क्रांति दिवस भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध Bharat Chhodo Andolan Par Nibandh Essay on Quit India Movement Day

क्रांति दिवस भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध Bharat Chhodo Andolan Par Nibandh Essay on Quit India Movement Day 

क्रांति दिवस भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध Bharat

क्रांति दिवस भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध Bharat Chhodo Andolan Par Nibandh Essay on Quit India Movement Day 

भारत छोड़ो आंदोलन एक महत्वपूर्ण और गर्वनिदायक घटना थी, जो भारतीय इतिहास के पन्नों में स्थायी रूप से गहराई तक छाई है। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में भी माना जाता है, जिसने भारतीय राष्ट्रीय आजादी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्त्रोत बना।

इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी प्राप्त करना था, जो 1942 ई. में आयोजित हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन को 'भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का परम सत्र' भी कहा जाता है। यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में था, जो महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे और गृहस्थी जीवन को त्यागकर राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हुए थे।

इस आंदोलन की प्रारंभिक चर्चा आयोजित किया गया था लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन का असली आगाज 8 अगस्त, 1942 को हुआ था, जो 'क्विट इंडिया मूवमेंट' के तहत चला। इस आंदोलन के तहत गांधीजी ने ब्रिटिश सरकार को अपने संशोधित 11 बिंदुओं में से अपना प्रमुख मांग की थी, जिसमें देश की संपूर्ण स्वराज्य प्राप्ति और अविभाज्य भारत के निर्माण की मांग शामिल थी।

भारत छोड़ो आंदोलन का महत्वपूर्ण संदेश यह था कि भारतीय जनता अब नहीं चाहती थी कि वे केवल अपने देश के शासकों के रूप में ब्रिटिश सरकार की गुलामी में जीवन जीएं। वे आजादी की आस लिए लड़ने के लिए तैयार थे। इस आंदोलन के तहत भारतीयों ने गणतंत्र बनाने के लिए विश्वस्तरीय और सांघिक संघर्ष की शुरुआत की और भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली।

भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊँचाई तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया और इसके परिणामस्वरूप भारत ने आजादी हासिल की। इसलिए, भारत छोड़ो आंदोलन दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना और साहसिक निर्णय करना हमारे इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से है।

भारत छोड़ो आंदोलन का इतिहास
भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अंग्रेज़ी में 'Quit India Movement' भी कहते हैं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय था। यह आंदोलन भारत में विश्वयुद्ध द्वितीय वर्ष के दौरान 1942 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ शुरू किया गया था और महात्मा गांधी द्वारा नेतृत्व किया गया था।

क्रांति दिवस भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध Essay on Quit India Movement Day 

भारत छोड़ो आंदोलन के मुख्य कारण:
भारत छोड़ो आंदोलन के पीछे कुछ मुख्य कारण थे:

1.ब्रिटिश राज के दौरान भारतीयों को स्वतंत्रता चाहिए थी।

2.विश्वयुद्ध के कारण ब्रिटिश शासन के पास भारतीय सैन्य बहुत कमजोर हो गई थी।

3.राष्ट्रीय चेतना में उत्थान और गांधीवाद के प्रभाव से लोगों में स्वतंत्रता की भावना बढ़ी थी।

4.भारतीयों के बीच जागृति फैलने लगी थी और लोग ब्रिटिश शासन के खिलाफ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

इस आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को गांधी जी के भाषण से हुई थी, जिसमें उन्होंने "दो और दो पाँच" के तत्वों को स्वीकार किया था, जिसका अर्थ था कि भारत को अगले पाँच साल में स्वतंत्रता हासिल करनी चाहिए।

आंदोलन के दौरान भारतीय लोगों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विभिन्न प्रकार के आंदोलन और अविधि विरोध करते हुए संघर्ष किया। लोग नागरिक अधिकारों के लिए सत्याग्रह, आंदोलन और हड़ताल आदि के भी साधनों का उपयोग करते रहे। यह आंदोलन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि बन गया, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती से प्रभावित किया और ब्रिटिश सरकार को भारत से अंततः स्वतंत्र होने के लिए मजबूर किया।

अंततः, 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया, और ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता को स्वीकार किया। भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक था, जो भारत की स्वतंत्रता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था।

भारत छोड़ो आंदोलन का मुख्य उद्देश्य:
भारत छोड़ो आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था भारतीय स्वतंत्रता की प्राप्ति। यह आंदोलन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली चरण था, जिसका आयोजन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजी शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ना था और भारतीय राष्ट्रीयता को सम्मानपूर्वक वापस प्रशासित देश बनाना था।

भारत छोड़ो आंदोलन का आयोजन 1942 में हुआ था और इसका आदेश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। इसमें कई महत्वपूर्ण कारक थे जैसे नौजवानों और छात्रों की भागीदारी, सविनय अवज्ञा आंदोलन, धर्मनिरपेक्षता का समर्थन, और राज्यपालों के खिलाफ कार्रवाई आदि।

भारत छोड़ो आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए प्रेसर डालना और भारतीय स्वाधीनता को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एकिकरण को बढ़ावा देना। इस आंदोलन के द्वारा राजद्रोह और शासन के खिलाफ सत्याग्रह के माध्यम से भारतीय जनता ने अपने आजादी के लिए संघर्ष किया और इससे बाद में भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली।

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