रहण प्रणालियों को अपनाएं और जल उपयोग में बचत करें।

(v).जल शुद्धि के लिए नवाचार का प्रयोग करें: तकनीकी उन्नयन के साथ, नवाचार का उपयोग करके जल शुद्धि के नए और सुरक्षित तरीके विकसित किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, जल शोधन प्लांट या जल उपयोग के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना।

यहाँ दी गई गाइडलाइंस का पालन करके आप पंकिल जल से स्वच्छ जल को प्राप्त कर सकते हैं। तो, जल संरक्षण, शोधन, और जल की उपयोगिता को सुनिश्चित करने के लिए अधिक जानकारी और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करें।

Class 6 Science chapter 5 question answer पदार्थों का पृथक्करण

8.रिक्त स्थानों को भरिए।  
(क)धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को ------------------ कहते हैं।
(ख)किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ------------------ कहलाती है।
(ग)समुद्र के जल से नमक ------------------ प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(घ)जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैंठ जाती हैं। इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ------------------ कहते हैं।

Ans-(क)श्रेशिंग, (ख)नियंदन, (ग)वाष्पन, (घ)निस्तारण

Class 6 Science chapter 5 question answer पदार्थों का पृथक्करण

9.सत्य अथवा असत्य?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।(×) 
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं।(×) 
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है।() 
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।(×) 

10.जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप ब.र्फ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं, इसके लिए शिकंजी में ब.र्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना संभव होगा?

Ans-शिकंजी को ठंडा करने के लिए बर्फ (यानी जल के जमने की आदि जो ठण्डा हो जाए) को शिकंजी में डालने की सामान्य प्रथा है। बर्फ का उपयोग शिकंजी को तत्परता से ठंडा और मजेदार बनाने के लिए किया जाता है। चीनी तथा नींबू का रस उसके बाद डाला जाता है।

इसका कारण यह है कि बर्फ पानी में पिघलकर पानी को ठंडा कर देती है, जबकि चीनी और नींबू का रस अपनी प्राकृतिक रूप से शक्कर और लेमन की गुणवत्ता और स्वाद को बनाए रखते हैं। इसलिए, बर्फ को शिकंजी में पहले ही डालकर उसे ठंडा करना बेहतर होगा, और बाद में चीनी तथा नींबू का रस मिलाना सुनिश्चित करेगा कि वे शिकंजी की मजेदारता और स्वाद को संरक्षित रखें।

इस प्रकार, शिकंजी में बर्फ को पहले डालना आपको इसे ठंडा करने के लिए अधिक चीनी घोलने की आवश्यकता को कम कर सकता है।

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