Class 9 Science Chapter 6 ऊतक Notes in Hindi ऊतक Class 9 Science Chapter 6 Question Answer

Class 9 Science Chapter 6 ऊतक Notes in Hindi ऊतक Class 9 Science Chapter 6 Question Answer


Class 9 Science Chapter 6 ऊतक Notes in Hindi 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

प्रश्न 1.ऊतक को परिभाषित करें। 
Ans-ऊतक कोशिकाओं का एक संयोजन होता है जो आकृति एवं आकार में एक समान होते है और शरीर में एक विशेष कार्य करने में सक्षम होते है। 

2.स्थायी ऊतक क्या है? 
उत्तर-वाज्योतक द्वारा बनी कोशिकाओं का क्या होता है? ये एक विशिष्ट कार्य करती है और विभाजित होने की शक्ति को खो देती है जिसके फलस्वरूप वे स्थायी ऊतक का निर्माण करती है। इस प्रकार एक विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते है। वाज्योंतक की कोशिकाएं विशिष्टकृत होकर विभिन्न प्रकार के स्थायी ऊतक का विकास करती है। 

3.जटिल स्थायी ऊतक किसे कहते है। 
Ans-अन्य प्रकार के स्थायी ऊतक को जटिल ऊतक कहते हैं। जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं और ये सभी एक साथ मिलकर एक इकाई की तरह कार्य करते है। 

4.सरल स्थायी ऊतक किसे कहते हैं? 
Ans-अपिडमिर्स के नीचे कोशिकाओं की कुछ परतें होती है जिसे सरल स्थायी ऊतक कहते हैं। पैरेन्कइमा सबसे अधिक पाया जाने वाला सरल स्थायी ऊतक है। यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल स्थायी ऊतक है। यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है। ये जीवित कोशिकाएं हैं। ये प्राय: बंधन मुक्त होती हैं तथा इस प्रकार के ऊतक की कोशिकाओं के मध्य काफी रिक्त स्थान पाया जाता है। ये ऊतक प्राय: भोजन का भंडारण करती है। 

5.एपिथीलियमी ऊतक किसे कहते है। 
Ans-जंतु के शरीर को ढकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक एपिथीलियमी ऊतक है। एपिथीलियमी शरीर के अंदर स्थित बहुत से अंगों और गुहिकाओं को ढकने है। ये विभिन्न-विभिन्न प्रकार के शरीरिक तंत्रों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते हैं। त्वचा,मुँह, आहारनली, रक्त वाहिनी नली का अस्तर, फेफड़ों की कुपिका, वृक्कीय नली आदि सभी एपिथीलियमी ऊतक से बने होते हैं। 

6.कितने प्रकार तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते है? उनके नाम बताएं।
Ans-चार प्रकार के तत्व (कोशिकाओं) से मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण होता है। उनके नाम-

(i)जाइलम ट्रैकीक (वाहिनिका) 
(ii)जाइलम वाहिका
(iii)जाइलम पैरेन्काडमा 
(iv)जाइलम फाइबर

7.पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं? 
Ans-सरल ऊतक
  • सरल ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं में मिलकर बना होता है। 
  • इसे तीन भागों में बाटा गया है-पैरेन्काइमा, क्लोरेन्काइमा एवं स्क्लेरेन्काइमा। 
ये पौधों में भोजन का भंडारण, लचीलापन  तथा मजबूती प्रदान करते है


जटिल ऊतक
  • जबकि जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। 
  • इसे दो भागों में बाटा गया है-जाइलम एवं फ्लोएम 
  • जटिल उतकों का कार्य जल खनिज, लवण तथा खाद्य पदार्थों को पौधों के विभिन्न भागों में पहुँचाते है। 
8.कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, क्लोरेन्काइमा एवं स्क्लेरेन्काइमा के बीच स्पष्ट करें। 

पैरेन्काइमा
इसकी कोशिका भित्ति पतली होती है जो सकल कोशिकाओं से बनी होती है। 

कॉलन्काइमा
इसकी कोशिका भित्ति भी पतली होती है परंतु कोनों पर मोती होती है। 

स्क्लेरेन्काइमा
इसकी कोशिका भित्ति लिगिनक के कारण मोटी होती है, जिसके कारण कोशिका के भीतर कोई आंतरिक स्थान नहीं होता है। 

9.पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं? 
Ans-पैरेन्काइमा ऊतक पौधों के जड़, तना पत्तियों, पुष्प फल में पाए जाते है। पैरेन्काइमा ऊतकों में क्लारो फिल पाया जाता है, जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सम्पन होती है, जलीय पौधों में पैरेन्काइमा की कोशिकाओं के मध्य हवा की गुहिकाएं होती है, जिसके कारण ये जल में उतराती है।

10.पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है? 
Ans-पौधों में एपिडर्मिस की भूमिका-
(i)पौधों में कोशिकाओं से बनी सबसे बाहरी परत को एपिडर्मिस कहते है। इस प्रकार एपिडर्मिस पौधों के सभी भागों की रक्षा कवच है। 
(ii)शुष्क स्थानों में पाए जाने वाले पौधों में एपिडर्मिस मोती होकर जल की हानि को कम करती है जिससे पौधे सुरक्षित रहते है। 

(iii)इसकी कोशिकाओं में कलोरोफिल पाया जाता है जिससे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया सम्पन होती है। 

(iv)पौधों की पत्तियों के एपिडर्मिस में छोटे-छोटे छिद्र होते है जिन्हें रन्ध्र (Stomata) कहते है। जिसके द्वारा वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान होता है और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी होती है। 

11.छाल (कार्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है? 
Ans-जैसे-जैसे वृक्षों की आयु बढ़ती है, उनके बाह्य सुरक्षा ऊतकों एपिडर्मिस में कुछ परिवर्तन होते है एवं द्वितीय विभोज्योतक की एक पट्टी जो कॉर्टेक्स में होती है कार्क नामक कोशिकाओं की परतों का बनाती है इन कार्कों (छालों) की कोशिकाएं मृत होती है। इनके नीचे अन्त: कोशिकाय स्थान नहीं होते है। इनकी भित्ति पर सुबेरिन नामक पदार्थ होता हैं जो छालों (कार्कों) का हवा एवं पानी के लिए अभेद बनाता हैं। 

12.निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें:


13.रंध्र के क्या कार्य है? 
Ans-रंध्र के मुख्यत: दो कार्य होते है:-
(i)रंध्र द्वारा वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान होता है, जैसे- प्रकाश-संश्लेषण में वायुमंडल से रंध्रों द्वारा CO2 का अंदर आना तथा CO2 का बाहर निकालना 

(ii)वास्पोत्सर्जन की क्रिया में जल का वाष्प के रूप में बाहर निकलना रंध्र के द्वारा ही होता है। 

14.तीनों के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें। 

रेखित पेशी-
(i)रेखित पेशी की कोशिकाएं लंबी, बेलनकार, शाखारहित और बहुनाभीय होती है।
(ii)इस पेशी को एच्छिक पेशी कहते है। 
(iii)रेखित पेशी हडि्डयों से जुड़ी होती है।


 
चिकनी पेशी
(i)चिकनी पेशी की कोशिकाएं लंबी इनका आखरी सिरा नुकीला और एक-केंद्रकीय होती है। 
(ii)इस पेशी को अनैच्छिक होती है।
(iii)चकनी पेशी आहरनी तथा फेफड़ों में पाई जाती है। 



कार्डिक हृदयक पेशी
(i)कार्डिक पेशी बेलनकार शाखाओं वाली और एक केंद्रकीय होती हैं। 
(ii)इस पेशी को भी अनैच्छिक पेशी कहते है।
(iii)कार्डिक पेशी हृदय की दीवारों पर स्थित होती है। 


15.कार्डिक (हृदयक)पेशी का विशेष कार्य क्या हैं? 
Ans-कार्डिक पेशी जीवन भर लयबध्द् होकर प्रसार एवं संकूचन करती रहती है। जिससे हृदय की पम्पिंग व्यवस्था सुचारु रूप से होती है। और रक्त का संचार पूरे शरीर में होता है। 

हमारें इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर आपको इससे कोई मदत मिली हो तो कमेंट जरूर करें और साथ ही अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें।

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