पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप Class 6 Social Science Chapter 6 Question Answer in Hindi

पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप Class 6 Social Science Chapter 6 NCERT Solutions 


पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप Class 6 Social Science Chapter 6 NCERT Solutions 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(i) प्रमुख स्थलरूप कौन-कौन से हैं?
Ans-प्रमुख स्थलरूप है (1) पर्वत (2) पठार (3) मैदान
(ii) पर्वत एवं पठार में क्या अंतर है?
पर्वत और पठार दोनों पृथ्वी के भूमिगत स्थानों को व्यक्त करने वाले स्थानीय शब्द हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर होता है:
(i)पर्वत: पर्वत एक ऊँचा भूमिगत स्थान है जो विशाल तथा उच्चतम भूकम्पीय क्षेत्रों से उठता है। इसे सामान्यतः ऊँचाई और स्थिरता की वजह से पहचाना जाता है। पर्वतों की सतह धातुशिला, चट्टानें, वनस्पति, जलप्रपात आदि से आच्छादित हो सकती हैं। पर्वतों में शीतलता की दर्शाई जाती है, जिसके कारण यहाँ पर्वतीय जलवायु पायी जाती है। पर्वत पर आमतौर पर हिमनदों, ग्लेशियर्स, जलप्रपात, झीलें आदि भी पाए जाते हैं।
(i)पठार: पठार एक समतल भूमिगत क्षेत्र होता है, जो सामान्यतः पर्वतों और पहाड़ों से निकलता है। पठार में सतही जलवायु होती है और यह सुशोभित होता है वनस्पति, फसलें और नदी-नालों के बगीचों से। पठार में आमतौर पर अधिक संख्या में लोग बास करते हैं, क्योंकि यहाँ पर्याप्त मात्रा में उपजाऊ मिट्टी, जलस्रोतों की उपलब्धता, और मेंहदी, गेंहूँ, चावल, अनाज आदि की खेती करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
इस प्रकार, पर्वत और पठार दोनों में आकार, ऊँचाई, भौगोलिक स्वरूप, वनस्पति, जलस्रोतों की उपलब्धता आदि में अंतर होता है।
(iii) पर्वतों के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
  • वलित पर्वत
  • भ्रंशोत्थ पर्वत या ब्लॉक पर्वत
  • होर्स्ट पर्वत
  • ज्वालामुखी पर्वत
  • अवशिष्ट पर्वत
(iv) मनुष्यों के लिए पर्वत किस प्रकार उपयोगी हैं?
पर्वत मनुष्यों के लिए निम्नलिखित तरीकों से उपयोगी हो सकते हैं:
(i)जलस्रोत: पर्वत स्थानीय नदियों, झीलों और झरनों के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यहां से निकलने वाला पानी नदियों के माध्यम से नीचे के क्षेत्रों तक पहुंचता है और पीने के पानी, सिंचाई और जल संरक्षण के लिए उपयोग होता है।
(ii)खनिज संसाधन: पर्वतों में विभिन्न प्रकार के खनिज संसाधनों की मात्रा पाई जा सकती है, जैसे कि धातुशिला, पत्थर, लोहा, अयस्क, सोना, चांदी, एवं अन्य खनिज धातुएं। ये खनिज संसाधन खुदाई के माध्यम से उत्पादित किए जा सकते हैं और इनका उपयोग इंडस्ट्रीज, शिल्प, निर्माण कार्यों, खनिज उद्योग, धातुरशी, गहनों, आभूषणों, औषधियों, और अन्य उत्पादों में किया जा सकता है।
(iii)पर्यटन: पर्वतों की सुंदरता, ऊँचाई और आध्यात्मिक महत्व के कारण, वे पर्यटन के लिए अत्यंत लोकप्रिय स्थल होते हैं। लोग ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, शिखर चढ़ाई, पर्वतीय जीवन का अनुभव, पर्यटनीय नदियों और झीलों का आनंद लेने के लिए पर्वतों की ओर आकर्षित होते हैं।
(iv)जलवायु सुरक्षा: पर्वतों की सतह पर बर्फ की ठंडी के कारण, वे जलवायु सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। वे बाढ़, भूस्खलन, जलप्रपातों और भूकंपों से संरक्षण प्रदान कर सकते हैं। पर्वतीय वनों का होना भी जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इस प्रकार, पर्वतों का महत्व मानव समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संपूर्णता रखता है, जैसे जलस्रोत, खनिज संसाधन, पर्यटन और जलवायु सुरक्षा।
(v) मैदानों का निर्माण किस प्रकार होता है?
मैदानों का निर्माण निम्नलिखित तरीकों से हो सकता है:
(i)भूमि की समता का संरक्षण: मैदान का निर्माण भूमि की समता को सुनिश्चित करके किया जाता है। इसके लिए, उपयुक्त भूमि की चयन किया जाता है और उसे नियमित रूप से किसी उच्चारण प्रक्रिया द्वारा समता में लाया जाता है।
(ii)भूमि का सुधार: अगर मैदान की भूमि में कच्चे भूमि, पत्थर, या अन्य अवयवों की उपस्थिति होती है, तो उन्हें हटाने और भूमि को सुधारने के लिए उपयुक्त मशीनरी और तकनीक का प्रयोग किया जाता है। यह समतल और समान भूमि सतह को बनाने में मदद करता है।
(iii)जल स्रोत का प्रबंधन: अगर मैदान में जल स्रोतों की उपलब्धता है, तो उन्हें संचयित और प्रबंधित करने के लिए जल संरचनाएं बनाई जाती हैं। इससे मैदान की पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाता है और पानी का अधिक बहाव या न्यूनतम बहाव को नियंत्रित किया जाता है।
(iv)परिधान की योजना: मैदान के आकार, आयाम और उपयोग के आधार पर मैदान की योजना बनाई जाती है। इसमें मैदान की भूमि का उपयोग करने का तरीका, सुरंगों, मार्गों, खेल क्षेत्रों, पौधशालाओं, और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था शामिल होती है।
(v)पर्यावरणीय दृष्टिकोण: मैदान के निर्माण में पर्यावरणीय दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण होता है। यह समुद्री जीवन, वनस्पति, और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के माध्यम से मैदान की पर्यावरणीय स्थिति को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखता है।
इन तरीकों से मैदानों का निर्माण किया जाता है ताकि वे उपयोगी, सुरम्य और सुरक्षित हो सकें।
(vi) नदियों द्वारा निर्मित मैदान सघन जनसंख्या वाले होते हैं, क्यों?
नदियाँ मैदानों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
(i)जलस्रोत: नदियाँ प्राकृतिक जलस्रोत होती हैं और समुद्र या झील से निकलकर निचले स्थानों तक जल को लाती हैं। इस प्रकार, नदियाँ मैदान को निरंतर जल आपूर्ति प्रदान करती हैं, जो फलस्वरूप मैदान को आर्थिक और कृषि विकास के लिए उपयोगी बनाती हैं। जलस्रोत के निर्माण के कारण, मैदान में पानी की उपलब्धता ज्यादा होती है और इसलिए अधिक जनसंख्या वाले इलाकों के लिए आकर्षक होते हैं।
(ii)उपजाऊ मिट्टी: नदी के आसपास की भूमि आमतौर पर उपजाऊ होती है, क्योंकि नदी नियमित रूप से मिट्टी को संचयित और पोषित करती है। यह मिट्टी उत्पादन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और कृषि क्षेत्रों को सुरक्षित और उपजाऊ बनाती है। इसलिए, मैदानों के नजदीकी नदियों के पास जनसंख्या वाले इलाके विकसित होते हैं।
(iii) पर्यटन संभावनाएं: नदियाँ पर्यटन के लिए आकर्षक स्थल होती हैं। नदी किनारों पर विभिन्न आकर्षण, जैसे कि घाट, पानी में स्नान, नौकायन, माछी पकड़ने, और पर्यटनीय स्थल होते हैं। इससे नदी के पास के क्षेत्रों में पर्यटन का विकास होता है और वहाँ के लोगों को आर्थिक और रोजगार के अवसर मिलते हैं, जिसके कारण वहाँ की जनसंख्या बढ़ती है।
(iv)संपादनीय सुविधाएँ: नदी के आसपास के मैदानों में बड़े और सम्पादनीय सुविधाएँ विकसित की जा सकती हैं, जैसे कि शहरी आवास, वाणिज्यिक क्षेत्र, उद्यान, खेल क्षेत्र, शिक्षा संस्थान, और अन्य सार्वजनिक सुविधाएँ। इसलिए, नदी के पास के मैदानों में आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षणिक विकास के अवसर होते हैं और लोग वहाँ बसने के लिए आकर्षित होते हैं।
इस प्रकार, नदियाँ मैदानों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसलिए सघन जनसंख्या वाले इलाकों के लिए आकर्षक होती हैं।
(vii) पर्वतों में जनसंख्या कम होती है, क्यों?
पर्वतीय क्षेत्रों में जनसंख्या कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित हैं:
(i)अपर्याप्त आवास: पर्वतीय क्षेत्रों में आवास के लिए उपयुक्त भूमि की कमी होती है। यहां पर्वतीय भूमि ढलानीय और खराब हो सकती है, जिससे आवास के लिए उचित जगहों की कमी होती है। इसके कारण जनसंख्या कम होती है और लोग बसने के लिए अन्य क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं।
(ii)कठिन पहुंच: पर्वतीय क्षेत्रों में पहुंचना कठिन हो सकता है। ढलानीय और विषमता से भरी हुई भूमि, अर्ध-वनस्पतिक आवरण, और विपणि जीवन की अवस्था के कारण यातायात और संचार के लिए अधिक मार्गों और सुविधाओं की कमी हो सकती है। यह कठिनाइयाँ लोगों को पर्वतीय क्षेत्रों में बसने से रोक सकती हैं।
(iii)आर्थिक और अधिकारिक मामले: पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक और अधिकारिक संबंधों में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। विकास के कार्यों के लिए उपयुक्त भूमि की कमी, अवसादीय जल संसाधनों की कमी, और अधिकारिक नियमों की प्रतिबंधिता के कारण लोगों को अपने आर्थिक और अधिकारिक आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। इससे लोग अन्य क्षेत्रों की ओर मुख्यतः नगरीय क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं।
(iv)मौजूदा संरचना: पर्वतीय क्षेत्रों में विकास के मानकों और मौजूदा संरचना के कारण आकर्षक आवास सुविधाएं नहीं हो सकती हैं। यहां अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं कम होती हैं, जो लोगों को इन क्षेत्रों में बसने से रोकती हैं।इन कारणों के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में जनसंख्या कम होती है।

पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप Class 6 Social Science Chapter 6 NCERT Solutions 

2. सही उत्तर चिह्नित (✔) कीजिए।
(i) पर्वत पठारों से भिन्न होते हैं-
क. ऊँचाई 
ख. ढाल 
ग. अभिमुखता
(ii) हिमानी कहाँ पाई जाती हैं?
क. पर्वतों में
ख. मैदानों में 
ग. पठारों में
(iii) दक्कन पठार कहाँ स्थित है?
क. केन्या
ख. आस्ट्रेलिया 
ग. भारत
(iv) यांगत्से नदी कहाँ बहती है?
क. दक्षिण अमेरिका 
ख. आस्ट्रेलिया 
ग. चीन
(v) यूरोप की एक महत्त्वपूर्ण पर्वत शृंखला कौन-सी है?
क. एंडीज़ 
ख. आल्प्स 
ग. रॉकीज़

3. खाली स्थान भरें।
(i) समतल भूमि वाले विस्तृत क्षेत्र को ___________ कहते हैं।
(ii) हिमालय एवं आल्प्स ___________ पर्वतों के उदाहरण हैं।
(iii) ___________ क्षेत्रों में खनिजों की प्रचुरता होती है।
(iv) ___________ पर्वतों का एक क्रम है।
(v) ___________ क्षेत्र कृषि के लिए सबसे अधिक उत्पादक क्षेत्र होते हैं।

उत्तर यहाँ देखें-
(i)मैदान,(ii)वलित,(iii)पठारी,(iv)श्रृंखला,(v)मैदानी

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