Jharkhand Board class 8 Hindi notes छोटा जादूगर

JAC Board Solution For Class 8 Hindi Chapter 2 छोटा जादूगर 

छोटा जादूगर

JAC Board Solution For Class 8 Hindi Chapter 2 छोटा जादूगर 

वस्तुनिष्ट प्रश्न

1.प्रस्तुत गद्यांश के रचनाकार कौन हैं? 
(a)प्रेमचंद 
(b)जयशंकर प्रसाद
(c)आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(d)इनमें से कोई नहीं

2.उपरोक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? 
(a)छोटा जादूगर
(b)बड़े भाई साहब
(c)अपराजिता
(d)अमरुद का पेड़

3.यह पाठ हिन्दी साहित्य की कौन सी विधा है? 
(a)निबंध 
(b)कहानी
(c)कविता 
(d)वयंग्य 

4.कार्निवाल के मैदान में क्या जगमगा रही थी? 
(a)बिजली
(b)चांद-तारे
(c)प्रकाश 
(d)इनमें से कोई नहीं

5.'आकर्षित' शब्द में कौन सा प्रत्यय लगा हुआ है? 
(a)आवट 
(b)इत
(c)इक
(d)इनमें से कोई नहीं

6."क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा?"
(a)लेखक ने
(b)दर्शक ने
(c)जादूगर ने 
(d)इनमें से कोई नहीं

7."मैंने सब देखा है।" यह किसकी युक्ति है? 
(a)लड़के की
(b)लेखक की
(c)जादूगर की
(d)इनमें से कोई नहीं

8.तीर से क्या छेदते हैं? 
(a)Branch
(b)नंबर
(c)ताश 
(d)इनमें से कोई नहीं

9."जादूगर तो बिल्कुल निकम्मा है।" किसने कहा? 
(a)लेखक ने
(b)लड़के ने
(c)दर्शक ने
(d)इनमें से कोई नहीं

10.'सहमत' शब्द का विपरीतार्थक शब्द क्या है? 
(a)असहमत
(b)असहाय
(c)अकिंचन
(d)इनमें से कोई नहीं

JAC Board Solution For Class 8 Hindi Chapter 2 छोटा जादूगर 

अभ्यास प्रश्न

(Q)1.मनुष्यों की भीड़ से जाड़े की संध्या भी गरम हो रही थी। यह पंक्ति लेखक ने किस संदर्भ में लिखा है? 

Ans:-लेखक ने यह पंक्ति कार्निवाल के मैदान में भारी संख्या में उमड़ी भीड़ को उत्साह था। सब अपने तरीके से कार्निवाल का आनंद उठा रहे थें। जाड़े की संध्या अत्याधीक ठंडी होती है, किंतु मनुष्य की भीड़ से ठंड दूर भाग रही थी और जाड़े की संध्या गरम हो रही थी। 

(Q)2.लेखक उस तेरह-चौदह वर्ष के लड़के को आश्चर्य से क्यों देखने लगा? 

Ans:- लेखक उर, तेरह-चौदह वर्ष के लड़के को आश्चर्य से देखने लगा क्योंकि लड़के ने स्वावलंबन और मातृभक्ति की भावना दिखाई थी और लेखक से कहा था कि–"तमाशा देखने नहीं, दिखाने निकला हूँ। कुछ पैसे ले जाऊँगा, तो माँ को पथ्य दूँगा। मुझे शरबत न पिलाकर आपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया होता, तो मुझे प्रसन्नता होती। 

(Q)3.छुट्टियाँ बिताकर लेखक जब कलकत्ते से चला तो रास्ते में उसने क्या देखा? 

Ans:-छुट्टियाँ बिताकर लेखक जब कलकत्ते से चला तो रास्ते में उसने देखा कि छोटे-जादूगर का रंगमंच सजा था। वहाँ बिल्ली रूठ रही थी। भालू मनाने चला था, ब्याज की तैयारी थी, पर यह सब होते हुए भी जादूगर की वाणी में प्रसन्नता नहीं थी। जब वह औरों को हँसाने की चेष्टा कर रहा था, तब जैसे स्वयं काँप जाता था। मानों उसके रोएँ  रो रहे थे। लेखक के पूछने पर किस आज खेल जमा क्यों नहीं? उसने कहा कि माँ कहा है कि आज तुरंत चले आना। मेरी घड़ी समीप है। 

(Q)4.कहानी में लेखक ने छोटा जादूगर के लिए क्या-क्या किया? 

Ans:-कहानी लेखक ने छोटा जादूगर को शरबत पिनेवालों को देखते हुए पाया था। लेखक के मन में छोटे जादूगर के प्रति जो संवेदना थी उसने कहानी के अंत तक निभाया। सर्वप्रथम उसने छोटा जादूगर का कार्निवाल का आनंद मित्रवत उठाने में मदद की। उसे शरबत पिलाया। बातों–बातों में घर–परिवार की जानकारी ले ली। निशानेबाजी में हिस्सा लेने में मदद किया, जिसके कारण छोटे जादूगर के पास तमाशा दिखाने हेतु सामग्रियों की व्यवस्था हो सकी। बालक सचमुच छोटा जादूगर बन गया। 

(Q)5.आप कैसे कह सकते हैं कि छोटा जादूगर देशभक्त और मातृभक्त था? 

Ans:-छोटे जादूगर एक तेरह–चौदह वर्ष का स्वाभिमानी देशभक्त और मातृभक्त लड़का था। उसके पिता देश के लिए जेल में थे। वह भी देश के लिए पिता की तरह ही जेल जाना चाहता था किंतु घर में उसकी माँ बीमार थी। अपनी माँ की बीमारी की वजह से वह जेल नहीं गया और माँ के लिए मेहनत करके कुछ कमाना चाहता है ताकि अपनी माँ की देखभाल भी कर ले और अपने पैरों पर खड़ा भी हो जाए। 
 
(Q)6.छोटे जादूगर के चरित्र की विशेषताओं को लिखें–

Ans:-छोटा जादूगर के चरित्र की निम्किकित के लिए उत्सुक रहता है ताकि कुछ पैसे कमा सके। 

(क)स्वावलम्बी-वह स्वयं तमाशा दिखाने के लिए उत्सुक रहता है ताकि कुछ पैसे कमा सके। 

(ख)मातृभक्त-बीमार माता की सेवा के लिए कठिन परिश्रम करता है। 

(ग)देशभक्त-उसके पिता देश के लिए जेल में हैं। इस बात का तो उसे गर्व है ही, वह स्वयं भी देश के लिए जेल जाने के लिए उत्सुक था। 

(घ)साहसी-स्वयं का व्यवसाय अपनाकर वह दुनिया के समक्ष साहस का उदाहरण पेश करता। 

आगे के अध्याय को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇

Post a Comment

Previous Post Next Post

Offered

Offered