पृथ्वी की गतियाँ Class 6 Social Science chapter 3 NCERT Solutions in Hindi
पृथ्वी की गतियाँ Class 6 Social Science chapter 3 NCERT Solutions in Hindi
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(i) पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कोण क्या है?
Ans-पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कोण पृथ्वी के विपरीत ग्रहांतर या अभिग्रह के कारण होता है। यह झुकाव कोण निर्धारित करने के लिए एक माप या मापक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, जिसे "अभिग्रहीय ज्यामिति" कहा जाता है। इस अभिग्रहीय ज्यामिति का वास्तविक मापन 45900 साल से अधिक समय से चल रहा है।
वर्तमान मापन के अनुसार, पृथ्वी का झुकाव कोण लगभग 23.5 डिग्री है। यह कोण बिंदुओं के बीच का ज्ञात अंतर दर्शाता है। पृथ्वी का अभिग्रह कारण उसके ग्रीष्म और शीतकालीन ऋतुओं में उत्थान और अवधारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह झुकाव कोण मात्रात्मक संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जैसे कि सूर्य और चंद्रमा के गतिशील विद्युत और मौसमी बदलावों का कारण बनता है। इसके अलावा, इसका महत्व नेविगेशन, खेल, जलवायु और पृथ्वी के भूगर्भीय प्रक्रियाओं की अध्ययन में भी होता है।
(ii) घूर्णन एवं परिक्रमण को परिभाषित करें।
घूर्णन और परिक्रमण दोनों ही आकार, स्थिति या अवस्था के साथ संबंधित हैं और विज्ञानिक अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
घूर्णन (Rotation):
घूर्णन, दूसरे शब्दों में, किसी वस्तु के आदि स्थान से आगे बढ़ते समय उसके अपने ध्रुवीय या माध्यमिक आकार के चारों ओर घूमने की गति है। इसे एक आकार के चारों ओर या ध्रुव परिक्रमा के रूप में भी व्यक्त किया जाता है। पृथ्वी का घूर्णन हर 24 घंटे में एक पूर्ण परिपथ में होता है, जिसे हम एक दिन के रूप में जानते हैं। यह घूर्णन पृथ्वी की दिनचर्या और रात्रिचर्या का कारण है, जिससे दिन और रात की अवधि बनती है।
परिक्रमण (Revolution):
परिक्रमण, दूसरे शब्दों में, किसी वस्तु के चारों ओर घूमने की गति है, जब वह एक अन्य वस्तु के चारों ओर सर्कलर या निरंतर पथ पर चलती है। पृथ्वी का परिक्रमण एक वर्ष में पूरा होता है, जिसे हम एक सौर परिपथ (Orbit) के रूप में जानते हैं। यह परिक्रमण पृथ्वी की वर्षा और मौसमी बदलावों का कारण है, जैसे चारों ओर घूमते हुए सूर्य के ग्रीष्म और शीतकालीन ऋतुओं की उत्पत्ति और अवधारणा का कारण बनता है।
(iii) लीप वर्ष क्या है?
Ans-लीप वर्ष (Leap Year) एक वर्ष होता है जिसमें एक अधिक दिन होते हैं ताकि सौर परिपथ (Orbit) के अनुसार ग्रह के चारों ओर का घूर्णन और परिक्रमण संघटित रहें।
पृथ्वी का एक पूर्ण घूर्णन (Rotation) 24 घंटे के बराबर होता है, जो हम एक दिन के रूप में जानते हैं। लेकिन, पृथ्वी का पूर्ण परिक्रमण (Revolution) लगभग 365.24 दिनों का होता है, जिसे हम एक साल के रूप में जानते हैं।
इस अंतर को संतुलन में लाने के लिए, हर 4 साल में एक वर्ष को लीप वर्ष के रूप में नामित किया जाता है, जहां इस वर्ष में एक अतिरिक्त दिन (29वां फरवरी) होता है। इस तरीके से, चौथा वर्ष केवल 365 दिन का होता है, जो संगठन को समय को ठीक रखने में मदद करता है।
लीप वर्ष की योजना श्रेणीबद्ध है, जो निम्न नियमों के अनुसार निर्धारित की जाती है:
- वर्ष जो साल के बहुल बदलने वाले हैं (जैसे, 2000, 2400) लीप वर्ष होते हैं, अगर ये न कि उन्हें 100 से वर्ष के बहुल के रूप में बदलना होता है (जैसे, 1900, 2100).
- सौर परिपथ के हर 400 वर्षों पर एक लीप वर्ष को छोड़ा जाता है, जो एक सौर दिन (365.24 दिन) के वार्षिक औसत को आंतरित करता है।
लीप वर्षों को अनुक्रमणिका में जोड़ा जाता है ताकि कैलेंडर वर्ष संगठित रहे और मौसमी छुट्टियों, ऋतुओं और वैधिक तिथियों के आधार पर समय की गणना की जा सके।
(iv) उत्तर एवं दक्षिण अयनांतों में अंतर बताइए।
Ans-उत्तर एवं दक्षिण अयनांतों में अंतर पृथ्वी के आकारिक स्थान और सौर परिपथ के संबंध में होता है।
उत्तर अयनांत (North Solstice) और दक्षिण अयनांत (South Solstice) दोनों ही विशेष समय हैं जब सूर्य पृथ्वी के अधिकांश उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के उपर या नीचे स्थित होता है। ये समय प्रति वर्ष बदलते रहते हैं।
उत्तर अयनांत वह समय है जब सूर्य अपेक्षाकृत अधिकांश उत्तरी ध्रुव के उपर स्थित होता है। इस समय पर, उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) को सबसे अधिक सूर्य प्रकाश प्राप्त होता है और इसे ग्रीष्मकाल (Summer Solstice) कहा जाता है। उत्तर अयनांत 21 जून के आसपास घटित होता है।
दक्षिण अयनांत वह समय है जब सूर्य अपेक्षाकृत अधिकांश दक्षिणी ध्रुव के नीचे स्थित होता है। इस समय पर, दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) को सबसे अधिक सूर्य प्रकाश प्राप्त होता है और इसे शरद्रुतु (Winter Solstice) कहा जाता है। दक्षिण अयनांत 21 दिसंबर के आसपास घटित होता है।
उत्तर अयनांत और दक्षिण अयनांत समय विद्यमानीय वैज्ञानिक गणनाओं के आधार पर निर्धारित होते हैं और पृथ्वी के आकारिक स्थान के साथ उसकी ध्रुवीय आवृत्ति को दर्शाते हैं। ये अयनांत समय मौसमी बदलाव, ऋतुओं का आगमन और जाने, और दिनों और रात्रियों की अवधि के आधार पर हमारे समयगणना और कैलेंडर प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(v) विषुव क्या है?
Ans-विषुव शब्द संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है "समान दिन और रात"। विषुव को अंग्रेजी में "एक्विनॉक्स" (Equinox) कहा जाता है। यह वह समय होता है जब सूर्य सबसे अधिक समतल तटबंध वाले स्थान पर प्रकाशित होता है और दिन और रात की अवधि समान होती है।
प्रतिवर्ष दो विषुव घटित होते हैं:
- वसंत विषुव (Vernal Equinox): यह विषुव मार्च माह में होता है और उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। इस समय पर सूर्य सीमांत विकर्ण (Celestial Equator) को पार करता है और उत्तरी गोलार्ध में दिन और रात की अवधि समान होती है।
- पतझड़ विषुव (Autumnal Equinox): यह विषुव सितंबर माह में होता है और उत्तरी गोलार्ध में पतझड़ ऋतु का प्रारंभ होता है। इस समय पर सूर्य सीमांत विकर्ण को पार करता है और उत्तरी गोलार्ध में दिन और रात की अवधि समान होती है।
विषुव का होना पृथ्वी के अक्षांशिक ढंग से संबंधित है और इसे समय और कैलेंडर प्रणाली में महत्वपूर्ण माना जाता है। विषुव के दिन को दिनग्रहण का समय भी कहा जाता है, जिसे सूर्य के प्रकाश की दृष्टि में पृथ्वी के तटबंध या अक्षांश के माध्यम से मापा जाता है।
(vi) दक्षिणी गोलार्ध में उत्तरी गोलार्ध की अपेक्षा उत्तर एवं दक्षिण का अयनांत अलग-अलग समय में होता है, क्यों?
Ans-उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में उत्तर और दक्षिण अयनांत के अलग-अलग समय होने का कारण पृथ्वी के ध्रुवीयता (Axial tilt) है। पृथ्वी एक ध्रुवीय गोलाकार आकृति की होती है, और इसका अर्थ होता है कि पृथ्वी का अक्ष अपने ध्रुवों के साथ 23.5 डिग्री के तापमान पर झुका हुआ है।
यह अक्षांशिक झुकाव ही वजह है कि दक्षिणी गोलार्ध में उत्तर और दक्षिण अयनांत के अलग-अलग समय होते हैं। जब पृथ्वी अपने ध्रुवों के निकट आती है, तो सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध पर पड़ती हैं और यह उत्तर अयनांत के समय कहलाता है। वहीं, जब पृथ्वी अपने ध्रुवों से दूर जाती है, तो सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्ध पर पड़ती हैं और यह दक्षिण अयनांत के समय कहलाता है।
यह ध्रुवीयता कारण है कि उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में ऋतुओं के बदलाव होते हैं। उत्तरी गोलार्ध में ध्रुवीयता के कारण उत्तरी गोलार्ध के उच्चतम अक्षांशों पर सूर्य की किरणें सीधी और अधिक ताप देती हैं, जिससे ग्रीष्मकाल (Summer Season) होता है। वहीं, दक्षिणी गोलार्ध में ध्रुवीयता के कारण दक्षिणी गोलार्ध के उच्चतम अक्षांशों पर सूर्य की किरणें बेंधी हुई होती हैं, जिससे शीतकाल (Winter Season) होता है।
इस प्रकार, पृथ्वी का ध्रुवीयता उत्तर और दक्षिण अयनांत के अलग-अलग समय होने का मुख्य कारण है।
(vi) ध्रुवों पर लगभग 6 महीने का दिन एवं 6 महीने की रात होती है, क्यों?
Ans-ध्रुवों पर लगभग 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात होने का मुख्य कारण पृथ्वी के ध्रुवीयता (Axial tilt) है। ध्रुवीयता के कारण पृथ्वी का अक्ष अपने ध्रुवों के साथ 23.5 डिग्री के तापमान पर झुका हुआ है।
जब पृथ्वी अपने ध्रुवों के निकट आती है, तो सूर्य की किरणें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर सीधी राह चलती हैं और ध्रुवों के पास दिन की अवधि बढ़ती है। ध्रुवों के आसपास का क्षेत्र प्रायः सूर्य की प्रकाश की आवृत्ति में आता है और वहां पर लगभग 6 महीने तक दिन रहता है। यह घटना उत्तरी गोलार्ध के लिए सम्पूर्ण दक्षिणी हेमिस्फेर में होती है और उत्तरी हेमिस्फेर के उच्चतम अक्षांशों पर शीर्ष बिंदु होती है।
उसके बाद, पृथ्वी अपने ध्रुवों से दूर जाती है और सूर्य की किरणें ध्रुवों के पास से बेंधी हुई होती हैं। ध्रुवों के निकट आने के कारण दक्षिणी और उत्तरी हेमिस्फेर में लगभग 6 महीने की रात होती है। दक्षिणी हेमिस्फेर के उच्चतम अक्षांशों पर शीर्ष बिंदु होता है।
ध्रुवों के पास के क्षेत्र में यह दिन और रात की अवधि के समयीकरण उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध पर विषुव के समय होता है। विषुव के समय, ध्रुवों के आसपास का क्षेत्र सूर्य की प्रकाश की आवृत्ति के समानांतर होता है और दिन और रात की अवधि समान होती है।
पृथ्वी की गतियाँ Class 6 Social Science chapter 3 NCERT Solutions in Hindi
2. सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए।
(i) पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर की गति को कहा जाता है-
क.घूर्णन
ख.परिक्रमण√
ग.झुकाव
(ii) सूर्य की सीधी किरणें विषुवत् वृत्त पर किस दिन पड़ती हैं-
क.21 मार्च√
ख.21 जून
ग.22 दिसंबर
(iii) गर्मी में क्रिसमस का पर्व कहाँ मनाया जाता है-
क.जापान
ख.भारत
ग.अॉस्ट्रेलिया√
(iv) ऋतुओं में परिवर्तन पृथ्वी की किस गति के कारण होता है
क.घूर्णन
ख.परिक्रमण√
ग.गुरुत्वाकर्षण
3. खाली स्थान भरें।
(i) एक लीप वर्ष में दिनों की संख्या _______________ होती है।
(ii) पृथ्वी की प्रतिदिन की गति को _______________ कहते हैं।
(iii) पृथ्वी सूर्य के चारों ओर _______________ कक्षा में घूमती है।
(iv) 21 जून को सूर्य की किरणें _______________ रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
(v) _________ ऋतु में दिन छोटे होते हैं।
उत्तर यहाँ देखें-
(i)366
(ii)घूर्णन
(iii)स्थिर
(iv)कर्क
(v)शीत
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