खानाबदोश - पाठ 6: NCERT Solutions for Class 11th

खानाबदोश - पाठ 6: NCERT Solutions for Class 11th

खानाबदोश - पाठ 6: NCERT Solutions for Class 11th

खानाबदोश - पाठ 6: NCERT Solutions for Class 11th

1.जसदेव की पिटाई के बाद मज़दूरों का समूचा दिन कैसा बीता?

Ans- जसदेव की पिटाई के बाद मज़दूरों का समूचा दिन बहुत ही कठिनाई और तनाव में बीता। पिटाई की घटना ने मजदूरों के मन में डर और असुरक्षा की भावना भर दी। वे सभी काम करने में भी असमर्थ हो गए थे और उनके मन में और उन सभी के मन में ये डर था की सूबेसिंह किसी भी वक़्त लौटकर आएगा और मार-पीट करेगा। पिटाई के कारण मजदूरों में एक आक्रोश और विद्रोह की भावना भी जाग्रत हो गई थी, जिससे उन्होंने अपनी स्थिति और अधिकारों के प्रति अधिक जागरूकता महसूस की। 

2.मानो अभी तक भट्टे की जिंदगी से तालमेल क्यों नहीं बैठा पाई थी ?

Ans- कहानी "खानाबदोश" में मानो अभी तक भट्टे की जिंदगी से तालमेल नहीं बैठा पाई थी क्योंकि वह अपने पुराने जीवन और संस्कारों से बहुत जुड़ी हुई थी। उसके लिए भट्टी का काम, धूल-धुआं, कड़ी मेहनत और कठोर वातावरण सब कुछ नया और अपरिचित था। वह अपने पुराने जीवन के सुख-सुविधाओं को याद करती थी और नई परिस्थितियों में अपने आप को ढाल नहीं पा रही थी। इसके अलावा, भट्टी के काम में कोई स्थायित्व और आराम नहीं था, जो मानो के लिए असहनीय था। यह सब कारण मिलकर उसे भट्टी की जिंदगी से तालमेल बिठाने में कठिनाई हो रही थी।

3.असगर ठेकेदार के साथ जसदेव को आता देखकर सूबे सिंह क्यों बिफर पड़ा और जसदेव को मारने का क्या कारण था ?

Ans- सूबे सिंह जसदेव को असगर ठेकेदार के साथ देखकर इसलिए बिफर पड़ा क्योंकि उसने असगर ठेकेदार को मानो को बुलाने के लिए कहा था। क्योंकि सूबे सिंह की मानो पर बुरी नज़र थी। और इसलिए सूबे सिंह मानो के स्थान पर सुकिया को आता देख क्रोधित हो उठा।सूबे सिंह ने तब मानो का सारा गुस्सा उसने जसदेव पर निकाल दिया। उसने जसदेव को बहुत बुरी तरह मारा।

4.जसदेव ने मानो के हाथ का खाना क्यों नहीं खाया ?

Ans- सामाजिक भेदभाव के कारण जसदेव ने मानो के हाथ का खाना नहीं खाया। भारत में अक्सर जाति, वर्ग और समुदाय के आधार पर भेदभाव देखने को मिलता है।संभव है कि मानो और जसदेव के धर्म और जाति दोनों ही अलग थे। जसदेव ब्राह्मण था और समाज की कुरीतियां सब पर हावी थी।इसलिए जसदेव भी खाना खाने में हिचक रहा था और उसने बहाना बना दिया कि उसे भूख नहीं है।अंत में उसका असली चेहरा दिख जाता है।

5.लोगों को क्यों लग रहा था कि किसी ने जानबूझकर मानो की ईंटें गिराकर रौंदा है ?

Ans- लोगों को ऐसा इसलिए लग रहा था कि किसी ने जानबूझकर मानो की ईंटें गिराकर रौंदा है क्योंकि रात में कोई आँधी-तूफान भी नहीं आया था जिसके कारण वे गिर सकती हैं।मानो की मेहनत और समर्पण से बनाई गई ईंटें अचानक से गिरी हुई और रौंदी हुई अवस्था में मिलीं। यह स्थिति इस बात का संकेत दे रही थी कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं बल्कि किसी की शरारत या द्वेष का परिणाम हैं। मानो ने जिस ईंटों को संभाल कर और व्यवस्थित तरीके से रखा था, उनके इस प्रकार बिखरने और टूटने से यह संदेह उत्पन्न हो रहा था कि यह किसी की योजनाबद्ध साजिश है। और इसलिए सब कह रहें थे किसी ने जानबूझकर मानो की ईटें गिराकर रौंदा है।

6.मानो को क्यों लग रहा था कि किसी ने उसकी पक्की ईटों के मकान को ही धराशाई कर दिया है?

Ans-मानो को ऐसा इसलिए लग रहा था क्योंकि उसकी पक्की ईंटों की दीवार को गिरा दिया गया था। यह उसके लिए एक बड़ा आघात था। मानो ने बहुत मेहनत से पकी हुई ईटो से उसने वह दीवार खड़ी की थी। मानो जब से भट्टे पर काम करने आई थी तब से उसका यह सपना था की वह पक्की ईटो का घर बनाएगी इसके लिए वह सुकिया से हमेशा कहती थी कि हम दोनो दिन रात मेहनत करेंगे। पर एक दिन दीवार के गिर जाने से उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई हो, और यही कारण था कि उसे लगा कि किसी ने उसकी पक्की ईंटों के मकान को धराशाई कर दिया है।

7.'चल ! ये लोग म्हारा घर ना बणने देंगे। ' सुकिया के इस कथन के आधार पर कहानी की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए।

Ans-सुकिया का कथन "चल ! ये लोग म्हारा घर ना बणने देंगे।" इस कहानी की मूल संवेदना को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इस कथन से हमें यह पता चलता है कि सुकिया और उसके जैसे खानाबदोश लोग समाज में किन कठिनाइयों का सामना करते हैं।

8.'खानाबदोश' कहानी में आज के समाज की किन समस्याओं को रेखांकित किया गया है ? इन समस्याओं के प्रति कहानीकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए ।

Ans-कहानी 'खानाबदोश' में आज के समाज की कई महत्वपूर्ण समस्याओं को रेखांकित किया गया है। 

(क) किसानों का जीविका चलाने के लिए गाँवों से पलायन।
(ख) मज़दूरों का शोषण तथा नरकीय जीवन।
(ग) जातिवाद तथा भेदभाव भरा जीवन।
(घ) स्त्रियों का शोषण।
   
कहानीकार का दृष्टिकोण:
कहानीकार ने इन समस्याओं को बड़ी संवेदनशीलता और गहराई से चित्रित किया है। वे इन समस्याओं के प्रति सहानुभूति रखते हैं और समाज की उन कमजोरियों को उजागर करते हैं जो इन समस्याओं को जन्म देती हैं। कहानीकार का मानना है कि स्थायी आवास और सामाजिक सुरक्षा का अभाव व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। उन्होंने इन समस्याओं के समाधान की आवश्यकता को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित होता है।

इस प्रकार, 'खानाबदोश' कहानी वर्तमान समाज की आवासीय अस्थिरता, सामाजिक असुरक्षा, आर्थिक कठिनाइयों और परिवारिक तनाव जैसी समस्याओं को उजागर करती है और कहानीकार का दृष्टिकोण इन समस्याओं के समाधान की आवश्यकता की ओर इशारा करता है।

9.सुकिया ने जिन समस्याओं के कारण गाँव छोड़ा वही समस्या शहर में भट्ठे पर उसे झेलनी पड़ी - मूलत: वह समस्या क्या थी?

Ans-स्त्रियों का सम्मान न करना,उनका शोषण करना। मजदूरों को इज्जत न देना, मुंशी का फरमान अदा करना। गाँव में जानवरों का डर उसे डराया करता ।

10.'स्किल इंडिया' जैसा कार्यक्रम होता तो क्या तब भी सुकिया और मानो को खानाबदोश जीवन व्यतित करना पड़ता ?

Ans-यदि 'स्किल इंडिया' जैसा कार्यक्रम होता, तो संभवतः सुकिया और मानो को खानाबदोश जीवन व्यतीत करने की आवश्यकता नहीं होती। 'स्किल इंडिया' कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को विभिन्न कौशल सिखाकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यदि सुकिया और मानो इस प्रकार के किसी कार्यक्रम से जुड़ जाते, तो वे नई तकनीकों और कौशलों को सीख सकते थे, जिससे उन्हें स्थायी रोजगार मिल सकता था। इस प्रकार, उन्हें अपनी जीविका के लिए खानाबदोश जीवन अपनाने की आवश्यकता नहीं होती।

इस कार्यक्रम के तहत, सुकिया और मानो जैसे लोग न केवल रोजगार प्राप्त कर सकते थे, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति भी सुधार सकते थे। इसके अलावा, उन्हें सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता मिल सकती थी, जो कि खानाबदोश जीवन में मुश्किल होती है। अतः, 'स्किल इंडिया' जैसा कार्यक्रम उनकी जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता था और उन्हें खानाबदोश जीवन से मुक्ति दिला सकता था।

11.निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।

(क) अपने देस की सूखी रोटी भी परदेस के पकवानों से अच्छी होती है।

Ans-इस पंक्ति का आशय यह है कि अपने देश में मिलने वाली साधारण और कमतर चीजें भी, परदेस में मिलने वाले अत्यधिक और बेहतर चीजों से अधिक प्रिय और मूल्यवान होती हैं। इसका तात्पर्य यह है कि अपने देश की भूमि, अपनी संस्कृति और अपने लोगों का स्नेह किसी भी बाहरी चमक-दमक से अधिक महत्वपूर्ण और सुखद होता है।

(ख) इत्ते ढेर से नोट लगे हैं घर बणाने में। गाँठ में नहीं है पैसा, चले हाथी खरीदने ।

Ans-इस पंक्ति का अर्थ है कि घर बनाने में बहुत सारा पैसा खर्च हो गया है। जेब में पैसा नहीं है फिर भी बड़ी-बड़ी इच्छाएँ पाल रहे हैं। इसका तात्पर्य यह है कि जो लोग अपनी स्थिति के अनुसार काम नहीं करते और अपनी क्षमताओं से बढ़कर चीजें हासिल करने की कोशिश करते हैं, वे अक्सर मुश्किलों का सामना करते हैं।

(ग) उसे एक घर चाहिए था पक्की ईंटों का, जहाँ वह अपनी गृहस्थी और परिवार के सपने देखती थी।

Ans-इस पंक्ति का आशय है कि वह एक स्थायी और सुरक्षित घर चाहती थी, जहाँ वह अपनी गृहस्थी बसा सके और अपने परिवार के साथ एक सुखद जीवन बिता सके। इसका तात्पर्य यह है कि स्थिरता और सुरक्षा हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है, खासकर तब जब वह अपने परिवार और भविष्य के बारे में सोचता है।

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