UPSC Full Form in Hindi यूपीएससी का पूरा नाम जाने

UPSC Full Form in Hindi यूपीएससी का पूरा नाम जाने


UPSC Full Form in Hindi यूपीएससी

UPSC Full Form in Hindi यूपीएससी का पूरा नाम जाने

यूपीएससी (UPSC)का पूरा नाम होता है "यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन" (Union Public Service Commission)

क्या हैं यूपीएससी (UPSC) 
यूपीएससी (UPSC) यह भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई एक संघीय संगठन है जो भारतीय नागरिकों के लिए सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) आयोजित करता है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से विभिन्न संघीय सरकारी नौकरियों की भर्ती करता है, जिसमें भारतीय शासनिक सेवा:

1.(Indian Administrative Service, IAS), भारतीय पुलिस सेवा 
2.(Indian Police Service, IPS), भारतीय विदेश सेवा 
3.(Indian Foreign Service, IFS) और अन्य कई संघीय सेवाएं शामिल होती हैं।

यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा संघीय स्तर पर आयोजित की जाती है और इसे विभिन्न स्तरों पर चर्चित किया जाता है, जिनमें प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination), मुख्य परीक्षा (Main Examination) और साक्षात्कार (Interview) शामिल होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन (General Studies) के प्रश्न पूछे जाते हैं, जबकि मुख्य परीक्षा में नामांकन किए गए छात्रों को विभिन्न विषयों में पेपर देना होता है।

यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा देशभर में लाखों छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होती है और इसे एक बहुत ही मान्यता प्राप्त परीक्षा माना जाता है। इसका उद्देश्य एक अच्छे और पेशेवर शासकीय नौकरी की प्राप्ति करने के इच्छुक और योग्य उम्मीदवारों को चयनित करना है, जो भारत के प्रशासनिक और कार्यकारी निकायों में नेतृत्व कर सकें।

यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में कितने चरण होते हैं-

यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में तीन चरण होते हैं:
1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam): यह पहला चरण होता है और इसमें दो पेपर होते हैं - सामान्य अध्ययन (General Studies) और सिविल सेवा अप्तिता परीक्षा (Civil Services Aptitude Test, CSAT). प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न वस्तुनिष्ठ (objective) होते हैं और इसका मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्यता प्राप्त करना होता है।

2.मुख्य परीक्षा (Main Exam): प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को मुख्य परीक्षा में भाग लेना होता है। इसमें नौ पेपर होते हैं, जिनमें सामान्य अध्ययन और विभिन्न विषयों पर विस्तृत (descriptive) प्रश्न होते हैं।

3.व्यक्तिगतिक परीक्षा (Personality Test): मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को व्यक्तिगतिक परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। यह चरण साक्षात्कार (interview) के रूप में होता है, जिसमें उम्मीदवारों की व्यक्तित्व, ज्ञान, सामाजिक और नैतिक मूल्यों, सामरिक क्षमता, और विचारशीलता पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

(Final Selection): में उम्मीदवारों का चयन उनकी प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तिगतिक परीक्षा के परिणामों के आधार पर किया जाता है। चयनित उम्मीदवारों को विभिन्न संघ लोक सेवा पदों में नियुक्ति दी जाती है।

यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा कैसे ली जाती हैं–
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा को तीन चरणों में आयोजित किया जाता है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। नीचे दिए गए चरणों के बारे में विस्तृत जानकारी है:

1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination):
  • प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र (Objective Question Paper) के रूप में आयोजित की जाती है।
  • इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं: सामान्य अध्ययन (General Studies) और निर्णायक योग्यता (Civil Services Aptitude Test, CSAT)।
  • प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न पत्र दोनों पेपरों का मानक रूप में होता है और पेपर में नकारात्मक अंकन भी होता है।
  • इस परीक्षा का उत्तीर्ण करने के बाद, छात्रों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्यता प्राप्त करनी होगी।
2.मुख्य परीक्षा (Main Examination):
  • मुख्य परीक्षा लिखित परीक्षा (Written Examination) के रूप में आयोजित की जाती है।
  • यह परीक्षा सामान्य अध्ययन और वैश्विक आवश

यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में कौन-कौन से विषय होते हैं-
यूपीएससी (UPSC) (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सेवा परीक्षा में निम्नलिखित विषयों पर परीक्षा होती है:

1. सामान्य अध्ययन (General Studies):
  • इतिहास (History)
  • भूगोल (Geography)
  • भूगोलीय प्रणाली (Geophysical System)
  • आर्थिक और सामाजिक विकास (Economic and Social Development)
  • सामान्य विज्ञान (General Science)
  • भारतीय राजनीति और शासन (Indian Polity and Governance)
  • अवधारणात्मक तर्क (Conceptual and Logical Reasoning)
  • पर्यावरण, शिस्ताचार और सामाजिक न्याय (Environment, Ecology, Ethics, and Social Justice)
  • अवधारणात्मक विवेचन (Analytical Ability)

2. वैश्विक आवश्यकता (Essay):
  • निबंध लेखन (Essay Writing)

3. वैश्विक भाषा (General Studies Paper - I):
  • अंग्रेजी भाषा का परीक्षण (English Language)

4. वैश्विक भाषा (General Studies Paper - II):
  • किसी भाषा का परीक्षण (Test of any Indian Language)
यह विषय सूची केवल सामान्य अध्ययन पेपर (General Studies Papers) के लिए है और अन्य विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को विशेषज्ञता के आधार पर परीक्षा देनी होती है।

यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा कितनी होती हैं? 

यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा निम्नलिखित है:

1.सामान्य श्रेणी के (General) अभ्यर्थियों के लिए: 21 वर्ष से 32 वर्ष तक की आयु।

2.अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के अभ्यर्थियों के लिए: 21 वर्ष से 37 वर्ष तक की आयु।

3.अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अभ्यर्थियों के लिए: 21 वर्ष से 35 वर्ष तक की आयु।

4.निर्दिष्ट वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए आयु में छूटें भी प्रदान की जाती है। इसके लिए, कृपया विभागीय अधिसूचना या UPSC की आधिकारिक वेबसाइट की जांच करें।

शारीरिक रूप से विकलांग के लिए मापदंड:
संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission, UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में शारीरिक रूप से विकलांग (Physically Disabled) उम्मीदवारों के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इन मापदंडों का उद्देश्य होता है कि शारीरिक विकलांगता के अनुरूप छूट और सुविधाएं प्रदान की जाएं।

निम्नलिखित मापदंड सामान्यतः विकलांग उम्मीदवारों के लिए लागू होते हैं, लेकिन यदि आपकी विकलांगता या छूट किसी विशेष वर्ग के अंतर्गत आती है, तो आपको आयोग के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

1.शारीरिक विकलांगता वर्ग (Physically Handicapped Category): इस वर्ग में निम्नलिखित विकलांगताओं को सम्मिलित किया जाता है:
  • अंधापन (Blindness)-विकलांगता का ग्रेड A या B
  • अश्रवतता (Deafness)-विकलांगता का ग्रेड A, B या C
  • अकंगता (Leprosy-cured)-विकलांगता का ग्रेड A, B, C या D
  • अंग-उत्पादन में कमी (Locomotor Disability) विकलांगता का ग्रेड A, B, C या D
  • मनोगतिशीलता (Mental Illness) - विकलांगता का ग्रेड A, B, C या D
2.विकलांगता का स्तर (Degree of Disability): विकलांगता के स्तर के आधार पर आयोग विभिन्न छूट और सुविधाएं प्रदान करता है। इसके लिए विकलांगता का ग्रेड का उपयोग किया जाता है और यह ग्रेड A, B, C या D हो सकता है।

यूपीएससी (UPSC) (संघ लोक सेवा आयोग) की स्थापना कब हुई थी। 
यूपीएससी (UPSC) (संघ लोक सेवा आयोग) की स्थापना भारतीय संविधान के तहत इंडियन सर्विसेज की नियुक्ति और प्रशिक्षण के लिए कर्मचारी चयन करने के लिए सरकारी नियामक निकाय के रूप में 1 अक्टूबर 1926 को स्थापित की गई थी।
इसे स्थापना करने का निर्णय भारतीय नेताओं द्वारा लिया गया था, जिनमें भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, और डब्ल्यूसी बनर्जी शामिल थे। 

यूपीएससी (UPSC) का मुख्यालय कहा स्थित है:
यूपीएससी (UPSC) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसका प्रमुख कार्य भारतीय संविधान की अनुच्छेद 315 से 323 तक में स्थापित किए गए हैं।

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