मनसा देवी पर निबंध Maa Mansa Devi Essay in Hindi
मां मनसा देवी कौन हैं:
माना जाता है कि माँ मनसा देवी सन्तान, सर्प और विष संबंधित माता हैं और उन्हें हिन्दू धर्म में एक शक्ति रूप में पूजा जाता है। वे अक्सर नाग और सर्पों के साथ दिखाई देती हैं और उनके पूजन का पर्व मनसा पूजा या नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
मां मनसा देवी के माता-पिता:
भगवान शिव और माता पार्वती की एक पुत्री थी, जिसका नाम मनसादेवी था। पौराणिक कथाओं के अनुसार मनसादेवी का जन्म मस्तक से हुआ।, इसीलिए उनका नाम मनसा पड़ा। मनसा देवी को कश्यप ऋषि की पुत्री भी कहा गया है।
मां मनसा देवी, भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में एक महत्वपूर्ण देवी मानी जाती है। वे नाग देवता वासुकि की बहन और अस्तिक ऋषि की माता हैं। मनसा देवी का नाम 'मनसा' संस्कृत शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है 'मनोंं की रक्षक' या 'मन को शांत करने वाली'।
मान्यता है कि मनसा देवी विषहीन हैं और उन्होंने अनेक लोगों को विष के असर से बचाया है। उन्हें नाग देवताओं की रानी माना जाता है और उन्हें विष और सर्प से संबंधित समस्त भयों से बचाने की क्षमता होती है।
मनसा देवी का पूजन भारत में कई जगहों पर किया जाता है, विशेष रूप से बंगलादेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, और असम में। उनके पूजा महोत्सव जैसे मनसा देवी जयंती पर बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
माँ मनसा देवी का वाहन:
माँ मनसा देवी का प्रमुख वाहन साप (सर्प)को माना जाता है। वह दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन पौराणिक कथाओं में उन्हें साँपों की रानी या नागिन के रूप में दिखाया गया है।
माँ मनसा देवी की पूजा विधि:
माँ मनसा देवी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें।
1.आवाहन और पुष्पांजलि: पूजा शुरू करने से पहले, मनसा देवी को आवाहन करें और उन्हें फूलों की माला देकर आत्मा समर्पित करें।
2.कलश स्थापना: पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और उसमें जल और गंध डालें।
3.लक्ष्मी-गणेश पूजा: मनसा देवी की पूजा से पहले लक्ष्मी और गणेश की पूजा करें, क्योंकि यह शुभ माना जाता है।
4.मनसा मंत्र जाप: मनसा मंत्र "ॐ आहं आस्तां त्वां शुचिर्वायुः" को 108 बार जप करें या जितनी बार आपको सुविधा मिले।
5.मनसा देवी की पूजा: मनसा देवी की मूर्ति, चित्र या प्रतिमा को पूजें, उन्हें फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोजन) आदि से अर्पित करें।
6.व्रत कथा और आरती: मनसा देवी के व्रत की कथा सुनें और उन्हें आरती दें।
7.प्रसाद वितरण:पूजा के बाद प्रसाद (भोजन) को देवी के चरणों से लेकर खुद को खिलाएं और दूसरों को भी दें।
यह सिर्फ कुछ आम चरण हैं, आपकी आध्यात्मिक आवश्यकताओं और परंपराओं के आधार पर आपको पूजा विधि अनुकूलित करनी चाहिए। पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करें।
*माँ मनसा देवी की आरती*
जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
जरत्कारु मुनि पत्नि, तुम बासुक भगनी,
मैया तुम बासुक भगनी।
कश्यप की तुम कन्या, आस्तिक की माता,
मैया आस्तिक की माता॥
गर्व-धन्वन्तरी-नाशिनी, हंसवाहिनी देवी,
मैया हंसवाहिनी देवी।
सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत,
जय मनसा माता।
मैया जय मनसा माता॥
पर्वतवासिनी, संकटनाशिनी, अक्षय धनदात्री,
मैया अक्षय धनदात्री।
पुत्र-पौत्रादि प्रदायनी, मनवांछित फलदाता,
मैया मनवांछित फल दाता॥
मनसा जी की आरती जो कोई नर गाता,
मैया जो कोई नर गाता।
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पाता,
मैया सब कुछ है पाता॥
*मनसा देवी के चमत्कारी मंत्र*
मनसा देवी के चमत्कारी मंत्र का जाप –ॐ विप्रवर्गं श्र्वेत वर्णं सहस्र फ़ण संयुतम् |
आवाहयाम्यहं देवं शेषं वै विश्व रूपिणं ||
आवाहयाम्यहं देवं शेषं वै विश्व रूपिणं ||
ऊँ शेषाये नमः शेषं अवह्यामि | ईशान्यां अमृत रक्षणी साहितायै मनसा दैव्ये नमः |
*प्राण प्रतिष्ठा मन्त्र*
ॐ मनोजुतिर्जुषता माज्यस्य बृस्पतिर्यज्ञ मिमन्तनो त्वरिष्टं यज्ञ ठरंसमिनदधातु |विश्वेदेवसेइहं मदन्ता मों प्रतिष्ठ ||
अस्मै प्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्मै प्राणाः क्षरन्तु च,
अस्ये देवत्वमर्चाये मामहेति च कश्चन ||
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