सौरमंडल में पृथ्वी Class 6 Social Science chapter 1 Question answer in Hindi

सौरमंडल में पृथ्वी Class 6 Social Science chapter 1 Question answer in Hindi

Class 6 Social Science chapter 1 Question answer सौरमंडल में पृथ्वी

Class 6 Social Science chapter 1 Question answer सौरमंडल में पृथ्वी

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(i) ग्रह और तारे में क्या अंतर है?
Ans-ग्रह और तारे दोनों ही खगोलीय शरीर हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर होता है। यहां कुछ मुख्य अंतर बताए जाएंगे:
  • आकार और आकृति: ग्रह सौरमंडल में छोटे से बड़े खगोलीय शरीर होते हैं जो नियमित आकृति के साथ दिखाई देते हैं। उनकी आकृति अक्सर गोला या अपवादक होती है। वहीं, तारे बहुत बड़े खगोलीय शरीर होते हैं जिनका आकार बहुत बड़ा होता है और अनियमित आकृति होती है।
  • प्रकाश उत्सर्जन: एक अच्छा अंतर ग्रहों और तारों के प्रकाश उत्सर्जन में होता है। ग्रह अपनी ऊर्जा सौरमंडल के बाहर फैलाते हैं और उनका प्रकाश उत्सर्जन अपनी तापमान और सतही गति पर निर्भर करता है। तारे वास्तविक रूप से आपसी जुड़वाँ निकट चरम प्रकाश उत्सर्जन करते हैं और बहुत दूर स्थित होते हैं।
  • संरचना: ग्रहों के साथी, चक्रवात और गंभीरताएं हो सकती हैं जो उनकी संरचना को प्रभावित करती हैं। उनकी सतह पर भूगर्भीय गतिविधियां हो सकती हैं और उनमें वायुमंडल की खींचन, मौसमी परिवर्तन, और आपातकालीन घटनाएं हो सकती हैं। तारे अपने स्वभाविक रूप से निष्क्रिय होते हैं और स्थिर संरचना के साथ बने रहते हैं।
  • चमक: तारे बहुत दूर स्थित होते हैं, इसलिए वे हमेशा सफेद चमकदार बिंदुओं की तरह दिखाई देते हैं। वहीं, ग्रहों के पास अपने विशिष्ट पहचान के कारण अपना अलग-थलग प्रकाशीय चमक होता है।
यह सामान्य रूप से कुछ मुख्य अंतर हैं ग्रह और तारों में। हालांकि, ग्रह और तारे सौरमंडल के महत्वपूर्ण घटक हैं और उनका अध्ययन खगोल विज्ञान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
(ii) सौरमंडल से आप क्या समझते हैं?
Ans-सौरमंडल, जिसे आकाशगंगा भी कहा जाता है, एक विशाल खगोलीय संरचना है जिसमें सूर्य के चारों ओर विभिन्न खगोलीय शरीर स्थित होते हैं। यह खगोलीय संरचना ब्रह्मांड में हमारे पास स्थित है और हमारे धार्मिक, वैज्ञानिक और आकांक्षाग्रस्त रूप से गहन अध्ययन के लिए उपयुक्त है।
सौरमंडल में सूर्य हमारे ब्रह्मांडिक संगठन का केंद्रीय तत्व है और यहां उसकी ग्रविटेशनल क्षमता के कारण ग्रह, उपग्रह, तारे, उच्च दबाव क्षेत्र, आधारभूत रचनाएं और अन्य खगोलीय शरीर स्थित होते हैं। सौरमंडल में हमारा स्थानीय ग्रह, पृथ्वी, सौरमंडल का तीसरा ग्रह है और हमारे जीवन के लिए आवास प्रदान करता है।
सौरमंडल में सौरमंडलीय शरीर अत्यंत विविधताओं के साथ मौजूद होते हैं, जैसे कि ग्रहों, उपग्रहों, तारों, नक्षत्रों, कोमों, धूमकेतुओं, गैसीय धाराएं, धूल और धुंध, विमानी धाराएं, विषाणुमाणवशास्त्रीय समूह,
आदि। सौरमंडल का अध्ययन खगोलीय विज्ञान, खगोल भौतिकी, खगोल ज्योतिष और अंतरिक्ष विज्ञान का विशेष अंश है।
(iii)सूर्य से उनकी दूरी के अनुसार सभी ग्रहों के नाम लिखें।
Ans-सूर्य से उनकी दूरी के अनुसार, निम्नलिखित हैं सौरमंडल के विभिन्न ग्रहों के नाम:
1. मर्करी (Mercury)
2. वीनस (Venus)
3. पृथ्वी (Earth)
4. मंगल (Mars)
5. बृहस्पति (Jupiter)
6. शनि (Saturn)
7. यूरेनस (Uranus)
8. नेपच्यून (Neptune)
9. प्लूटो (Pluto) (यह आधिकारिक रूप से एक ग्रह नहीं माना जाता है, लेकिन इसे सौरमंडल के आकार में शामिल किया जाता है)
यहां ध्यान देने योग्य है कि प्लूटो को 2006 तक एक ग्रह के रूप में मान्यता दी जाती थी, लेकिन फिर इसे द्वारा सूर्य के आकार के लिए अधिकृत नहीं माना गया।
(iv) पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है?
Ans-पृथ्वी को "अद्भुत ग्रह" कहा जाता है क्योंकि इसके कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं जो इसे अन्य ग्रहों से अलग बनाती हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:
  • जीवन का संभावनाओं का साधन: पृथ्वी पर हम जानते हैं कि जीवन मौजूद है, जो अन्य ग्रहों पर नहीं पाया जा सकता है। इसमें वायुमंडल, पानी, और उचित तापमान के साथ सामर्थ्य है जो जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।
  • जलवायु: पृथ्वी में विविधता और योग्यता के कारण यहां विभिन्न जलवायु जैसे मृदु, उमसद्वीपीय, खरा, नदीय, मौसमी, आदि पायी जाती है। यह सभी जलवायु निरंतर जल चक्र में बदलती रहती हैं, जो भूमि पर विविधता को उत्पन्न करती हैं।
  • जलोढ़: पृथ्वी में विशाल जलोढ़ होते हैं जैसे महासागर। जलोढ़ न मात्र जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इसमें महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों की भी भरपूर मात्रा मौजूद होती हैं।
  • उचित आबादी स्थान: पृथ्वी का आकार, वातावरणीय संसाधनों की उपलब्धता, और जीवन के लिए सुनिश्चित संकुचन अनुमानित करते हैं कि इस पर वास करने के लिए उचित स्थान हैं। इसके परिणामस्वरूप, यहां आबादी विकसित हुई है और भूमि पर विभिन्न सभ्यताओं ने उत्पन्न हुई हैं।
ये हैं कुछ मुख्य कारण जिनके कारण पृथ्वी को "अद्भुत ग्रह" कहा जाता है।
(v) हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को क्यों देख पाते हैं?
Ans-हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को देख पाते हैं क्योंकि यह एक प्राकृतिक गतिशीलता के कारण होता है जिसे "चंद्रमा अभिकरण" कहा जाता है। यह निम्नलिखित कारणों के कारण होता है:
  • चंद्रमा की स्वतंत्र चाल: चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, जिसे हम चंद्रमा के आकार के तहत देखते हैं। यह चंद्रमा पृथ्वी के आसपास की अपनी आवृत्ति पूरी करता है, जिसे सिनोडिक मास कहा जाता है और लगभग 29.5 दिनों का होता है।
  • प्रकाश प्रतिबिंब: जब चंद्रमा पृथ्वी के और हमारे संवेदनशील उपकरणों के बीच आता है, तो सूर्य की प्रकाश पृथ्वी पर पड़ने वाला होता है और हम चंद्रमा को देखते हैं। चंद्रमा की प्रकाश प्रतिबिंब की वजह से हमें केवल उसका एक ही भाग दिखाई देता है जो सूर्य की किरणों के द्वारा प्रकाशित हो रहा होता है।
  • चंद्रमा का आकार: चंद्रमा का आकार हमारी दृष्टि में विभक्त होता है और उसका एक ही भाग हमें दिखता है। यदि हम चंद्रमा का पूरा परिदृश्य देखना चाहें, तो हमें अलग-अलग समयों में उसकी अवस्था को देखना होगा, जिसे चंद्रमा की फेज कहा जाता है।
इन कारणों के कारण हम चंद्रमा के एक ही भाग को देख पाते हैं। यह चंद्रमा की प्राकृतिक गतिशीलता का परिणाम है और हमें पृथ्वी से दूर और अदृश्य भाग को देखने की सीमाओं में रखता है।
(vi) ब्रह्मांड क्या है?
Ans-ब्रह्मांड एक शाब्दिक रूप से हिन्दी में "ब्रह्मा" (वेदिक हिन्दू धर्म के एक देवता) और "आकाश" के अर्थ में प्रयोग होता है। यह एक शास्त्रीय और वैज्ञानिक शब्द है जो इस ब्रह्मांडिक युग में हमारे चारों ओर का विशाल गणनात्मक और भौतिक सम्बन्धित संगणकीय व्याप्ति का संकेत करता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ब्रह्मांड, समस्त संगणकीय और भौतिक वस्तुओं, जैसे तारे, ग्रह, तारामंडल, गैलेक्सियों, ध्रुवतारा, ग्रह-मंडल, नक्षत्र और अन्य विशाल अंतरिक्ष घटकों का समूह है। इसमें हमारी पृथ्वी, उसका सौरमंडल (सौर सिस्टम), सौरमंडल के संगठनों और उनके बीच खाली स्थान, अंतरिक्ष वस्तुएं, बिना जीवन के गहरा खाली स्थान और उसमें विद्यमान शक्तियों के बारे में समझने का प्रयास किया जाता है।
ब्रह्मांड के आकार और संरचना का अध्ययन, जो विज्ञान शाखा "कॉस्मोलॉजी" में किया जाता है, हमें हमारे अंतरिक्ष के विस्तार और विकास के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। इसके अध्ययन से हमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संघटना, बिग बैंग सिद्धांत, ग्रहों की गतिशीलता, अंतरिक्ष यात्रा आदि के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं में भी ब्रह्मांड का उल्लेख किया जाता है, जहां यह अनंतता, ब्रह्मा के सृष्टि का प्रतीक, ब्रह्म की उपास्यता आदि के साथ जुड़ा होता है।
Class 6 Social Science chapter 1 Question answer सौरमंडल में पृथ्वी
2. सही उत्तर चिह्नित (✔) कीजिए।
(i) किस ग्रह को पृथ्वी के जुड़वाँ ग्रह के नाम से जाना जाता है?
क.बृहस्पति              ख.शनि              ग.शुक्र
(ii) सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह कौन-सा है?
क.शुक्र                   ख.पृथ्वी√             ग.बुध
(iii) सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार के पथ पर चक्कर लगाते हैं-
क.वृत्तीय पथ पर       ख.आयताकार पथ पर       ग.दीर्घवृत्ताकार
(iv) ध्रुवतारे से किस दिशा का ज्ञान होता है-
क.दक्षिण                ख.उत्तर             ग.पूर्व
(v) क्षुद्र ग्रह किन कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं-
क.शनि एवं बृहस्पति       ख.मंगल एवं बृहस्पति       ग.पृथ्वी एवं मंगल
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3. खाली स्थान भरें।
(i) ________ का एक समूह जो विभिन्न प्रतिरूपों का निर्माण करता है, उसे ________ कहते हैं।
(ii) तारों की एक बहुत बड़ी प्रणाली को ________ कहा जाता है।
(iii) ________ पृथ्वी के सबसे करीब है।
(iv) ________ सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह है।
(v) ग्रहों के पास अपनी ________ तथा ________ नहीं होती है।
उत्तर यहाँ देखें-
(i)तारों,नक्षत्र(ii)आकाशगंगा(iii)शुक्र(iv)पृथ्वी(v)उष्मा,प्रकाश 

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