आईएएस (IAS) Full Form in Hindi आईएएस का पूरा नाम जाने
आईएएस (IAS) का फुल फॉर्म "भारतीय प्रशासनिक सेवा" (Indian Administrative Service) होता है।
आईएएस (IAS) के परीक्षा में कितने चरण होते हैं-
आईएएस (Indian Administrative Service) परीक्षा की व्यवस्था भारतीय संघ की लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिनका विवरण निम्नलिखित है:
1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): प्रारंभिक परीक्षा एक लिखित परीक्षा होती है और इसे आमतौर पर जून महीने में आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा दो भागों (पेपर-1 और पेपर-2) में होती है, जिसमें वस्त्राधिकार, जीव विज्ञान, सामान्य अध्ययन, भूगोल, भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन, इतिहास, आर्थिक विज्ञान, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, सामान्य विज्ञान, लोकप्रशासनिक व्यवस्था आदि के प्रश्न पूछे जाते हैं।
2.मुख्य परीक्षा (Main Examination): मुख्य परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए होती है जो प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं। यह एक लिखित परीक्षा होती है और इसे आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में आयोजित किया जाता है। इसमें सामान्य अध्ययन (सामान्य विज्ञान, इतिहास, भूगोल, आर्थिक विज्ञान, राजनीति विज्ञान, इत्यादि) के प्रश्नों के साथ-साथ एक विशेष विषय चुनने की विकल्प भी होती है।
3.साक्षात्कार (Interview): साक्षात्कार, जिसे व्यक्तित्व परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है, उन उम्मीदवारों के लिए होता है जो मुख्य परीक्षा में सफल होते हैं। इसमें उम्मीदवारों के सामान्य ज्ञान, व्यक्तित्व, संघ-राज्य संबंध, सामान्य मुद्दे, आदि पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस तरह, आईएएस परीक्षा तीन चरणों में पूरी होती है। प्रारंभिक परीक्षा के सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने पर उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए योग्य होते हैं और मुख्य परीक्षा के सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने पर साक्षात्कार दिया जाता है। साक्षात्कार के बाद, उम्मीदवारों का अंक कुलंगन किया जाता है और उनके कुल अंकों के आधार पर स्थानकारी सूची (merit list) तैयार की जाती है।
आईएएस (IAS) परीक्षा में कितने विषय होते हैं:
1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं - एक सामान्य अध्ययन पेपर-I (General Studies Paper-I) और दूसरा एक आप्तित्व निर्णय पेपर-II (CSAT - Civil Services Aptitude Test)। प्रारंभिक परीक्षा में आप्तित्व निर्णय पेपर केवल पास होने के लिए होता है और इसके अंक को प्रारंभिक परीक्षा के मेन्स परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है। प्रारंभिक परीक्षा के लिए पेपर-I में सामान्य ज्ञान के विभिन्न विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
2.मुख्य परीक्षा (Main Examination): मुख्य परीक्षा में आपको नौ पेपर्स का सामरिक हिस्सा देना होता है। ये पेपर्स निम्नलिखित होते हैं:
- एक भाषा (जिसे आपको चुनना होता है)
- अंग्रेजी
- सामान्य अध्ययन-I (General Studies-I)
- सामान्य अध्ययन-II (General Studies-II)
- सामान्य अध्ययन-III (General Studies-III)
- सामान्य अध्ययन-IV (General Studies-IV)
- वैकल्पिक पेपर-I (Optional Paper-I)
- वैकल्पिक पेपर-II (Optional Paper-II)
सामान्य अध्ययन के पेपर्स में विभिन्न विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे इतिहास, भूगोल, आर्थिक विकास, राजनीति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नैतिकता, लोगिक आदि। वैकल्पिक पेपर में आपको अपने चयनित विषय का चयन करना होता है और उस विषय पर प्रश्नों का समाधान करना होता है।
3.साक्षात्कार (Interview): मुख्य परीक्षा के परिणाम के आधार पर चयनित उम्मीदवारों को आईएएस साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में, उम्मीदवार की व्यक्तित्व, ज्ञान, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी, सामाजिक विचारधारा, नैतिकता, आदि का मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रकार, आईएएस परीक्षा में कुल मिलाकर 9 विषय होते हैं।
आईएएस (IAS) Indian Administrative Service) में कितने पद (Post) होते हैं:
आईएएस (Indian Administrative Service) में कई पद होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण पद:
1.संघ सचिव (Cabinet Secretary): सबसे उच्च स्तरीय पद होता है, जिसे संघ सचिव कहा जाता है।
2.राज्यपाल (Governor): राज्यों में राज्यपाल पद की प्रतिष्ठा और कार्यक्षेत्र रहता है।
3.प्रशासनिक सेवा (Administrative Service): इसमें विभिन्न पद शामिल होते हैं जैसे प्रशासनिक अधिकारी, कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, उपायुक्त, नगर निगम कमिश्नर आदि।
4.पुलिस सेवा (Police Service): आईएएस के तहत, पुलिस सेवा में अधिकारी पदों पर नियुक्ति होती है, जैसे अपर पुलिस अधीक्षक (एसपी), उपायुक्त पुलिस (डीएसपी), सहायक पुलिस अधीक्षक (एसडीएसपी) आदि।
5.विदेश सेवा (Foreign Service): आईएएस के तहत, विदेश सेवा में अधिकारी पदों पर नियुक्ति होती है, जो भारत की विदेशी नीति और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों को संचालित करते हैं।
6.वित्त सेवा (Finance Service): आईएएस के तहत, वित्त सेवा में अधिकारी पदों पर नियुक्ति होती है, जो वित्तीय प्रबंधन, बजट नियोजन, वित्तीय नियंत्रण आदि के क्षेत्र में कार्य करते हैं।
इनके अलावा, आईएएस के तहत कई और पद होते हैं जो विभिन्न विभागों और संगठनों में भर्ती के लिए उपलब्ध होते हैं। आईएएस की सभी पदों के प्राधिकारिक और नागरिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान होता है और इन पदों पर चयनित अधिकारियों को सरकारी कार्यों को संचालित करने और सार्वजनिक सेवा को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र मिलता है।
आईएएस (IAS) Indian Administrative Service) के कार्य :
आईएएस (Indian Administrative Service) के कार्य विविध होते हैं और उन्हें सरकारी कार्यों के व्यापक क्षेत्रों में संचालित किया जाता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख किया गया है:
1.प्रशासनिक प्रबंधन: आईएएस अधिकारियों का मुख्य कार्य प्रशासनिक प्रबंधन होता है। वे सरकारी नीतियों और कानूनों के पालन का प्रबंधन करते हैं, सार्वजनिक न्यायालयों के कार्य संचालित करते हैं, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं, और सरकारी सेवाओं की प्रभावी व्यवस्था को सुनिश्चित करते हैं।
2.नीति निर्माण: आईएएस अधिकारियों को नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है। वे सरकारी नीतियों की तैयारी, विश्लेषण और प्रस्तावना करते हैं, सरकारी योजनाओं को विकसित करते हैं, समाज की समस्याओं का अध्ययन करते हैं, और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की नीतियों को तैयार करते हैं।
3.क्षेत्रीय विकास: आईएएस अधिकारियों को क्षेत्रीय विकास के क्षेत्र में भी कार्य करना पड़ता है। वे जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्राथमिकताएं, जल संसाधन, बिजली, परिवहन, सड़क सुरक्षा, पर्यटन, कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास आदि क्षेत्रों में विकास की योजनाएं बनाते हैं और नियंत्रित करते हैं।
4.कानूनी कार्य: आईएएस अधिकारियों को कानूनी मामलों का संचालन करना भी पड़ता है। वे संविधानिक और कानूनी मामलों का समीक्षण करते हैं, न्यायिक प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं, विधि संबंधी सलाह देते हैं, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कार्य करते हैं।
5.सार्वजनिक संचार: आईएएस अधिकारियों को सार्वजनिक संचार के क्षेत्र में भी कार्य करना पड़ता है। वे सरकारी संचार की योजनाएं बनाते हैं, मीडिया संबंधित कार्यों को संचालित करते हैं, सरकारी सूचना और समाचार को जनता तक पहुंचाते हैं, और सार्वजनिक ज्ञान को सुनिश्चित करते हैं।
ये कुछ मुख्य कार्य हैं जो आईएएस अधिकारियों को सौंपे जाते हैं। हालांकि, आईएएस के कार्यक्षेत्र विभिन्न हो सकते हैं और वे अपनी पदों के अनुसार विभाजित हो सकते हैं।
आईएएस (IAS) के अधिकारियों का मुख्य कार्यक्षेत्र:
आईएएस के अधिकारियों का मुख्य कार्यक्षेत्र प्रशासनिक, न्यायिक, वित्तीय, विकासीय और नीतिगत क्षेत्र में होता है।
वर्तमान में, आईएएस (IAS) परीक्षा के लिए आयु सीमा कितनी होती हैं?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service, IAS) में पद के लिए योग्यता मानदंडों की स्थापना भारतीय संविधान के तहत संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission, UPSC) द्वारा की गई है. आईएएस परीक्षा के लिए आयु सीमा और उम्र के संबंध में निर्धारित मानदंड उपलब्ध होते हैं और इनमें कुछ विशेष मामलों में छूट भी दी जाती है.
वर्तमान में, आईएएस परीक्षा के लिए आयु सीमा कितनी है:
वर्तमान में, आईएएस परीक्षा के लिए आयु सीमा निम्नलिखित है:
1.सामान्य वर्ग(general)(अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों को छोड़कर): 21 वर्ष से 32 वर्ष तक की आयु के बीच।
2.अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति Scheduled Tribes/Schedule Caste : 21 वर्ष से 37 वर्ष तक की आयु के बीच।
3.अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 21 वर्ष से 35 वर्ष तक की आयु के बीच।
यह आयु सीमाएं सामान्यतः उम्र की गणना परीक्षा के प्रारंभिक तिथि तक की जाती हैं. इसके अलावा, सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के संबंध में योग्यता में छूट भी प्रदान की जा सकती है।
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