गुरु पूर्णिमा हिन्दी में (Guru Purnima Essay in Hindi)
1.गुरु पूर्णिमा एक प्रसिध्द भारतीय पर्व है। यह पर्व हिंदू, जैन तथा बौध्य धर्म द्वारा मनाया जाने वाला त्यैहार है। गुरु पूर्णिमा हिंदू कैलेण्डर के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है तथा ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार गुरु पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष जुलाई या अगस्त के महीने में मनाया जाता है।
2.यह त्यैहार गुरु के प्रति सम्मान श्र्ध्दा व समर्पण का पर्व है। भारतीय परंपरा के अनुसार इस दिन गुरु का पूजन करने से गुरु की दीक्षा का पूरा फल उनके शिष्य को मिलता है।लेकिन बहुत से लोग साधु संत आदि इस दिन स्नान ध्यान कर पूजा पाठ, आरती आदि करते हैं।
3.गुरु के हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है।गुरु शब्द का निर्माण दो शब्दों को मिलाकर होता है। गुरु में 'गु' का अर्थ होता है अंधकार(अज्ञान) एवं 'रु' का अर्थ होता है प्रकाश
(ज्ञान) गुरु हमें अंधकारमय जीवन से प्रकाश की और ले जाते हैं।
4.गुरु का शिष्य के जीवन में एक सर्वोच्च स्थान होता हैं क्यों गुरु अपने शिष्यों से निस्वर्थ भाव से अपने बच्चों की तरह प्रेम करते हैं।माता-पिता हमारे प्रथम गुरु होते है और गुरु का दर्जा माता पिता के समान होता है।गुरु अपने शिष्यों को नि: शुल्क शिक्षा प्रदान करते है तथा जीवन के अलग-अलग पड़ाव में हमें मुश्किलों से लड़ना सिखाते है अनुशासित होना,विनम्र होना बड़ों का सम्मान करना सिखाते है।और इसलिए गुरु को प्राचीनकाल से ही देवता के तुल्य माना गया है।
5.गुरु पूर्णिमा मनाने के पीछे एक मान्यता भी हैं और यह मान्यता महर्षि वेदव्यास जी से जुड़ी है। गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। उन्ही की जन्मतिथि के इस शुभदिन के अवशर पर यह पर्व मनाई जाती है।
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