नये राजा और राज्य Class 7th Social Science Chapter-2 Ncert

नये राजा और राज्य Class 7th Social Science Chapter-2 Ncert

नये राजा और राज्य

1.रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(i)राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक तंतदुर्ग था। 
(ii)पालवंश बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। 
(iii)चोल वंश का संस्थापक विजयालय था।
(iv)राजा महेंद्रपाल के शिलालेख झारखंड के महेंद्रपाल जिले से प्राप्त हुई हैं। 
(v)चोलकाल में मंदिरों का निर्माण तंजौर शैली में किया गया था। 

2.सामन्त कौन थे? 
Ans-राजा बड़े जमींदार व कुछ प्रमुख सैन्य प्रमुखों को कुछ राजनीतिक अधिकार भी प्रदान कर देते थे। उन्हें सामंत कहा जाता था। ये सामंत राजा को शासन चलाने में मदद करते थे। ये जनता से कर वसूलते थे। इनके पास छोटी सेना भी होती थी जिससे वे राजा को युद्ध के समय सैन्य सहायता प्रदान करते थे। सामंतों द्वारा वसूले गए कर से वे अपनी सेना व जागीर का संचालन करते थे। अधिक सत्ता और संपदा हासिल करने पर सामंत अपने को महासामंत महामंडलेश्वर घोषित कर लेते थे। 

3.गुर्जर-प्रतिहार कौन थे? 
Ans-पालों के अतिरिक्त उत्तरी की दूसरी महत्वपूर्ण शक्ति गुर्जर प्रतिहारों की थी। इस साम्राज्य का संस्थापक हरिचंद्र था। गुर्जर-प्रतिहार ने पश्चिम व मध्य भारत तक अपनी भौगोलिक सीमा का विस्तार कर एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया। राष्ट्रकूट बार-बार प्रतिहारों व पाल शासकों से कान्नौज और पश्चमी गंगा के मैदानी क्षेत्रों पर अधिकार के लिए संघर्ष करते थे। कान्नौज व्यापारिक दृष्टिकोण से उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण शहर था। इसे महोदय नगर कहकर भी पुकारा गया है। राष्ट्रकूटों ने दक्षीण के चोल वंश के शासकों से भी संघर्ष किया। 

4.कौन-कौन से राजवंश त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल थे? 
Ans-दक्कन में राष्ट्रकूट पूर्वी भारत में पाल तथा मध्य व पश्चिम भारत में गुर्जर प्रतिहार राजवंश त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल थे। 

5.विक्रमशिला विश्वविधालय की स्थापना किसने और क्यों की? 
Ans-विक्रमशिला विश्वविधालय की स्थापना धर्मपाल ने (783-820ई०) नालंदा विश्वविधालय के शैक्षणिक स्तर में गिरावट के बाद इसकी स्थापना की थी। 

6.राष्ट्रकूट कैसे शक्तिशाली बने? 
Ans-राष्ट्रकूट चालुक्यों के सामंत थे,परंतु उनकी कमजोरी का लाभ उठाकर उन्होंने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली।दंतिदुर्ग ने राष्ट्रकूट वंश की स्थापना की। उसने मान्यखेत को अपनी राजधानी बनायी। उसने महाराजाधिराज, परमेश्वर, भट्टारक जैसी उपाधियाँ धारण की। कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा और एलिफैन्डा की गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूट ने ही करवाया था। अमोघवर्ष, कृष्ण प्रथम, ध्रुव और गोविंद तृतीय राष्ट्रकूट वंश के राजा थे।

7.सामंत किसे कहा जाता था? 
Ans-राजा बड़े जमींदार व कुछ प्रमुख सैन्य प्रमुखों को कुछ राजनीतिक अधिकार भी प्रदान कर देते थे। उन्हें सामंत कहा जाता था। ये सामंत राजा को शासन चलाने में मदद करते थे। 

8.पाल वंश बंगाल बिहार तक ही क्यों सीमित रह गए थे? 
Ans-पाल वंश  पूर्वी भारत में एक शक्तिशाली राजवंश था। इसकी स्थापना गोपाल ने की थी। पाल राजवंश का विस्तार वर्तमान बिहार और बंगाल तक था। धर्मपाल के पुत्र देवपाल ने पाल वंश का विस्तार असम, ओडिशा व नेपाल के कुछ क्षेत्रों तक किया। पाल वंश के शासक बौध्य धर्म को मानने वाले थे। पाल वंश के शासकों ने लगभग 400 वर्षों तक शासन किया था। 

9.चोल साम्राज्य के स्थानीय स्वशासन की क्या विशेषता थी? 
Ans-चोल साम्राज्य की स्थानीय प्रशासन व्यवस्था अनूठी थी। इनकी स्थानीय प्रशासन व्यवस्था को वारियम कहा जाता है। यह व्यवस्था सीमित प्रणाली पर आधारित थी। चोल अभिलेखों में तीन प्रकार के ग्राम सभाओं का उल्लेख मिलता है। उर, सभा और नगर्म। 

10.चोल साम्राज्य में मंदिर कि प्रकार महत्वपूर्ण थे। 
Ans-चोल साम्राज्य में मंदिर महत्वपूर्ण होने के कारण निमनलिखित थे। जैसे-द्रविड़ शैली के अंतर्गत मंदिरों का निर्माण होना तथा चोल मंदिरों में विस्तृत प्रांगण, विशाल विमान तथा उच्च एवं अलकृत गोरपुरम देखने को मिलते हैं। 

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